मेष-व्यक्तित्व
मेष राशि वाला व्यक्ति स्पष्टवादी, सीधा एवं नेतृत्व की भावना रखने वाला होता है। यदाकदा वह दुविधा में भी पड़ जाता है, परन्तु यह स्थिति क्षणिक ही होती है। इस राशि का व्यक्ति कठिनाइयों की मंजिलों को पार कर असंभव को भी संभव बना देता है। उसका स्वभाव उदार होता है। मेष राशि का स्वामी ग्रह 'मंगल' है। यह ग्रह अग्नि तत्व प्रधान है। इसी ग्रह के प्रभाव के कारण मेष राशि वाला व्यक्ति उत्तेजना के साथ शीघ्र कार्य करने वाला होता है। वह पूरी तेजस्विता से अपना कार्य विघ्न बाधाओं और संकटों के बावजूद कर गुजरता है तथा वह स्वतंत्र निश्चय, स्वतंत्र विचारों तथा मौलिकता का समर्थक होता है। अपने लक्ष्य की दिशा में वह बराबर सफलता के कदम बढ़ाता है, पर कभी-कभी परिस्थितियों के कारण अत्यधिक घबरा जाता है। वह स्वयं को ही दोषी अनुभव करता है। कुछ समय बाद साहस से काम ले अपने मनःस्ताप को दूर कर बाधाओं पर विजय प्राप्त कर आगे बढ़ जाता है। मेष राशि वाला व्यक्ति प्रेमी-स्वभाव का होता है। स्वार्थ से उसे घृणा होती है। इस राशि वाले व्यक्ति को सब लोगों से प्रेम और आदर मिलता रहता है। इस राशि के मनुष्य का मस्तिष्क अत्यंत उर्वर होता है। वह किसी भी बात की तह को तुरंत पकड़ लेता है। परिणाम का ठीक-ठाक अनुमान लगा लेता है। मेष राशि के व्यक्ति में अपने सहयोगियों से काम लेने की अद्भुत क्षमता होती है। नेतृत्व का गुण होने के कारण वह सभी संगी-साथी, सहयोगियों का सदा समर्थन पाता रहता है तथा सभी उसकी इच्छाओं का आदर करते हैं। वह हर समय चौकस बने रहता है। हर कार्य में सतर्कता पर पहले इनका ध्यान रहता है। प्रत्येक निर्णय सावधानी से लेते हैं। इसमें विलंब के कारण वह खिन्न नहीं होते हैं और इस विषय में दूसरों की आलोचना पर ध्यान नहीं देते हैं। प्रायः इस राशि का संबंध अवांछित लोगों से भी हो जाता है। कई उलझनों में फंस जाना पड़ता है। ऐसी स्थिति में यदि सावधानी और समझदारी से काम न लेने पर अथवा अपनी दृढ़ता में कुछ कमी के कारण हानि उठाते हैं। इस राशि के कुछ व्यक्ति जिद्दी स्वभाव के भी होते हैं। ऐसे व्यक्ति तब तक अपनी गलती को स्वीकार नहीं करते, जब तक कि उन्हें भारी नुकसान न उठाना पड़ जाए। कल्पना तथा निरीक्षण शक्ति अच्छी रहती है। इस राशि में सूर्य बलवान रहता है। गुरु इस राशि में स्थित हो, तो शुभ फल मिलता है।।