समीरात्मज मिश्र (लखनऊ से बीबीसी हिन्दी के लिए)
उत्तरप्रदेश के फ़तेहपुर ज़िले में कथित तौर पर कुछ दबंगों की पिटाई से क्षुब्ध होकर एक दलित युवक ने आत्महत्या कर ली। युवक का अपराध इतना था कि उसकी बकरियों ने अभियुक्तों के आम के पेड़ की पत्तियां खा ली थीं। पुलिस ने गांव के ही 3 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करके 2 अभियुक्तों को गिरफ़्तार कर लिया है।
फ़तेहपुर के पुलिस अधीक्षक सतपाल आंतिल ने बताया, 'मलवां थाने के अस्ता गांव में सूचना मिली थी कि एक युवक ने आत्महत्या कर ली है। परिजनों से पता चला कि युवक का कुछ लोगों से विवाद हुआ था। उनकी शिकायत पर 3 लोगों के ख़िलाफ़ आत्महत्या के लिए उकसाने और दलित एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। 2 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है।'
मलवां थाना क्षेत्र के अस्ता के रहने वाले रमापति दिवाकर का बेटा धर्मपाल खेती करता था। मंगलवार को गांव में ही बकरियां चराने गया था। उसी दौरान कुछ लोगों से उसका विवाद हुआ जिससे वह बहुत परेशान था। धर्मपाल के पिता रमापति दिवाकर बताते हैं, 'बेटा शाम को बकरी चराने घर से निकला था। तालाब के किनारे गांव के ही रहने वाले बुलाकी का एक आम का पेड़ है। इसके पत्ते तोड़कर वो बकरी को खिला रहा था। इस दौरान, बुलाकी के बेटे नूर मोहम्मद, आशिक अली और उनका भतीजा सलमान वहां पहुंच गए। तीनों ने धर्मपाल को मारा-पीटा। जब उसकी मां वहां पहुंची तो उनके साथ उन लोगों ने गाली-गलौज भी की। गांव के और लोग पहुंचे तो बड़ी मुश्किल से उसे छुड़ा पाए। पुलिस के आने पर उन लोगों ने धर्मपाल पर जंजीर चुराने का आरोप लगा दिया। इसी इल्जाम से परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली।'
रमापति दिवाकर बताते हैं कि अभियुक्तों ने इससे पहले भी कई बार धर्मपाल के साथ मारपीट की थी। धर्मपाल की मौत के बाद गांव में तनाव का माहौल है। परिजनों ने पुलिस को शव उठाने से रोक दिया लेकिन पुलिस से मिले कठोर कार्रवाई के आश्वासन के बाद वो शव के पोस्टमॉर्टम को तैयार हो गए।
ग्रामीणों का आरोप है कि घटना में नामज़द अभियुक्त अक्सर गांव के लोगों के साथ बदसलूकी और मारपीट करते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि कई बार शिकायत के बावजूद पुलिस ने उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की। मृत युवक धर्मपाल के पिता रमापति दिवाकर के मुताबिक मारपीट की भी शिकायत पुलिस से की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई लेकिन जब अभियुक्तों ने 112 नंबर पर फ़ोन किया तो पुलिस तुरंत आ गई।
वे बताते हैं, 'जिन लोगों ने धर्मपाल को मारा-पीटा, वही लोग पुलिस को लेकर हमारे घर आ गए और धर्मपाल पर जेवरात चोरी करने का आरोप लगाने लगे। इसी बात से आहत होकर धर्मपाल चुपचाप अंदर चला गया और आत्महत्या कर ली।