अयोध्या। राम जन्मभूमि निर्माण का फैसला आने के बाद से ही अयोध्या में साधु-संतों में ट्रस्ट को लेकर खींचातानी शुरू हो गई है जिसका खामियाजा गत लगभग 15 महीनों से राम जन्मभूमि निर्माण आंदोलन में सक्रिय रहे स्वामी परमहंस को भी भुगतना पड़ा।
परमहंस द्वारा गत दिनों राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष व मणिरामदास छावनी के महंत नृत्य गोपालदास के विरुद्ध टीका-टिप्पणी करना महंगा पड़ गया। इस पर परमहंस पर नृत्य गोपालदास के शिष्यों व समर्थकों ने पर हमला बोल दिया। इसमें पुलिस द्वारा परमहंस को सुरक्षित बचाकर हटाया गया और उसके बाद उन्हें उनके स्थान तपस्वी छावनी से निष्कासित होना पड़ा।
परमहंस के गुरु सर्वेश्वर दासजी ने परमहंस को निष्कासित कर दिया है। परमहंस ने अपने गुरु सर्वेश्वरजी को दशरथ कहा और कहा कि दशरथजी, रामजी को बहुत चाहते थे। परमहंस ने कहा कि मैं अपने गुरु के आदेशों का पालन करूंगा व हमें अपने रामजी पर पूरा विश्वास भी है।
इसके बाद अब परमहंस ने उग्र तेवर दिखाते हुए राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपालदास के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है व उन्होंने नृत्य गोपालदास को कैकेयी व उनके उत्तराधिकारी महंत कमलनयन दास को मंथरा का रोल अदा करने का आरोप लगाया।
इतना ही नहीं, परमहंस ने महंत नृत्य गोपालदास को आसाराम व रामरहीम इत्यादि संतों के साथ जोड़ते हुए कहा कि इन सभी के जैसे नाम व कृत्य जैसे हैं, वैसे ही नृत्य गोपालदास के भी है।
उन्होंने कहा कि महंत नृत्य गोपालदास काफी पैसे वाले पॉवर वाले व पकड़ वाले संत हैं। वो कानून को हाथ में ले लेते हैं और अयोध्या के छोटे-छोटे स्थानों पर उन्होंने कब्जा कर रखा है। इतना ही नहीं, अयोध्या के कई संतों का ये विरोध कर चुके हैं। महंत नृत्य गोपालदास से शासन व प्रशासन भी डरता है।
परमहंस ने कहा ने कहा कि जिस संत ने राम के मंदिर के निर्माण के लिए अपनी चिता सजा दी है वह अपने प्राण देने को भी तैयार है। उन्होंने कहा कि नृत्य गोपाल दास मेरी हत्या भी करा सकते हैं।