ऑस्ट्रेलिया में विशेषज्ञ क्यों दे रहे हैं कंगारू का मांस खाने की सलाह

Webdunia
मंगलवार, 12 सितम्बर 2017 (14:18 IST)
ऑस्ट्रेलिया के ज़मीन मालिकों और पर्यावरणविदों ने जंगली कंगारुओं की संख्या नियंत्रित करने के लिए लोगों को कंगारू का मांस अधिक खाने की सलाह दी है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2016 में देश में करीब साढ़े चार करोड़ कंगारू थे जो कि वहां के लोगों की आबादी से लगभग दोगुने हैं।
 
साल 2010 में देश में कंगारुओं की संख्या लगभग दो करोड़ 70 लाख थी। तेज़ी से बढ़ी संख्या की वजह बारिश के कारण प्रचुर मात्रा में उपलब्ध भोजन है। लेकिन विशेषज्ञों को ये डर भी है कि यदि गर्मियों में सूखा पड़ा तो दसियों लाख कंगारू भूखे भी मर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया में कंगारुओं को मारने को लेकर सख़्त क़ानून हैं। हर प्रांत में मारे जाने वाले कंगारुओं की संख्या निर्धारित है।
 
स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक कंगारुओं को मारने के लिए जारी लाइसेंस की मांग बाज़ार में मांस की मांग कम होने की वजह से कम है। हर साल कंगारुओं को मारा जाता है और ये विवाद भी पैदा होता है कि कंगारुओं को मारने से पर्यावरण पर कोई असर होता भी है या नहीं। बड़ी तादाद में मारे जाने वाले कंगारुओं की खाल का निर्यात कर दिया जाता है।
 
लेकिन इन कंगारुओं का मांस आमतौर पर बर्बाद हो जाता है क्योंकि इसकी मांग बहुत कम है। कंगारू ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय पशु है इसलिए इसके मांस को खाने के लेकर लोग आशंकित भी रहते हैं। मांस समर्थकों का कहना है कि कंगारू के मांस में फैट कम होता है और ये अन्य जानवरों की तरह मीथेन गैस भी कम उत्सर्जित करते हैं इसलिए इन्हें पालना पर्यावरण के लिए अधिक लाभकारी है।
 
एडिलेड यूनिवर्रसिटी के प्रोफेसर डेविड पैटन ने एबीसी से कहा, "लोगों को पर्यावरण की रक्षा करने और मृत पशुओं को सड़ने से बचाने के लिए कंगारुओं को मारे जाने का समर्थन करने की ज़रूरत है।" 
 
पैटन कहते हैं, "बड़ी तादाद में उपलब्ध होना कंगारू की गलती नहीं है वजह शायद ये है कि हम ही उन्हें मारने के प्रति अनिच्छुक हैं। यदि उन्हें जल्द ही नहीं हटाया गया तो ये नुकसानदेह हो सकता है।" उन्होंने कहा कि यदि हम इन जानवरों को मार रहे हैं तो हमें ये भी सोचना चाहिए कि हम उनका इस्तेमाल कैसे कर रहे हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

RJD में कौन है जयचंद, जिसका लालू पु‍त्र Tej Pratap Yadav ने अपने मैसेज में किया जिक्र

Floods in Northeast India : उफनती बोमजीर नदी में फंसे 14 लोगों को IAF ने किया रेस्क्यू

शिवसेना UBT ने बाल ठाकरे को बनाया 'सामना' का एंकर, निकाय चुनाव से पहले AI पर बड़ा दांव

विनाशकारी बाढ़ से असम अस्त व्यक्त, गौरव गोगोई के निशाने पर हिमंता सरकार

डोनाल्ड ट्रंप का बड़ा एक्शन, मस्क के करीबी इसाकमैन नहीं बनेंगे NASA चीफ

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

TECNO POVA Curve 5G : सस्ता AI फीचर्स वाला स्मार्टफोन मचाने आया तहलका

फोन हैकिंग के हैं ये 5 संकेत, जानिए कैसे पहचानें और बचें साइबर खतरे से

NXTPAPER डिस्प्ले वाला स्मार्टफोन भारत में पहली बार लॉन्च, जानिए क्या है यह टेक्नोलॉजी

Samsung Galaxy S25 Edge की मैन्यूफैक्चरिंग अब भारत में ही

iQOO Neo 10 Pro+ : दमदार बैटरी वाला स्मार्टफोन, जानिए क्या है Price और Specifications

अगला लेख