नई फॉर्च्युनर में एक्टीरियर में फ्रंट चेंज काफी आकर्षक है जिससे यह चालकों को और अधिक इम्प्रेस करती है। शार्प लाइन्स को राउंडेड आकार में बदल दिया गया है। फॉर्च्युनर की चौड़ी हैडलाइट्स और बड़ा शो इसे पूरी तरह से आकर्षक बनाती है।
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बोनट बम्पर और ब्रॉड चिन से फॉर्च्युनर कुछ हद तक लैंड क्रूजर की भांति दिखाई देती है। क्रोम ग्रिल भी पहले से चौड़े हैं। नए एलॉय व्हील भी बेहतरीन लुक देते हैं। हालाँकि पहिए का आकार पहले जैसा ही है।
कंपनी ने इसके कैबिन को भी अपडेट जरूर किया है लेकिन इतना नहीं जितना बाहरी हिस्से में परिवर्तन हुए हैं। डेश बोर्ड पर लगी पियानो ब्लैक वुड बहुत ही इम्प्रेसिव है। 'कैमरी' के स्टेयरिंग की भांति यह बहुत अच्छा है और ऑटोमैटिक गियरलिवर भी सुंदर दिखता है।
रिवर्सिंग कैमरा, पॉवर्ड सीट्स और क्रूज कंट्रोल से सुसज्जित फॉर्च्युनर बेजोड़ है। डबल-डिन टच स्क्रीन ऑडियो सिस्टम यूजर फ्रेंडली है।
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खामियां : इसमें इस्तेमाल किया गया प्लास्टिक थोड़ा हल्का लगता है। सीटें भी पहले की तरह ही हैं। ड्राइवर सीट भी आरामदायक है और इसके लिए पर्याप्त जगह दी गई है, पीछे की दूसरी सीट भी आरामदायक है और सबसे पीछे वाली तीसरी रो बच्चों के लिए उत्तम है।
ऑटोमैटिक गियर बॉक्स: नई फॉर्च्यूनर में किया गया सबसे खास परिवर्तन है ऑटोमैटिक गियर बॉक्स। फिलहाल 15-20 लाख की रेंज वाली गाड़ियों में 8 स्पीड ऑटो गियरबॉक्स और ट्विन क्लच गियरबॉक्स आ रहे हैं। लेकिन टोयोटा का ऑटोमैटिक सुंदर सा बेसिक गियरबॉक्स है। यह बिल्कुल नई चीज है क्योंकि अन्य एसयूवीज गाड़ियां अपना ध्यान गियर पर दे रही हैं। फोर्ड इंडीवर में 5 स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स है।
अगर देखें तो हुंडई की हाल ही में लांच सेंटा फे में 6 और यहां तक कि इनसे आधी कीमत की स्कार्पियो में भी 6 ऑटोमैटिक गियर हैं। आपको फॉर्च्युनर में 3 फारवर्ड गियर मिलेंगे और एक सिम्पल ओवरराइड है जैसा कि आमतौर पर होता है। लेकिन साधारण का मतलब यह नहीं है कि यह विशेष काम नहीं करता।
इंजिन पॉव र: 1400 आरपीएम से 35 किलो टॉर्क प्रोड्यूस करता है। जिससे कि आप काफी तेज गति पर भी आप आराम से इसे चला सकते हैं। थोड़े निराश आप उस वक्त हो सकते हैं जब आप जल्दी में हों। गियर बदलने में यह थोड़ा समय लेता है।
फॉर्च्युनर अन्य फोर व्हील कारों से बेहतर है। यह 100 किमी की गति पकड़ने में मात्र 11.8 सेकंड का समय लेती है, 140 किमी के लिए यह केवल 23.9 सेकंड का समय लेती है।
इसका परफार्मेंस फोर व्हील ड्राइव फोर्ड इंडीवर 3.0 ऑटो से थोड़ा कम है। जोकि 100 और 140 किमी की गति पकड़ने में फोच्यूर्नर से करीब 2 सेकंड कम समय लेती है।
फॉर्च्युनर का स्टेयरिंग भी हल्का है। फोर व्हील ड्राइव सिस्टम में यह बहुत ही हल्का है और विशेषकर सिटी में चलाने में तो बहुत ही इम्प्रेसिव है। ब्रेक के मामले में टोयोटा ने जबर्दस्त सुधार किया है।
वर्ष 2010 में टोयोटा ने इसके कमजोर ब्रेकों को अपग्रेड किया था। टोयोटा ने थिकर फ्रंट डिस्क्स के साथ इसे बहुत शानदार बनाया है कि एबीएस सिस्टम के साथ इसकी गाड़ी रोकने की क्षमता में आश्चर्यजनक रूप से वृद्धि हुई है। अब आपको इसे ब्रेक लगाने के लिए पहले जैसा विशेष ध्यान देने की जरूरत नहीं।
माइलेज: फॉर्च्युनर का माइलेज सिटी में 7.8 किमी है जबकि हाईवे पर इसमें लगभग 5 किमी प्रति लीटर की वृद्धि हो जाती है और यह 12.7 किमी हो जाता है।