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हैदराबाद में गरीब परिवार की टॉपर बेटी ने की आत्महत्या, सरकार पर उठे सवाल

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BBC Hindi

, सोमवार, 9 नवंबर 2020 (23:01 IST)
ऐश्वर्या रेड्डी दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज से गणित में स्नातक कर रहीं थीं

बल्ला सतीश (बीबीसी संवाददाता)
 
'मेरी मौत के लिए कोई जिम्मेदार नहीं है। मैं अपने घर में कई खर्चों की वजह हूं। मैं उन पर बोझ बन गई हूं। मेरी शिक्षा एक बोझ है। मैं पढ़ाई के बिना जिंदा नहीं रह सकती।' ये अंतिम शब्द हैं जो अपने शहर की टॉपर रही ऐश्वर्या रेड्डी ने सुसाइड नोट में लिखे हैं।
 
हैदराबाद के पास शाद नगर की रहने वाली ऐश्वर्या ने 12वीं की परीक्षा में 98 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल कर अपना शहर टॉप किया था और वो दिल्ली के प्रतिष्ठित लेडी श्रीराम कॉलेज में गणित में स्नातक कर रहीं थीं।
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लॉकडाउन के दौरान उन्हें वापस अपने घर जाना पड़ा, जहां आर्थिक परिस्थितियों की वजह से उनके लिए उनके लिए पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो गया। ऐश्वर्या ने 2 नवंबर को आत्महत्या कर ली थी। वो ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने के लिए एक लैपटॉप खरीदना चाहती थीं लेकिन उनका परिवार कोशिशों के बाद भी ये जरूरत पूरी नहीं कर सका था।
 
अब ऐश्वर्या के घर के बाहर भीड़ है और उनकी तस्वीर के साथ बैनर लगे हैं। लोग और नेता उनके घर पहुंचकर अफसोस ज़ाहिर कर रहे हैं। उनके परिवार की आर्थिक मदद की अपील भी की जा रही है। ऐश्वर्या के पिता एक मैकेनिक हैं और उनकी मां घर पर ही सिलाई करके गुजर-बसर के लिए जितना हो सकता है कमाने की कोशिश करती हैं।
 
ये परिवार एक दो कमरों के घर में रहता है जिसके एक कमरे में ऐश्वर्या रहतीं थीं और अपनी पढ़ाई करती थीं। रसोई और सिलाई मशीन दूसरे कमरे में है, जहां उनकी मां काम करती है। परिवार कर्ज में है। ऐश्वर्या की जरूरत पूरी करने के लिए उन्होंने घर गिरवी रखने की कोशिश की थी लेकिन नाकाम रहा।
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ऐश्वर्या ने हर ओर से निराश होने के बाद मुख्यमंत्री केसी रामाराव के बेटे और आईटी मंत्री केटी रामाराव को ट्वीट भी किया था। उन्होंने मदद के लिए सोनू सूद को भी ट्वीट किया था। ऐश्वर्या ने भारत सरकार के साइंस एंड टेक्नोलॉजी विभाग की ओर से दी जाने वाली इंस्पायर स्कॉलरशिप के लिए भी आवेदन किया था।
 
अपने सुसाइड नोट में ऐश्वर्या ने लिखा है, 'कृपया देखिएगा कि कम से कम एक साल के लिए इंस्पायर स्कॉलरशिप जारी कर दी जाए।' बीबीसी से बात करते हुए उनकी मां सुमांथी ने बताया कि वो उनके बहुत करीब थी और हर छोटी-छोटी बात उनसे बताती थी। सुमांथी कहती हैं, 'हमें कुछ आर्थिक दिक्कतें थीं लेकिन हमने उससे कहा था कि उसकी शिक्षा से जुड़ी हर जरूरत को पूरा किया जाएगा।'
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ऐश्वर्या रेड्डी बारहवीं की परीक्षा में अपने शहर के टॉपरों में शामिल थीं
ऐश्वर्या के परिवार ने उनकी शिक्षा जारी रखने के लिए सोना गिरवी रखकर भी कर्ज लिया था। उनकी छोटी बहन ने सातवीं क्लास के बाद पढ़ाई छोड़ दी थी ताकि बड़ी बहन की पढ़ाई चलती रहे। 10वीं में टॉप करने के बाद शहर के एक निजी स्कूल में उनकी इंटरमीडिएट की पढ़ाई मुफ़्त हुई थी।
 
ऐश्वर्या के परिजनों का कहना है कि वो बाकी बचे दो सालों की पढ़ाई पर होने वाले खर्च को लेकर चिंतित थीं। पहले साल की पढ़ाई पूरी होने के बाद उसे हॉस्टल भी खाली करना था। ऐश्वर्या की मौत की ख़बर के बाद अब राजनीतिक और सामाजिक संगठकों के कार्यकर्ता और नेता उनके घर पहुंच रहे हैं।
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सोमवार को स्थानीय और राष्ट्रीय मीडिया के पत्रकार भी उनके घर जुटे रहे। दिल्ली में कांग्रेस के छात्र संगठन ने केंद्रीय मानव संशाधन मंत्री डॉ. आरपी निशंक के घर के बाहर धरना प्रदर्शन किया है। आरोप है कि ऐश्वर्या को इंस्पायर स्कॉलरशिप के लिए चुन लिया गया था लेकिन फंड जारी नहीं हुआ था।
 
कांग्रेस नेता श्रीवत्स ने ट्विटर पर सवाल किया, 'ऐश्वर्या को इंस्पायर स्कालरशिप क्यों नहीं दी गई? ऑनलाइन एजुकेशन को लेकर सरकार की नीति क्या है? लैपटॉप और इंटरनेट के लिए गरीब बच्चे क्या करें?'

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