ब्रह्मांड में कितने तारे हैं, इसका पता लग चुका है

Webdunia
बुधवार, 25 जुलाई 2018 (12:50 IST)
जब भी आप रात को आसमान की तरफ़ निहारते होंगे, आपके मन में एक सवाल ज़रूर उठता होगा कि आख़िर ब्रह्मांड में कितने तारे हैं?
 
 
उत्तर है- पृथ्वी पर जितने समुद्री तट हैं और वहां जितने बालू के कण हैं, उससे कहीं ज्यादा ब्रह्मांड में तारे हैं। यह दावा है अमेरिकी खगोलविद कार्ल सगन का। उन्होंने यह बात एक टीवी शो में कही है।...लेकिन क्या उनका दावा सही है? क्या ब्रह्मांड के तारों की गिनती की जा सकती है?
 
 
कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के खगोलविद प्रोफ़ेसर गैरी गिरमोर हमारी आकाशगंगा में मौजूद तारों की गिनती कर रहे हैं। आकाशगंगा में ही पृथ्वी और सौर मंडल है। प्रोफ़ेसर गैरी उस प्रोजेक्ट की अगुआई कर रहे हैं, जिसके तहत यूरोपीय अंतरिक्ष यान के ज़रिए हमारी आकाशगंगा में तारों की गिनती की जा रही है।
 
 
आकाशगंगा में 20 हज़ार करोड़ तारे
उन्होंने बीबीसी से कहा, "दूरी के हिसाब से हमारी टीम ने जो पहला डेटा जारी किया है, उसमें 2 अरब से कम तारे हैं। यह हमारे आकाशगंगा के कुल तारों का महज एक फीसदी है।"
 
 
गिनती के इस मॉडल के हिसाब से आकाशगंगा में करीब 20 हज़ार करोड़ तारे हो सकते हैं। लेकिन यह सिर्फ़ एक आकाशगंगा की बात है। फिर पूरे ब्रह्मांड में कितने तारे होंगे?
 
 
प्रोफ़ेसर गैरी गिरमोर बताते हैं कि दूसरे आकाशगंगा में हमारे आकाशगंगा के बराबर तारे हो सकते हैं। अगर हम लोग यह पता लगा सकें कि ब्रह्मांड में कितनी आकाशगंगाएं हैं तो तारों की संख्या का अंदाजा लगाया जा सकता है।
 
ब्रह्मांड में 10 हज़ार करोड़ आकाशगंगा हैं
ब्रह्मांड में आकाशगंगा की संख्या पता लगाने से पहले यह पता लगाना होगा कि यह कितना चमकीला है। क्या अन्य सभी हमारी आकाशगंगा की तरह हैं या फिर हमसे अलग हैं?
 
 
प्रोफेसर गैरी गिरमोर कहते हैं, "यह पता लगाने के लिए हमें आकाशगंगा की दूरी और आकार का पता लगाना होगा। इससे हम यह समझदारी बना सकते हैं कि ब्रह्मांड का विस्तार हो रहा है। इसे हबल लॉ कहते हैं।"
 
 
हबल लॉ की मदद से प्रोफेसर गैरी आकाशगंगा की चमक और हमसे उसकी दूरी के बारे में पता लगाने की कोशिश करते हैं। ब्रह्मांड में 10 हज़ार करोड़ आकाशगंगाएं हैं और हर आकाशगंगा में करीब 20 हज़ार करोड़ तारे हैं। अब इन संख्याओं का गुणा करके ब्रह्मांड में तारों की संख्या का पता लगाया जा सकता है। यानी दो के बाद 22 शून्य होंगे।
 
 
कितने बालू के कण
चलिए अब समुद्री तट की बात करते हैं। सबसे पहले हम लोगों को यह पता लगाना होगा कि पूरी दुनिया में कितने समुद्री तट हैं और उसका घनत्व कितना है। हम लोगों को तटों की लंबाई, चौड़ाई और गहराई को मापना होगा।
 
 
ओपन स्ट्रीट मैप एक ऐसा प्रोजेक्ट है, जिस पर दुनियाभर के करीब 20 लाख लोग डेटा साझा करते हैं। अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा की सरकारें भी इसमें अपना डेटा साझा करती हैं।
 
 
पानी और इसे व्यवस्थित करने वाली संस्थान डेल्टर्स के शोधकर्ता जेनेडी डोनचेट्स कहते हैं, "अगर हम ओपन स्ट्रीट मैप के हिसाब से पता लगाते हैं तो एक तट औसतन 1.9 किलोमीटर लंबा है। दुनिया में करीब तीन लाख किलोमीटर लंबा रेतीला समुद्री तट है।"
 
 
एक घन मीटर बालू में एक हज़ार करोड़ कण होते हैं। अब इनके घनत्व का पता लगाना होगा। लेकिन यह बहुत मुश्किल है। पर यह कहा जा सकता है कि अधिकतर तट करीब 50 मीटर चौड़ा और करीब 25 मीटर गहरा है।
 
 
अब इन्हें गुणा कर घनत्व का पता लगाया जा सकता है। 300000000*50*25= 375000000000 यानी 37 हज़ार 500 करोड़ घन मीटर।
 
 
प्रत्येक घन मीटर में करीब एक हज़ार करोड़ कण होते हैं। अब 37 हज़ार 500 करोड़ को 1000 करोड़ से गुणा कर दें तो पृथ्वी पर सभी समुंद्री तटों पर रेत के कणों का पता लगाया जा सकता है। इसे गुणा करने पर 3.75 के बाद 21 शून्य होंगे. यानी 4 के बाद 21 शून्य।
 
 
हम पाते हैं कि 20,000,000,000,000,000,000,000 तारें हैं ब्रह्मांड में और 4,000,000,000,000,000,000,000 रेत के कण हैं पृथ्वी की तटों पर।
 
 
यानी कार्ल सगन सही हैं। ब्रम्हांड में पृथ्वी की समुद्री तटों पर मौजूद बालू के कणों से ज्यादा तारें हैं। पूरे ब्रह्मांड में तारों की संख्या 2 के बाद 22 शून्य के बराबर हैं।
 

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