ये हैं दुनिया के 10 सबसे दौलतमंद और ग़रीब देश

Webdunia
गुरुवार, 5 जुलाई 2018 (10:56 IST)
किस देश को सबसे अमीर देश कहा जा सकता है?
आप कहेंगे कि सीधी सी बात है, जिस देश में सबसे ज़्यादा पैसा है वो देश सबसे अमीर कहलाएगा। लेकिन इस सवाल का जवाब इतना सीधा नहीं है। सबसे अमीर देशों की सूची बनाने के लिए कई दूसरे रास्ते अपनाए जाते हैं। जैसे कि जीडीपी यानी सकल घरेलू उत्पाद की तुलना करना।
 
 
जीडीपी का मतलब होता है कि कोई अर्थव्यवस्था हर साल कुल कितने सामान और सेवा का उत्पादन करती है। अगर आप आकार के हिसाब से देखेंगे तो विश्व बैंक के मुताबिक अमेरिका और चीन सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाएं हैं।
 
 
और अब अगर हम उस धन का वहां रहने वाले लोगों की संख्या से भाग करें (जिसे जीडीपी पर कैपिटा कहा जाता है), तो सबसे अमीर देश लक्सज़मबर्ग, स्विट्ज़रलैंड और मकाओ होंगे। हालांकि ऊपर कही गई सारी बातें ठीक हैं, लेकिन कई अर्थशास्त्री अर्थव्यवस्था की सेहत को जांचकर उसके अमीर होने का पता लगते हैं।
 
 
इसके लिए वो देखते हैं कि किसी देश के लोगों की ख़रीददारी की क्षमता क्या है। साथ ही वो ये भी समझने की कोशिश करते हैं उस देश के अलग-अलग नागरिकों की ख़रीददारी की क्षमता में कितनी समानता है।
 
 
इस तरीके के हिसाब से क़तर, मकाओ, लक्सज़मबर्ग के बाद सिंगापुर, ब्रुनई और कुवैत सबसे अमीर देश हैं। इन देशों के बाद सूची में संयुक्त अरब अमीरात, नॉर्वे, आयरलैंड और स्विट्ज़रलैंड का नाम आता है।
 
तेल और प्रकृतिक गैस के विशाल भंडार वाला देश क़तर अमीर देशों की सूची में सबसे ऊपर है। बीते कई सालों से क़तर ने अमीर देशों की सूची में पहला पायदान कायम रखा है। हालांकि 2013 और 2014 में मकाओ क़तर से आगे निकल गया था। लेकिन 2015 में दोबारा वो दूसरे पायदान पर लौट आया।
 
 
मकाओ की अर्थव्यवस्था (चीन के दक्षिणी तट पर बसा एक स्वायत्त क्षेत्र) मुख्य रूप से पर्यटन और कैसिनो उद्योग पर निर्भर है। वहीं यूरोपीय देश लक्सज़मबर्ग का आर्थिक विकास निवेश के प्रबंधन और प्राइवेट बैंकों के फ़ायदे से हुआ है। लक्सज़मबर्ग की टैक्स व्यवस्था ख़ासी सुस्त है इस वजह से यहां का बैंक बहुत मुनाफ़ा कमा रहे हैं।
 
 
गहरी विषमता वाले 10 देश
'गिनी कोएफिशिएं' अमीरी और ग़रीबी के बीच की खाई को मापने का एक तरीक़ा है। इसका पैमाना ज़ीरो से एक के बीच होता है। इसमें ज़ीरो का मतलब है पूरी तरह से असमान। हालांकि इस तरीके की आलोचना भी की जाती है।
 
 
विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक दक्षिण अफ़्रीका, हैथी और होंडुरास दुनिया के सबसे असमान देशों की सूची में शामिल हैं। इन देशों के बाद कोलंबिया, ब्राज़ील, पनामा, चिली और रवांडा, कोस्टा रिका और मेक्सिको का नाम आता है।
 
 
लातिन अमेरिका के साथ क्या हो रहा है?
दरअसल लातिन अमेरिका और कैरीबियाई दुनिया के सबसे असमान क्षेत्र हैं। इनके बाद सब-सहारा अफ़्रीका का नाम आता है।
 
और 10 असमान देशों की सूची में से आठ एक क्षेत्र के हैं और दो अफ़्रीकी देश हैं। इस बीच विश्व बैंक के अर्थशास्त्रियों का कहना है कि लातिन अमेरिका ने हाल के कुछ सालों में अमीर और ग़रीब के बीच की खाई को पाटने में सफलता हासिल की है।
 

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