कहां छुपा है इस्लामिक स्टेट का मुखिया बग़दादी

Webdunia
मंगलवार, 4 जुलाई 2017 (12:27 IST)
- हासन हसन (ताहिर इंस्टीट्यूट फॉर मिडल इस्ट पॉलिसी)
तीन साल पहले 2014 में अबू बक्र अल-बग़दादी को आख़िरी बार देखा गया था। उस वक्त एक वीडियो आया था जिसमें मूसल के एक मस्जिद अल-नूरी में अबू बक्र अपने वफ़ादारों को संबोधित कर रहे हैं। इस्लामिक स्टेट ने तब इराक़ के मूसल पर कब्जा कर उसे 'ख़िलाफ़त' घोषित किया था।
 
इस्लामिक स्टेट ने उस दौर में ब्रिटेन के क्षेत्रफल के बराबर की ज़मीन पर इस इलाके में कब्ज़ा जमा लिया था। लेकिन उसके बाद से जिहादियों के ख़िलाफ़ छिड़े जंग ने उन्हें वापस जाने को मजबूर कर दिया और तब से ही बग़दादी का कोई अता-पता नहीं है और वो रहस्यमयी तरीके से ग़ायब हैं। उनके सिर पर ढाई करोड़ अमरीकी डॉलर का इनाम है।
 
ढीली पड़ती पकड़
इन तीन सालों में इस्लामिक स्टेट ने अपने नियंत्रण वाला ज़्यादातर भू-भाग गंवा दिया है। इस्लामिक स्टेट के नेता ने पिछले नवंबर के बाद से चुप्पी साध रखी है। पिछले नवंबर में बग़दादी का एक रिकॉर्डेड संदेश सामने आया था जिसमें मूसल से इस्लामिक स्टेट को पीछे घकेलने की लड़ाई शुरू होने से पहले वो अपने वफ़ादारों को संबोधित कर रहे हैं।
 
इस बीच हाल ही में बग़दादी की मौत की ख़बरें भी आईं। रूस के उप विदेश मंत्री ने कहा था कि 'बहुत संभव' है बग़दादी 28 मई को रक़्क़ा पर हुए रूसी हवाई हमले में मारा गया हो। एक ईरानी अधिकारी ने पिछले हफ़्ते इस बात पर ज़ोर दिया कि 'निश्चत तौर पर वो मारा' गया है। हालांकि इन दोनों ही दावों पर अमरीका ने सवाल खड़े किए हैं।
 
मारा गया बग़दादी?
रूस के दावे के एक हफ़्ते बाद ही रक़्क़ा से रिलीज़ किए गए एक वीडियो में दिखाया गया है कि इस्लामिक स्टेट के सदस्य बग़दादी का नाम लिए बग़ैर 'हमारे शेख' का संबोधन कर रहे हैं। इससे बग़दादी की मौत पर सवाल खड़ा होता है।
 
तालिबान और अल क़ायदा ने भी दो सालों तक तालिबानी नेता मुल्ला उमर की मौत की ख़बर छुपा कर रखी थी। बग़दादी के समर्थन करने वाले और उनके दुश्मन दोनों के लिए ही उनकी ग़ैर मौजूदगी परेशान करने वाली है। बग़दादी के गायब होने का सवाल बहुत संभव है कि उनके ख़लीफ़ा होने के दावे के साथ जुड़ा हो।
 
मज़हबी मान्यता के मुताबिक़ कोई ऐसे दावे तब कर सकता है जब उसके पास 'शासन करने के लिए ज़मीन' हो। मूसल में इस्लामिक स्टेट की अब वो ताकत नहीं रह गई और रक़्क़ा में भी वो बहुत दबाव में है। ये दोनों ही जगहें इराक़ और सीरिया में इस्लामिक स्टेट की कथित राजधानी हैं।
यहां छुपा हो सकता है बग़दादी?
हो सकता है कि बग़दादी इस्लामिक स्टेट की तीसरी राजधानी कही जाने वाली जगह पर छुपे हों। यह जगह सीरिया और इराक़ी सीमा की ओर से घिरी हुई और इस्लामिक स्टेट के नियंत्रण में है। इस्लामिक स्टेट इस इलाके को विलायत अल-फ़ुरात कहता है। यह इराक़ी शहर अल-कायम और सीरियाई शहर अल्बु कमाल के बीच में है।
 
2014 में इस्लामिक स्टेट का उभार विलायत अल-फ़ुरात और उसके आसपास के इलाके में शुरू हुआ था। इस्लामिक स्टेट के अकाउंट से इराक़ के अनबार प्रांत से हाल ही में जारी वीडियो में दिखाया गया है कि इस्लामिक स्टेट के चरमपंथी विलायत अल-फ़ुरात इलाके का इस्तेमाल इराक़ और सीरिया में बम बरसाने के लिए कर रहे हैं।
 
फिर भी इस इलाके को इस्लामिक स्टेट के चंगुल से छुड़ाने के लिए अभी तक कोई मुहिम नहीं चलाई गई है। अमेरिकी या सीरियाई सरकार और उनके सहयोगी को सीरियाई सीमावर्ती इलाके में अपने अभियान की शुरुआत कहां से करनी चाहिए, इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
 
कब्जे से छुड़ाना चुनौती
अगर अमेरिका इस अभियान की बागडोर संभालता है तो फिर सवाल उठता है कि विद्रोही लड़ाके या फिर कुर्दिश नेतृत्व वाली सीरियाई डेमोक्रेटिक फ़ोर्सेज़ में से किसे इसका नेतृत्व करना चाहिए। इराक़ में सरकार समर्थित फ़ौज की अभी प्राथमिकता मूसल के पश्चिम में मौजूद ताल अफ़ार जैसी जगहें बनी हुई हैं।
 
इराक़ी सरकार के सलाहकार और इराक़ी जिहादी समूहों के विशेषज्ञ हिशाम अल-हाशिमी कहते हैं कि विलायत अल-फ़ुरात में बग़दादी के छुपे होने की संभावना है। इराक़ी फ़ौज ने अल्बु कमाल में पिछले दो सालों में कई हवाई हमले किए। हाशिमी के मुताबिक़ अल बग़दादी के सबसे करीबी मददगार इयाद अल-जमीली को भी इस सीरियाई शहर में देखा गया है।
 
हाशिमी का कहना है कि बग़दादी के अन्य कई क़रीबी अल्बु कमाल और मायादीन में देखे गए हैं। आज की तारीख में विलायत अल-फ़ुरात अकेली ऐसी जगह है जहां इस्लामिक स्टेट अपना पूर्ण कब्ज़ा होने का दावा कर सकता है। इस इलाके को इस्लामिक स्टेट के कब्ज़े से छुड़ाने में महीनों लग सकते हैं।
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