भारत-चीन सीमा विवाद : महाराष्ट्र ने 5000 करोड़ रुपए के चीनी निवेश को दिखलाया रेड सिग्नल

BBC Hindi
बुधवार, 24 जून 2020 (15:34 IST)
महाराष्ट्र में चीनी कंपनियों के 5000 करोड़ रुपए के निवेश को उद्धव ठाकरे की सरकार ने फिलहाल रोक दिया है। राज्य की उद्योग राज्यमंत्री अदिति तटकरे ने बीबीसी की मराठी सेवा को बताया कि राज्य की गठबंधन सरकार और केंद्र सरकार ने आपसी सहमति से ये फ़ैसला लिया है। अदिति तटकरे ने कहा, चीनी कंपनी ग्रेट वॉल मोटर्स के साथ पिछले महीने समझौता ज्ञापन पर दस्तखत हुए थे।

इससे राज्य में रोज़गार के अवसर पैदा होते, लेकिन मौजूदा सीमा विवाद को देखते हुए इन परियोजनाओं को फिलहाल के लिए रोक दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने केंद्र सरकार को इसके बारे में जानकारी दे दी है। अब केंद्र सरकार हमें दिशानिर्देश देगी कि इन परियोजनाओं के साथ क्या करना है।

मंत्री ने बताया, लॉकडाउन हटाए जाने के बाद मैग्नेटिक महाराष्ट्र कैम्पेन के तहत अलग-अलग देशों से महराष्ट्र में विदेशी निवेश आ रहे थे। महाराष्ट्र सरकार उद्योग जगत को एक स्वस्थ माहौल देने की इच्छा रखती है। इसी वजह से, कुछ चीनी कंपनियां भी महाराष्ट्र में निवेश के लिए इच्छुक थीं। लेकिन गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद तस्वीर बदल गई है। इसलिए जब तक कि केंद्र सरकार की तरफ़ से हरी झंडी नहीं मिलेगी, ये परियोजनाएं रुकी रहेंगी। महाविकास अगाड़ी ने राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रखते हुए ये फ़ैसला किया है।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया अख़बार में छपी रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के इंडस्ट्री मिनिस्टर सुभाष देसाई ने कहा कि ये समझौते गलवान घाटी की घटना से पहले हुए थे। सुभाष देसाई ने कहा है, विदेश मंत्रालय ने हमें इन परियोजनाओं को रोकने और इन पर अमल करने की दिशा में कोई और कदम नहीं उठाने के लिए कहा है।

समझौता क्या हुआ था?
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मैग्नेटिक महाराष्ट्र कैम्पेन के तहत राज्य में 16 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश के समझौतों की घोषणा की थी। इन्हीं समझौतों में एक समझौता चीनी कंपनी ग्रेट वॉल मोटर्स के साथ भी हुआ था। समझौते के तहत तीन चीनी कंपनियों को पुणे में परियोजनाएं शुरू करनी थी। इनमें ग्रेट वॉल मोटर्स ने सबसे बड़े निवेश का वादा किया था।

कंपनी महाराष्ट्र में 3700 करोड़ रुपए निवेश करने वाली थी। माना जा रहा था कि इस कंपनी के निवेश से दो हज़ार लोगों को नौकरियां मिलने वाली थी। इसके अलावा चीनी कंपनी फोटोन ने पुणे में एक हज़ार करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव रखा था।

फोटोन के निवेश से 500 लोगों को नौकरियां मिलने की उम्मीद थी। ग्रेट वॉल मोटर्स और फोटोन के बाद तीसरी कंपनी हेंगली इंजीनियर्स थी। तालेगांव में हेंगली इंजीनियर्स ने 250 करोड़ रुपए के निवेश का प्रस्ताव रखा था और इससे 150 लोगों को नौकरी मिलने की उम्मीद थी।

