भारत को लेकर रूस और यूक्रेन में क्यों हुई ये बहस?

BBC Hindi
गुरुवार, 3 मार्च 2022 (08:34 IST)
यूक्रेन में भारतीय नागरिकों को निकालने के मसले पर बुधवार को रूस और यूक्रेन के बीच ख़ूब बयानबाज़ी हुई। एक तरफ़ रूस ने यूक्रेन पर भारतीयों को बंधक बनाने का आरोप लगाया तो दूसरी तरफ़ यूक्रेन ने आरोप ख़ारिज करते हुए रूस पर पलटवार किया।
 
रूस ने बुधवार को दावा किया कि वो भारतीयों को यूक्रेन में युद्ध से निकालने की हर संभव कोशिश रहा है लेकिन यूक्रेन की सेना भारतीय छात्रों के एक समूह को बंधक बनाकर ढाल की तरह इस्तेमाल कर रही है।
 
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फ़ोन पर बातचीत की थी। एक हफ़्ते में दोनों नेताओं की ये दूसरी बातचीत है।
 
भारत स्थित रूसी दूतावास ने इसे लेकर कई ट्वीट किए हैं। रूसी दूतावास ने लिखा है, ''भारत सरकार की पहल पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फ़ोन पर बात की। यूक्रेन से भारतीय छात्रों को निकालने के मसले पर बात हुई।''
 
''व्लादिमीर पुतिन ने इस बात पर ज़ोर दिया कि सभी ज़रूरी निर्देश दे दिए गए हैं। रूस की सेना युद्ध क्षेत्र से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने और उन्हें देश लौटाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।''
 
रूस ने कहा, ''रूस मानवीय कॉरिडोर के ज़रिए रूस के लिए सबसे छोटे रास्ते से खारकीएव से भारतीय छात्रों के एक समूह को तुरंत निकालने की कोशिश कर रहा है।''
 
''मौजूदा जानकारी के मुताबिक़ इन छात्रों को यूक्रेन के सुरक्षा बलों ने बंधक बनाया था जो उन्हें मानवीय ढाल की तरह इस्तेमाल करते हैं और उन्हें किसी भी तरह रूस जाने से रोकते हैं। इस मामले में पूरी ज़िम्मेदारी यूक्रेन प्रशासन की है।''
 
रूस ने कहा कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन में भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सहयोग जारी रखने पर सहमति जताई हैं।
 
यूक्रेन ने क्या कहा
इस पर यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने रूस के आरोपों को पूरी तरह ख़ारिज कर दिया। बल्कि यूक्रेन ने आरोप लगाया कि रूस की सेना भारत, पाकिस्तान, चीन और अन्य देशों के छात्रों को बंधक बना रही है।
 
यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने दावा किया, ''हम भारत, पाकिस्तान, चीन और अन्य देशों की सरकार से तत्काल अपील करते हैं। इनके छात्र खारकीएव और समी में रूसी सेना ने बंधक बनाए हैं।''
 
वहीं, पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की बातचीत के बाद भारत ने बंधक बनाने के दावे का कोई ज़िक्र नहीं किया।
 
भारत ने कहा कि उन्होंने यूक्रेन में स्थिति की समीक्षा की है, ख़ासतौर पर खारकीएव में जहां कई भारतीय फंसे हुए हैं। ''उन्होंने टकराव वाले इलाक़ों से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए चर्चा की।''
 
भारत और रूस के बीच समन्यवय
ये बात तब हुई जब यूक्रेन में खारकीएव में फंसे भारतीयों को वहां से चार घंटे में निकलने और रूस के बताए तीन इलाक़ों पहुँचने के लिए कहा गया था। नागरिकों को ज़रूरत होने पर पैदल भी निकलने की सलाह दी गई। इससे पता चलता है कि युद्ध के बीच भारतीयों को निकालने के लिए भारत और रूस के बीच किस स्तर का समन्वय है।
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने पत्रकारों से कहा, 'हमें बताया गया है कि ये इलाक़े सुरक्षित हैं। रूस से मिली जनाकरी के बाद ये सलाह दी गई है। हमने ये जगहें और समय नहीं चुने हैं।'
 
लेकिन, अरिंदम बागची ने इसे लेकर कुछ नहीं कहा कि ये जगहें और समय भारतीयों को निकालने के लिए बताए गए हैं या ये खारकीव पर बड़े हमले के संकेत भी हैं।
 
रूस के राजदूत डेनिस एलिपोव ने सुबह कहा कि रूस खारकीएव, समी और पूर्वी यूक्रेन के युद्ध वाले अन्य मुख्य हिस्सों से भारतीयों को निकालने के लिए मानवीय कॉरिडोर बनाने पर गंभीरता से विचार कर रहा है।
 
कुछ घंटों बाद यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने भारतीयों को तुरंत खारकीएव से निकलने की सलाह जारी की। बताया जा रहा है कि यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीएव में सबसे ज़्यादा भारतीय फंसे हुए हैं।
 
भारतीय टीम जुटी
भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया, ''टीम का काम लोगों के निवास, परिवहन के सभी विकल्पों को देखना है। ये टीम छात्रों और अन्य नागरिकों को खारकीव और समी इलाक़े से निकालने के लिए तैयार है।''
 
हालांकि, छात्र ये भी शिकायत कर रहे हैं यूक्रेन के लोग पैसों या अन्य प्रवाधानों के कारण उन्हें ट्रेन लेने से रोक रहे हैं। अरंदिम बागची ने कहा कि पिछले 24 घंटों में यूक्रेन से निकलने वाले भारतीयों में तेज़ी आई है। करीब 17 हज़ार भारतीय यूक्रेन से निकल चुके हैं और जिन्हें भारत आना बाकी है वो सीमावर्ती देशों के सुविधा केंद्रों में हैं।
 
ऑपरेशन गंगा के तहत उड़ाने बढ़ाई गई हैं और पिछले 24 घंटों में छह फ्लाइट भारत पहुंची हैं। मंत्रालय उन लोगों को इमरजेंसी सर्टिफिकेट देने की भी सुविधा दी है जिनका पासपोर्ट खो गया है। कुछ लोग अपने दस्तावेज खो चुके हैं और कुछ छात्र ये शिकायत कर रहे हैं उनके एजेंट्स दस्तावेज वापस नहीं कर रहे हैं।
 
अरिंदम बागची ने बताया कि मंगलवार से कीव में कोई भी भारतीय नहीं है। यूक्रेन और पोलैंड की सीमा के पास लविव में एक अस्थाई अभियान चलाया गया ताकि लोग सीमा पार कर सकें।

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