हिंदुओं पर हमलों के बाद अब बांग्लादेश सरकार बनाने जा रही यह कानून

BBC Hindi
मंगलवार, 26 अक्टूबर 2021 (07:58 IST)
बांग्लादेश के क़ानून मंत्री अनीसुल हक़ ने कहा है कि किसी भी मामले में गवाही देने वाले गवाहों की सुरक्षा और उनकी गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए सरकार बहुत जल्द एक नया क़ानून बनाने जा रही है।
 
क़ानून मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की घटनाओं की सुनवाई के परिप्रेक्ष्य में सरकार यह क़ानूनी पहल करने जा रही है।
 
बांग्लादेश में वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि अल्पसंख्यक समुदाय पर हमले की घटनाओं के अनेक मामलों में गवाहों के अभाव में सुनवाई पूरी नहीं हो पाती। इसलिए वे लंबे समय से गवाह संरक्षण क़ानून बनाने की मांग कर रहे हैं।
 
शीघ्र क़ानून लाने की प्रतिबद्धता
बांग्लादेश के क़ानून मंत्री अनीसुल हक़ ने बीबीसी से कहा कि अल्पसंख्यकों पर हमलों के मामलों में सुनवाई की प्रक्रिया प्राय: लंबी होती है और कभी-कभी इन पर कोई फ़ैसला भी नहीं हो पाता, इसका एक प्रमुख कारण गवाहों का अभाव है। इसलिए सरकार गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक नया क़ानून बनाने जा रही है।
 
क़ानून मंत्री अनीसुल हक़ ने कहा कि ऐसा क़ानून बनाने के लिए पहले ही क़दम उठाए जा चुके हैं। लेकिन 13 अक्टूबर को कुमिल्ला के पूजा मंडप में क़ुरान मिलने की घटना के बाद बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक हिंसा और हमलों के मद्देनजर ऐसे मामलों की सुनवाई का मुद्दा फिर से उभर कर सामने आया है।
 
क़ानून मंत्री अनीसुल हक़ ने कहा, ''जब ऐसे हमले होते हैं, तब होता यह है कि गवाह निडर होकर गवाही देने से हिचकिचाते हैं। इसीलिए हमने गवाह संरक्षण क़ानून बनाने के लिए पहले ही क़दम उठाये थे। अब यह क़ानून बनाकर हम इसे बहुत जल्दी ही लागू करेंगे।''
 
"इसमें गवाहों को सुरक्षा प्रदान करने की व्यवस्था होगी। और अगर कोई गवाहों से किसी तरह का दुर्व्यवहार करता है, तो इसे भी अपराध माना जायेगा और ऐसा करने वाले के ख़िलाफ़ कार्रवाई का प्रावधान होगा।"
 
क़ानून मंत्री ने कहा, "एक और बात - क़ानून में गवाहों की गोपनीयता बनाये रखने की भी व्यवस्था की जायेगी।"
 
बांग्लादेश में सर्वोच्च न्यायालय ने 2015 में गृह मंत्रालय और क़ानून मंत्रालय को गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये पहल करने का निर्देश दिया था।
 
उस समय मुख्यत: आपराधिक मामलों के त्वरित निपटान और निश्चित तारीख़ पर गवाहों की उपस्थिति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए क़ानून बनाने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद सरकार ने उन सब विषयों पर काम करना शुरू किया था।
 
साम्प्रदायिक हमलों के मामलों की सुनवाई
मानवाधिकार संगठन आइन ओ सालिश केन्द्र (क़ानून और मध्यस्थता केन्द्र) की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि 2013 से पिछले नौ वर्षों में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय, ख़ासकर हिंदू समुदाय पर हमले की साढ़े तीन हज़ार से अधिक घटनाएं हुई हैं।
 
इन हमलों में हिंदुओं के घरों और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों और पूजा मंडपों और मंदिरों पर हमला, तोड़फोड़ और आगज़नी की गई थी। संगठन ने यह रिपोर्ट अख़बारों में छपी ख़बरों के आधार पर तैयार की है।
 
क़ानून और मध्यस्थता केंद्र की वरिष्ठ उप निदेशक नीना गोस्वामी ने कहा कि इन मामलों में से शायद ही कोई ऐसा मामला हो जिसमें यह कहा जा सके कि "न्याय का कार्य पूरा हो चुका है", इसका मुख्य कारण यह है कि ज़्यादातर मामलों में लोग गवाही देने ही नहीं आते।
 
उन्होंने कहा, "अल्पसंख्यकों पर हमलों के मामलों में अधिकतर समय गवाह उसी परिवार का कोई पड़ोसी होता है, शायद एक और अल्पसंख्यक परिवार का सदस्य। लेकिन मुक़दमे की सुनवाई के दौरान गवाही देने जाने में उन्हें डर लगता है, इसलिए वे गवाही देने नहीं जाते।"
 
उन्होंने समझाया, "क्योंकि वे वहीं रहते हैं, उन्हें वहीं लौटना है, उन्हें वहीं रहना है। वे जिनके ख़िलाफ़ बोलेंगे, हो सकता है कि वे उनके पड़ोसी हों, हो सकता है कि वे प्रभावशाली हों। इसलिए लोग डर से गवाही देने नहीं जाते।"
 
ऐसे में मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने नया क़ानून बनाने की सरकार की पहल का स्वागत किया है।
 
मानवाधिकार कार्यकर्ता सुल्ताना कमाल का मानना है कि इस मामले में सरकार के केवल क़ानून बना देने से ही काम नहीं चलेगा, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना होगा कि क़ानून को अमल में लाया जाए। उनके अनुसार इसके साथ ही क़ानून लागू करने वालों की मानसिकता को बदलना भी उतना ही ज़रूरी है।
 
इस बीच, क़ानून मंत्री ने कहा कि अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों के मामलों की सुनवाई के लिए सरकार ने अल्पसंख्यक संरक्षण अधिनियम का मसौदा तैयार कर लिया है। सरकार मसौदे की समीक्षा के बाद इस दिशा में आगे बढ़ने पर भी विचार कर रही है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Gold Prices : शादी सीजन में सोने ने फिर बढ़ाई टेंशन, 84000 के करीब पहुंचा, चांदी भी चमकी

Uttar Pradesh Assembly by-election Results : UP की 9 विधानसभा सीटों के उपचुनाव परिणाम, हेराफेरी के आरोपों के बीच योगी सरकार पर कितना असर

PM मोदी गुयाना क्यों गए? जानिए भारत को कैसे होगा फायदा

महाराष्ट्र में पवार परिवार की पावर से बनेगी नई सरकार?

पोस्‍टमार्टम और डीप फ्रीजर में ढाई घंटे रखने के बाद भी चिता पर जिंदा हो गया शख्‍स, राजस्‍थान में कैसे हुआ ये चमत्‍कार

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

सस्ता Redmi A4 5G लॉन्च, 2 चिपसेट वाला दुनिया का पहला 5G स्मार्टफोन

Vivo Y19s में ऐसा क्या है खास, जो आपको आएगा पसंद

क्या 9,000 से कम कीमत में आएगा Redmi A4 5G, जानिए कब होगा लॉन्च

तगड़े फीचर्स के साथ आया Infinix का एक और सस्ता स्मार्टफोन

Infinix का सस्ता Flip स्मार्टफोन, जानिए फीचर्स और कीमत

अगला लेख