ट्रंप के साथ अफ़ेयर के क़िस्से सुनाएंगी पॉर्न स्टार?

Webdunia
शुक्रवार, 16 फ़रवरी 2018 (11:06 IST)
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के निजी वकील ने अमेरिकी मीडिया के सामने क़बूल कर लिया है कि उन्होंने साल 2016 में एक पॉर्न स्टार को 1 लाख 30 हज़ार डॉलर का भुगतान किया था।
 
ट्रंप के वकील के इस बयान के बाद पॉर्न स्टार के मैनेजर गिना रॉड्रिगेज़ ने कहा कि ट्रंप के वकील ने पैसे देने की बात स्वीकार कर ली है, लिहाज़ा अब स्टॉर्मी डेनियल्स अपनी कहानी सुनाने के लिए आज़ाद हैं। उन पर अनुबंध तोड़ने की बात अब लागू नहीं होगी।
 
अमेरिकी मीडिया के मुताबिक़ पॉर्न एक्ट्रेस स्टॉर्मी डेनियल्स को ये भुगतान एक कांट्रेक्ट साइन करने के एवज में किया गया जिसके अनुसार वह ट्रंप और उनके बीच कथित अफ़ेयर की चर्चा ना कर सकें।
 
डेनियल्स ने पहली बार 2011 में एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि उनके और ट्रंप के बीच संबंध थे। ट्रंप के वकील माइकल डी कोहेन ने पहले कहा था कि ट्रंप इस बात से पूरी तरह इनकार करते हैं।
 
'मैं हमेशा ट्रंप का बचाव करूंगा'
माइकल डी कोहेन ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया, "ना तो ट्रंप की संस्था और ना ही ट्रंप के कैंपेन का स्टेफ़नी क्लिफोर्ड (स्टॉर्मी डेनियल्स का असली नाम) को हुए भुगतान से कोई लेना देना है और ना ही उन्होंने इस पैसे को मुझे किसी रूप में लौटाया है।"
 
उन्होंने कहा कि केंद्रीय चुनाव आयोग को भी उन्होंने यही बताया है। एक गैर-सरकारी संस्था ने चुनाव आयोग से इस भुगतान को लेकर शिकायत की थी कि इस भुगतान से ट्रंप के कैंपेन ने फंडिंग के नियमों को तोड़ा है।
 
माइकल कोहेन ने कहा, "क्लिफ़ोर्ड को किया गया भुगतान पूरी तरह से वैध है और यह किसी भी तरह से कैंपेन फंडिंग का हिस्सा नहीं है और ना ही कैंपेन ख़र्च का हिस्सा है।"
 
सीएनएन ने जब कोहेन से पूछा कि ये भुगतान क्यों किया गया तो उन्होंने बताया कि ज़रूरी नहीं कि अगर कोई बात सच ना हो तो वो आपको नुकसान नहीं पहुंचा सकती। मैं हमेशा ट्रंप का बचाव करूंगा।"
 
क्या कहा था पॉर्न स्टार ने
इनटच पत्रिका को 2011 में दिए इंटरव्यू में क्लिफ़ोर्ड ने कहा था कि 2006 में ट्रंप और उनके बीच शारीरिक संबंध शुरू हुए थे और इससे कुछ ही वक़्त पहले मेलानिया ट्रंप ने अपने बेटे बैरन को जन्म दिया था।
 
ये ख़बर एक बार फिर जनवरी में ताज़ा हुई जब वॉल स्ट्रीट जर्नल अख़बार ने छापा कि 2016 चुनावों से पहले क्लिफ़ोर्ड से एक नॉन-डिस्कलॉज़र एग्रीमेंट साइन करवाया गया था ताकि उन्हें इस अफ़ेयर के बारे में बोलने से रोका जा सके।
 
अख़बार की रिपोर्ट के मुताबिक़ क्लिफ़ोर्ड उस वक़्त टेलीविज़न पर ट्रंप के बारे में बात करने के लिए अमरीकी मीडिया के संपर्क में थीं।

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