कैसे आपकी सेहत में मददगार हो सकता है सुपरमार्केट शॉपिंग?

Webdunia
शनिवार, 17 फ़रवरी 2018 (12:31 IST)
आजकल सारा ज़माना सेहत पर बहुत ध्यान दे रहा है। ऑयली नहीं खाना। कार्ब नहीं खाना। सेहतमंद डाइट लेनी है। जिसके मुंह से सुनिए यही बात सुनाई देती है। यक़ीनन, अच्छी सेहत के लिए अच्छा, सेहतमंद खाना ज़रूरी है। इसके लिए आपको अपने खान-पान का ख़ास ख़याल रखना पड़ता है।
 
पर, क्या आपको मालूम है कि आपकी शॉपिंग भी आपको सेहतमंद रहने में मदद कर सकती है। ख़ास तौर से सुपरमार्केट।
 
सुपरमार्केट में क्या खरीदते हैं लोग?
बड़े हों, मंझोले या छोटे शहर। हर जगह सुपरमार्केट खुल गए हैं। जहां आप शॉपिंग कार्ट लेकर ख़रीदारी करने जाते हैं। यहां पर सामान एक ख़ास रणनीति के तहत रखा होता है। अक्सर, चटोरे लोगों का ख़याल करके स्नैक, चॉकलेट और स्वादिष्ट चटखारेदार चीज़ें हाथ की पहुंच में और शॉपिंग के रास्ते में पहले रखी होती हैं।
 
जब आप ये सब ख़रीदते हुए आगे बढ़ते हैं, तो जब तक आप फलों-सब्ज़ियों के ठिकानों तक पहुंचते हैं, तब तक आपकी कार्ट कमोबेश भर चुकी होती है। सेहतमंद चीज़ें ख़रीदने और रखने की जगह ही नहीं बचती।
 
असल में सुपरमार्केट में ये सब मार्केटिंग की रणनीति के तहत होता है। जो चीज़ें सेहत के लिए अच्छी नहीं हैं, उनमें मुनाफ़ा ज़्यादा है। अक्सर सुपरमार्केट में ऐसी ही चीज़ें हाथ की पहुंच में और पहले के खानों में रखी दिखती हैं। और अक्सर न चाहते हुए भी हम उन्हें ख़रीद लेते हैं। इससे सुपरमार्केट कंपनी का तो मुनाफ़ा बढ़ता है। मगर आपकी सेहत के हाथ लगता है घाटा।
 
खरीदारी में फल-सब्ज़ियां
अगर सुपरमार्केट कंपनियां चाहें, तो आपकी सेहत का ख़याल रखने में मददगार हो सकती हैं। हां, इससे उनका मुनाफ़ा थोड़ा कम होगा। मगर आप भी ख़ुश होंगे, और ये कंपनियां भी।
 
पश्चिमी देशों में सामाजिक मनोवैज्ञानिकों ने रिसर्च में पाया है कि अगर हम मोटापा बढ़ाने वाले स्नैक्स के खानों की जगह सुपरमार्केट में बदल दें, तो मोटे लोग 75 फ़ीसदी तक कम स्नैक ख़रीदेंगे। वो सेहतमंद चीज़ें ज़्यादा ख़रीदेंगे।
 
एक तरीक़ा ये भी हो सकता है कि शॉपिंग कार्ट के आधे हिस्से में सिर्फ़ फल और सब्ज़ियां रखने की जगह हो। इससे भी लोगों को ज़्यादा फल-सब्ज़ियां ख़रीदने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।
 
सेहतमंद चीज़ों के दाम में कटौती
सुपरमार्केट में सेहतमंद चीज़ों के दाम में मामूली कटौती करके भी इनकी ख़रीदारी को बढ़ावा दिया जा सकता है। हालांकि क़ीमतों में बहुत ज़्यादा रियायत मुमकिन नहीं होती। कई बार ख़रीदारी करने वालों को लगता है कि जो चीज़ें सेहतमंद बताकर बेची जा रही हैं, वो स्वादिष्ट कम होती हैं।
 
इस सोच को भी एक रणनीति बनाकर बदला जा सकता है। अक्सर सुपरमार्केट के शेल्फ में मीठी चीज़ें आंखों की बराबरी पर ही रखी होती हैं। ये हमारे बांयी ओर होती हैं। इन जगहों पर सेहतमंद चीज़ें रखकर लोगों को हेल्दी ख़रीदारी के लिए हौसला बढ़ाया जा सकता है।
 
अच्छी ख़बर ये है कि कई सुपरमार्केट ऐसे प्रयोग कर रहे हैं, जिससे आपकी ख़रीदारी ज़्यादा हेल्दी हो। मगर अफ़सोस की बात ये है कि ज़्यादातर सुपरमार्केट अभी भी आपकी सेहत से ज़्यादा अपने मुनाफ़े पर ज़ोर दे रहे हैं। नतीजा उनके यहां शेल्फ में करीने से सज़ी चमकदार मगर नुक़सानदेह चीज़ें हम अनचाहे ही ख़रीद रहे हैं। इससे सुपरमार्केट का मुनाफ़ा बढ़ रहा है और आपकी सेहत को हो रहा है घाटा।

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