अयोध्या गए एक कारसेवक की कहानी, सरयू से सिर्फ एक मुट्‍ठी रेत और...

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शेखर किबे ने वेबदुनिया को बताई कारसेवा से जुड़ी कहानी

वृजेन्द्रसिंह झाला
रविवार, 21 जनवरी 2024 (08:30 IST)
Ayodhya Ram Mandir kar seva Story: इंदौर से हमारा 15 सदस्यीय जत्था 1 दिसंबर, 1992 को सिख मोहल्ला स्थित गुरुद्वारा में मत्था टेककर अयोध्या के लिए रवाना हुआ। हम 3 दिसंबर को सायं 5 बजे फैजाबाद रेलवे स्टेशन पर उतरे। 4 और 5 दिसंबर को हम अयोध्या सामान्य तरीके से घूमे। 5 तारीख को शाम 5 बजे एक सभा भी हुई। 
 
न्यायालय की ओर से कारसेवा पर प्रतिबंध था। हमें कार सेवा की अनुमति नहीं थी। लेकिन, उस दौरान संघ के वरिष्ठ नेता केसी सुदर्शन ने कहा कि हमें वही भूमिका निभानी जो रामसेतु बनाने के समय एक गिलहरी ने निभाई थी। हम सबको सरयू नदी से एक-एक मुट्‍ठी रेत लाकर राम चबूतरे पर रखना है। तब तक बड़ी संख्या में कारसेवक अयोध्या पहुंच चुके थे। चारों ओर जनसैलाब नजर आ रहा था।  
 

6 दिसंबर को 11-12 बजे के लगभग कारसेवा शुरू हुई। लोगों में काफी रोष दिखाई दे रहा था। तभी अचानक कारसेवकों का समूह विवादित स्थल की ओर बढ़ गया। मंच से नेतागण से कारसेवकों से आह्वान कर रहे थे कि नीचे उतर आइए, लेकिन कारसेवकों पर तो मानो जुनून सवार था। हम पश्चिम दिशा में स्थित एक बस्ती में बैठे हुए थे। देखते ही देखते कारसेवकों ने विवादित ढांचे को धराशायी कर दिया। 
 
1985 से शुरू हुआ आंदोलन : किबे कहते हैं कि अयोध्या राम मंदिर के लिए यूं तो 500 साल से ज्यादा का संघर्ष रहा है, लेकिन हमारी पीढ़ी के लिए यह आंदोलन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और विश्व हिन्दू परिषद के नेतृत्व में 1985 में शुरू हुआ। राम मंदिर के लिए आंदोलन चलाने का फैसला धर्म संसद में हुआ था। मैं इस आंदोलन से करीब 40 वर्ष से जुड़ा हुआ हूं। इसके लिए अनेक लोगों ने बलिदान दिया है। 
शेखर किबे ने कहा कि भारतीयों में राम के प्रति अगाध श्रद्धा है। राम का धर्म से कोई संबंध नहीं है। सभी धर्म के लोग राम के प्रति आस्था रखते हैं। राम भारत के नायक के रूप में जाने जाते हैं। 22 जनवरी को भव्य मंदिर में प्रभु राम बाल रूप में विराजित हो रहे हैं। पूरा देश आनंदित है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

श्रीराम कथा

भगवान राम का जन्म लाखों वर्ष पहले हुआ था या 5114 ईसा पूर्व? जानिए रहस्य

भगवान राम के संबंध में 12 रोचक तथ्‍य, आप भी जानिए इस रहस्य को...

उत्तर रामायण : लव और कुश का जीवन परिचय

दिवाली पर जब श्रीराम अयोध्या आए तो हुआ इस तरह स्वागत

राम के वंशज आज भी हैं, जानिए कौन हैं और रहते हैं कहां

भगवान राम की सेना में कौन क्या था, आप भी जानकर हैरान रह जाएंगे

महर्षि वाल्मीकि की रामायण और गोस्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस के उत्तर कांड में फर्क क्यूं?

रामायण काल की 5 खास बातें, जानकर चौंक जाएंगे

वन में प्रभु श्रीराम ने किए थे ये 7 कार्य

कैसे हुई थी प्रभु श्रीराम की मृत्यु

भगवान श्री राम ने भी उड़ाई थी पतंग, रामचरित मानस के बालकांड में है उल्लेख

रामचरित मानस की ये 10 चौपाई आपके जीवन को बदल देगी, होगा चमत्कार

एकश्लोकी रामायण : मात्र एक श्लोक में संपूर्ण रामायण, राम कथा

रामायण का जटायु पक्षी गिद्ध, गरुड़ या कुछ और

भगवान श्री राम अयोध्या आगमन के पहले कहां रुके थे?

सभी देखें

अन्य समाचार

बलिया : बिश्‍नोई गिरोह के नाम पर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष से मांगी 10 करोड़ की रंगदारी

सुरक्षाबलों के लिए क्‍यों चुनौती बन रहे आतंकी, BSF अधिकारी ने दिया यह जवाब...

NCP अध्यक्ष अजित पवार का दावा, मुख्‍यमंत्री भाजपा का ही होगा, मगर कौन?

संभल में 10 दिसंबर तक बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक, सपा ने नेताओं को रोकने की निंदा की

केजरीवाल को जिंदा जलाने की कोशिश, आप नेता भारद्वाज का सनसनीखेज आरोप

अगला लेख