कैंसर को 10 सैकेंड में पकड़ लेगा ये 'पेन'

Webdunia
गुरुवार, 7 सितम्बर 2017 (11:33 IST)
कैंसर का नाम सुनते ही हम सभी डर जाते हैं, यह बीमारी है ही इतनी ख़तरनाक। लेकिन अगर आपको बताया जाए कि एक छोटा-सा पेन महज़ 10 सैकेंड में कैंसर के लक्षणों को पहचान सकता है तो आप भी हैरान रह जाएंगे।
 
टैक्सस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक उन्होंने एक ऐसा डिवाइस बनाया है जिसे आसानी से हाथ में पकड़ा जा सकता है और यह 10 सैकेंड में कैंसर टिश्यू की पहचान कर लेगा। इससे कैंसर का इलाज तेज़ी और बेहतर तरीके से किया जा सकेगा।
 
कैसे करता है काम?
इस पेन को उस जगह रखा जाता है जहां कैंसर होने की संभावना होती है, पेन से पानी की एक छोटी-सी बूंद निकलती है। इसके बाद जीवित कोशिकाओं के भीतर मौजूद रसायन पानी की उस बूंद की तरफ जाने लगता है, जिसे परीक्षण के लिए पेन वापिस सोख लेता है।
 
इस पेन को स्पेट्रोमीटर से जोड़ा गया है, यह स्पेट्रोमीटर प्रत्येक सैकेंड में हज़ारों रसायनों का द्रव्यमान माप सकता है। इस पेन की मदद से एक प्रकार का रसायनिक फिंगरप्रिंट तैयार हो जाता है जो डॉक्टर को यह पहचानने में मदद करता है कि टिश्यू में कैंसर है या नहीं।
 
डॉक्टरों के लिए एक सामान्य और कैंसर वाले टिश्यू में अंतर कर पाना हमेशा ही बड़ी चुनौती रहती है। इस पेन की मदद से यह काम काफी हद तक आसान हो जाएगा। लिविया एबरलिन टैक्सस यूनिवर्सिटी में रसायन विज्ञान की असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। लिविया बताती हैं, ''इस डिवाइस की सबसे अच्छी बात है कि यह बड़ी ही आसानी से कैंसर टिश्यू की पहचान कर लेता है, इसे इस्तेमाल करना भी बहुत आसान है।''
 
कैसा रहा परीक्षण?
इस तकनीक का परीक्षण 253 सैम्पल पर किया गया। इस डिवाइस को अगले साल तक प्रयोग करने का विचार है। उससे पहले इसका कई तरह से परीक्षण किया जा रहा है। फिलहाल इस पेन के ज़रिए 1.5 मिलिमीटर तक छोटा टिश्यू पहचाना जा सकता है। हालांकि शोधार्थियों के अनुसार वे इस पेन को और ज्यादा बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं जिससे 0.6 मिलिमीटर छोटे टिश्यू की पहचान भी हो सके।
 
वैसे तो इस पेन की कीमत बहुत कम है, लेकिन इसके साथ लगने वाला स्पेकट्रोमीटर काफी महंगा और भारी है। डॉ. एबरलिन का भी यही मानना है। वे कहती हैं, ''इस डिवाइस के सफल होने के सामने स्पेक्ट्रोमीटर ही एक रोड़ा बना हुआ है, हालांकि हम छोटा और आसानी से प्रयोग हो सकने योग्य स्पेक्ट्रोमीटर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।''
 
इससे पहले भी कई यूनिवर्सिटियों में कैंसर के इलाज से जुड़े डिवाइस बनाए गए हैं। लंदन के इम्पीरियल कॉलेज में एक ऐसा चाकू इज़ाद किया गया था जिसकी मदद से भी कैंसर की पहचान की जा सकती है। वहीं हावर्ड यूनिवर्सिटी की टीम ब्रेन कैंसर को ठीक करने के लिए लेज़र तकनीक का प्रयोग कर रही है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Maharashtra : शिंदे ने शंकाओं को किया दूर, देवेंद्र फडणवीस का रिएक्शन आया सामने

संभल हिंसा को लेकर पुराना वीडियो वायरल, गलत दावे के साथ किया जा रहा शेयर

मजाक बनकर रह गई प्रक्रिया, वक्फ बोर्ड संसदीय समिति से बाहर निकले विपक्षी सांसद, 1 घंटे बाद वापस लौटे

PAN 2.0 Project : कैसे बनेगा नया पैन कार्ड, कितनी लगेगी फीस, आखिर सरकार क्यों लाना चाहती है नया प्रोजेक्ट, सारे सवालों के जवाब

CM of Maharashtra : कैसे मान गए शिंदे, इतनी आसानी से क्यों दे दी CM की कुर्सी, क्या है पर्दे के पीछे की कहानी

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

सस्ता Redmi A4 5G लॉन्च, 2 चिपसेट वाला दुनिया का पहला 5G स्मार्टफोन

Vivo Y19s में ऐसा क्या है खास, जो आपको आएगा पसंद

क्या 9,000 से कम कीमत में आएगा Redmi A4 5G, जानिए कब होगा लॉन्च

तगड़े फीचर्स के साथ आया Infinix का एक और सस्ता स्मार्टफोन

Infinix का सस्ता Flip स्मार्टफोन, जानिए फीचर्स और कीमत

अगला लेख