मैग्नेटिक महाराष्ट्र कैम्पेन
कोरोना महामारी को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बाद महाराष्ट्र सरकार ने मैग्नेटिक महाराष्ट्र कैम्पेन के तहत कुछ विदेशी कंपनियों से निवेश के समझौते किए थे। चीन के अलावा, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और अमेरिका की कुछ कंपनियों ने महाराष्ट्र में निवेश के लिए दिलचस्पी दिखाई थी। राज्य सरकार ने इन देशों के साथ 12 समझौतों पर दस्तखत किए थे। इनमें से तीन समझौते चीनी कंपनियों के साथ थे।

टाइम्स ऑफ़ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र सरकार नौ अन्य समझौतों पर काम कर रही है। जनवरी में हुए समझौते के अनुसार, ग्रेट वॉल मोटर्स को तालेगांव में जनरल मोटर्स के प्लांट का नियंत्रण मिल गया था। कंपनी इस कारखाने में एडवांस रोबोट्स की मदद से स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (एसयूवी) का निर्माण करने वाली थी। ग्रेट वॉल मोटर्स की योजना 7600 करोड़ रुपए के निवेश की थी।

प्रधानमंत्री की सर्वदलीय बैठक
शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के साथ तनाव के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। माना जा रहा है कि चीनी निवेश को स्थगित करने का फ़ैसला इसी मीटिंग के दौरान हुआ है। ऐसा नहीं है कि चीनी कंपनियों ने केवल महाराष्ट्र में निवेश के समझौते किए थे। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा ने भी चीनी कंपनियों से समझौते कर रखे हैं। माना जा रहा है कि ये राज्य भी चीनी निवेश की इन परियोजनाओं को रोक सकते हैं।

हिंदुस्तान टाइम्स ने शनिवार को इस सिलसिले में एक रिपोर्ट प्रकाशित की है। रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा सरकार ने हिसार के यमुनानगर प्लांट में फ्लू गैस डिसल्फराइज़ेशन सिस्टम लगाने के लिए चीनी कंपनियों को दिए गए दो ठेके रद्द कर दिए। ये प्रोजेक्ट 780 करोड़ रुपए के थे।

हरियाणा सरकार ने ये भी स्पष्ट किया है कि आने वाले कुछ दिनों में चीनी कंपनियों के साथ किए गए कुछ और समझौते भी रद्द किए जाएंगे। गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी चीन के साथ व्यापारिक संबंध रखने और चीनी सामान के इस्तेमाल पर ऐतराज जताया है। हालांकि बिहार सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक आदेश अभी तक नहीं जारी किया है।

राजस्थान, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकारों ने चीनी कंपनियों के साथ किए गए समझौतों के सिलसिले में अभी तक कोई घोषणा नहीं की है। तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद डोला सेन ने इसी सिलसिले में ये सवाल उठाया है कि केंद्र सरकार चीनी कंपनियों से कारोबार रोकने के बारे में खुद कोई फ़ैसला क्यों नहीं कर रही है।

बीजेपी सरकार को चीनी कंपनियों के साथ कारोबार न करने के बारे में फ़ैसला करना चाहिए। महाराष्ट्र के प्रधान सचिव भूषण गगरानी का कहना है कि मैनुफैक्चरिंग और रियल इस्टेट सेक्टर में चीनी कंपनियों के निवेश के बारे में केंद्र सरकार को फ़ैसला करना है। देशभर के लिए एक समान नीति होनी चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

Realme के 2 सस्ते स्मार्टफोन, मचाने आए तहलका

AI स्मार्टफोन हुआ लॉन्च, इलेक्ट्रिक कार को कर सकेंगे कंट्रोल, जानिए क्या हैं फीचर्स

Infinix Note 40 Pro 5G : मैग्नेटिक चार्जिंग सपोर्ट वाला इंफीनिक्स का पहला Android फोन, जानिए कितनी है कीमत

27999 की कीमत में कितना फायदेमंद Motorola Edge 20 Pro 5G

Realme 12X 5G : अब तक का सबसे सस्ता 5G स्मार्टफोन भारत में हुआ लॉन्च

अगला लेख