मटन और चिकन चाहते हैं चांद पर जाने वाले भारतीय अंतरिक्ष यात्री

Webdunia
शनिवार, 4 जनवरी 2020 (16:30 IST)
इमरान क़ुरैशी
बीबीसी हिंदी के लिए
 
भारतीय एस्ट्रोनॉट अब ये चुनेंगे कि उनके खाने के लिए चिकन करी और पालक करी कितनी मसालेदार हो। ये वो खाना है जो ख़ासतौर पर 2021 के मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन 'गगनयान' के लिए भेजा जाएगा।
 
मैसूर में रक्षा खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला (डीएफआरएल) ने अंतरिक्ष मिशन के दौरान खाने के लिए 22 तरह के सामान बनाए हैं जिनमें हल्का-फुल्का खाना, ज़्यादा एनर्जी वाला खाना, ड्राई फ्रूट्स और फल शामिल हैं। खाने के इन सामान को जांच के लिए अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) भेज दिया गया है।
 
इसरो ने दो दिन पहले घोषणा की थी कि उन्होंने 4 एस्ट्रोनॉट को चुना है जिनकी बेंगलुरू में स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ़ एविएशन मेडिसिन (आईएएम) में जांच की गई थी। ये एस्ट्रोनॉट इस महीने के तीसरे हफ़्ते में प्रशिक्षण के लिए रूस रवाना होने वाले हैं। हालांकि इसरो प्रमुख के सिवन ने उन एस्ट्रोनॉट्स के नाम बताने से इनकार कर दिया था।
 
एस्ट्रोनॉट चखेंगे स्वाद
डीएफआरएल के निदेशक डॉ. अनिल दत्त सेमवाल ने बीबीसी को बताया कि खाने के ये सभी सामान एस्ट्रोनॉट्स खाकर देखेंगे क्योंकि इनका चुनाव इस बात पर भी निर्भर करता है कि उन्हें ये कितने अच्छे लगते हैं। इसरो की एक टीम इनकी जांच करेगी।"
 
अनिल दत्त सेमवाल बताते हैं कि "एस्ट्रोनॉट्स के लिए शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह का खाना बनाया गया है। इन्हें गर्म करके खाया जा सकता है। हम भारतीय गर्म खाना पसंद करते हैं। हम खाना गर्म करने के लिए एक उपकरण भी दे रहे हैं जिसके ज़रिए लगभग 92 वॉट बिजली से खाना गर्म किया जा सकता है। ये उपकरण खाने को 70 से 75 डिग्री तक गर्म कर सकता है।"
"ये खाना स्वस्थ है और एक साल तक चल सकता है। वो (इसरो) मटन या चिकन चाहते हैं। हमने चिकन करी और बिरयानी दी है। वो बस इसे पैकेट से निकालकर, गर्म करके खा सकते हैं।"
 
अनिल सेमवाल ने बताया कि "हमने अनानास और कटहल जैसे स्नैक्स भी दिए हैं। ये स्नैक्स के लिए एक बहुत ही स्वस्थ विकल्प है। हम सबकुछ रेडीमेड दे रहे हैं जैसे सांबर के साथ इडली। इसमें आप पानी डालकर खा सकते हैं।"
 
"हां ये ज़रूर है कि एक बार पैकेट खुलने के बाद उसे 24 घंटों के अंदर खाना होगा। इस खाने को आधा खाकर नहीं रखा जा सकता। जब आप पैकेट खोल देते हैं तो ये सामान्य खाने की तरह बन जाता है।"
 
नासा के मानदंडों पर बना खाना
डीएफआरएल में अंतरिक्ष मिशन के लिए तैयार किया गया हर खाना नासा द्वारा तय कड़े मानदंडों के अनुसार बनाया गया है। जब एस्ट्रोनॉट्स खाने के पैकेट खोलते हैं, तो उनके आसपास कोई रोगाणु नहीं होने चाहिए। अंतरिक्ष के खाने के बहुत विशिष्ट मानदंड हैं।
लेकिन, डॉ. सेमवाल ने स्पष्ट किया है कि इसरो को दिए गए खाने के सामान में खाने के चम्मच और छोटी प्लेटें शामिल नहीं हैं।
 
डीएफआरएल ने 1984 में अंतरिक्ष मिशन में जाने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा के लिए भी खाना तैयार किया था। डॉ. सेमवाल कहते हैं, "हमारे पास इसकी विशेषज्ञता है।"
 
अंतरिक्ष में उपयोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थ उस खाने से काफी अलग होते हैं जिन्हें सियाचिन में सैनिकों को दिया जाता है जो धरती का सबसे ऊंचा युद्ध का मैदान है और जहां पर भारत और पाकिस्तान 1984 में लड़ चुके हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Indore में हेलमेट पर cctv कैमरा लगाकर घूम रहा राजू, चौंका देगी पूरी कहानी

भारतीय कर रहे ज्‍यादा नमक का सेवन, इन बीमारियों का बढ़ रहा खतरा, ICMR रिपोर्ट में हुआ खुलासा

Bihar polls: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग के 'सूत्र' को बताया 'मूत्र', बयान पर मचा बवाल

Imran Khan : क्‍या जेल से रिहा होंगे इमरान खान, PTI पार्टी ने शुरू किया आंदोलन

Uttarakhand में क्यों पड़ी ‘ऑपरेशन कालनेमि’ की जरूरत? अब CM पुष्कर सिंह धामी ने खुद दिया जवाब

सभी देखें

मोबाइल मेनिया

iPhone 16 को कड़ी टक्कर देगा Vivo का सस्ता फोन, 6500mAh की दमदार बैटरी धांसू फीचर्स

Samsung Galaxy Z Fold 7 : सैमसंग का धांसू फ्लिप स्मार्टफोन, कीमत सुनेंगे तो हो जाएंगे हैरान

OnePlus Nord 5 : 20 घंटे चलने वाली बैटरी, 50 MP कैमरा, वन प्लस का सस्ता स्मार्टफोन लॉन्च

Nothing Phone 3 की क्या है कीमत, जानिए इसके 10 दमदार फीचर्स

Nothing Phone 3 कल होगा लॉन्च, स्मार्टफोन में मिलेंगे ये खास फीचर्स, इतनी हो सकती है कीमत

अगला लेख