9 सवालों से डिप्रेशन का पता लगाएगा गूगल

Webdunia
शुक्रवार, 25 अगस्त 2017 (11:27 IST)
क्या आप डिप्रेशन यानी अवसाद के शिकार हो रहे हैं, यह पता करने में अब गूगल आपकी मदद करेगा। बहुत जल्द ऐसा होगा कि 'डिप्रेशन' को सर्च करने वालों से गूगल कुछ सवाल पूछकर यह पता करने की कोशिश करेगा कि आप डिप्रेशन के शिकार हैं या नहीं।

डिप्रेशन सर्च करने वालों को एक लिंक दिखेगा, 'पता कीजिए कि आपको डिप्रेशन है या नहीं'। इस पर क्लिक करके वे उन सवालों तक पहुंच जाएंगे।
 
'निदान के अकेले टूल के तौर पर नाकाफ़ी'
इसके लिए गूगल ने अमेरिका के नेशनल अलायंस ऑन मेंटल इलनेस (नामी) से गठजोड़ किया है। यह प्रोजेक्ट शुरुआत में सिर्फ़ अमेरिकी यूजर्स के लिए होगा। इसे पेशेंट हेल्थ क्वेश्चनायर कहा जा रहा है और चूंकि इसमें नौ सवाल होंगे इसलिए इसे संक्षेप में 'पीएचक्यू-9' नाम दिया गया है।
 
हालांकि 'नामी' के मुताबिक, "यह टूल मदद करेगा, लेकिन यह जानना भी ज़रूरी है कि डिप्रेशन की पुष्टि के लिए अकेले टूल के तौर पर पीएचक्यू-9 का इस्तेमाल काफ़ी नहीं है।"
 
इसमें इस तरह के सवाल पूछे जाएंगे कि आपको क्या अकसर कुछ काम करने में कम रुचि और लुत्फ़ महसूस होता या कुछ चीज़ों मसलन अख़बार पढ़ने या टीवी देखते हुए ध्यान केंद्रित रखने में दिक्क़त होती है?
 
कई अध्ययनों में पता चला है कि यह क्लिनिकल डिप्रेशन का पता लगाने का छोटा और विश्वसनीय तरीक़ा है।
 
'ज़्यादा सजग होकर कर पाएंगे डॉक्टरों से बात'
एक ब्लॉग पोस्ट पर ख़बर का ऐलान करते हुए नामी ने कहा कि इसे इस तरह नहीं देखा जाना चाहिए कि यह क़ाबिल डॉक्टरों की जगह ले लेगा। बल्कि यह लोगों की जल्द से जल्द मदद करने का एक ज़रिया भर है।
 
संस्था के मुताबिक, "पता कीजिए कि आपको डिप्रेशन है या नहीं' पर क्लिक करके आप ख़ुद की जांच कर सकेंगे ताकि अपने डिप्रेशन के स्तर और व्यक्तिगत मूल्यांकन की ज़रूरत का पता लगा सकेंगे। पीएचक्यू 9 के नतीजों के बाद आप ज़्यादा सजग होकर डॉक्टर से बात कर पाएंगे।"
 
हालांकि साइकोथैरेपिस्ट डॉक्टर एरॉन बैलिक को लगता है कि यह विचार 'बहुत बेकार' है। 'द साइकोडायनमिक्स ऑफ़ सोशल नेटवर्किंग' के लेखक डॉक्टर एरॉन के मुताबिक, डिप्रेशन के बारे में गूगल कर रहे किसी शख़्स को इस छोटे टेस्ट से बहुत ज़्यादा काम की जानकारियां नहीं मिलेंगी, क्योंकि वे पहले ही सर्च नतीजों में आ जाती हैं।
 
बीबीसी से बातचीत में उन्होंने कहा, 'बेहतर ये होता कि अगर कोई उदास महसूस कर रहा हो तो उन्हें कोई साधन- मसलन एक चैट बॉक्स दिया जाता, जिसके ज़रिये वो स्थानीय मनोवैज्ञानिक सेवाओं से जुड़ सकते।'

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

नाई के पोते, मछुआरे के नाती US राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 3 शादियां कीं, जानिए कितना बड़ा है परिवार

महाकाल मंदिर में फिर फिल्‍मी गाने पर रील बनाई युवती ने, भक्‍तों को आया गुस्‍सा

शामली में मारा गया एक लाख का इनामी अरशद 14 साल की जेल काटकर पिछले साल ही हुआ था रिहा

क्या पटपड़गंज में चल पाएगा AAP उम्मीदवार का फ्री कोचिंग का दांव

इंदौर में कचरे की अवैध खरीद फरोख्त करना पड़ा महंगा, कबाड़ी पर लगा 1 लाख का जुर्माना

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

Realme 14 Pro : रियलमी का सस्ता Phone, ठंड में बदलेगा कलर, फीचर्स भी हैं धमाकेदार

पोको ने लॉन्च किए 2 सस्ते स्मार्टफोन Poco X7 Pro 5G और Poco X7 5G, जानिए फीचर्स

नए साल पर सस्ता हुआ iphone 16, जानिए कितने घटे दाम

Vivo Y29 5G : सस्ते स्मार्टफोन में महंगे फोन के फीचर्स

Realme 14x : IP69 रेटिंग वाला सबसे सस्ता फोन, 6000mAh बैटरी के साथ धमाकेदार फीचर्स

अगला लेख