'स्मार्ट जिहादी' करते हैं लड़कियों को आकर्षित

Webdunia
बुधवार, 4 मार्च 2015 (14:40 IST)
एक पूर्व चरमपंथी ने दावा किया है कि 'आकर्षक' जिहादी लड़ाके ब्रितानी मुस्लिम लड़कियों को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं। आयशा (बदला हुआ नाम) ने बीबीसी न्यूजनाइट को बताया कि उन्हें ब्रिटेन को 'अपना दुश्मन' मानना सिखाया जाता था।
हालांकि अब वो इस विचारधारा को नहीं मानती हैं, लेकिन कहती हैं कि उनकी पूर्व सहयोगी जिहादी जॉन नाम के चरमपंथी को अपना आदर्श मानती हैं।
 
हाल ही में तीन स्कूली छात्राओं ने सीरिया में चरमपंथियों के साथ शामिल होने के लिए ब्रिटेन छोड़ा था। इसके बाद यह सवाल उठने लगा कि ब्रितानी लड़कियां ऐसा क्यों कर रही हैं।
 
मूलत: मिडलैंड की रहने वाली आयशा (बदला हुआ नाम) ने कहा कि जब वो 16 या 17 वर्ष की थीं और पढ़ाई कर रही थीं, तभी एक चरमपंथी ने उनसे संपर्क किया था।
 
फेसबुक से सम्पर्क : आयशा ने बताया कि संपर्क करने वाले व्यक्ति ने एक फेसबुक संदेश में उन्हें 'बेहद आकर्षक' कहा था और ये भी कहा था कि 'अब समय आ गया है कि इस सुंदरता को ढाँका जाय क्योंकि आप बहुत बेशकीमती हैं।'
 
आयशा ने कहा कि यह संदेश उत्पीड़न जैसा था लेकिन मुझसे संपर्क करने का सबसे बेहतरीन तरीका था, क्योंकि इसने उनके धार्मिक विश्वासों के तार छेड़े और उस व्यक्ति ने कहा कि यदि वो आदेश नहीं मानेंगी तो जहन्नुम में जाएंगी। वो बताती हैं कि वहां जितना डर है उतना ही ग्लैमर भी है।
 
उन्होंने बताया, 'किशोरावस्था में होने के नाते मैं एक स्मार्ट व्यक्ति का साथ चाहती थी और सभी यूट्यूब वीडियो में वे (चरमपंथी) बहुत ही आकर्षक लग रहे थे।'
ग्लैमर : आयशा कहती हैं, 'इस मायने में यह ग्लैमरस था कि मैं ऐसे व्यक्ति को पा सकती हूं जो मेरे ही धर्म को मानने वाला है और जो ज़रूरी नहीं कि मेरी ही नस्ल का हो, यह बहुत रोमांचक है।'
 
उन्होंने कहा, 'यह ऐसा है जैसे उसके मरने से पहले उसे हासिल कर लो और जब वो शहीद के रूप में मरता है तो आप उससे जन्नत में मिलोगे।'
 
इराक़ और सीरिया के बड़े हिस्से पर क़ब्ज़ा करने वाले इस्लामिक स्टेट के चर्चा में आने से पहले ही आयशा चरमपंथ की ओर आकर्षित हुई थीं। उनका शुरुआती रुझान अल-क़ायदा और अल शबाब की ओर था।
 
आयशा कहती हैं, 'इस मायने में यह ग्लैमरस था कि मैं ऐसे व्यक्ति को पा सकती हूं जो मेरे ही धर्म को मानने वाला है और जो जरूरी नहीं कि मेरी ही नस्ल का हो, यह बहुत रोमांचक है।'
 
उन्होंने कहा, 'यह ऐसा है जैसे उसके मरने से पहले उसे हासिल कर लो और जब वो शहीद के रूप में मरता है तो आप उससे जन्नत में मिलोगे।'
 
इराक और सीरिया के बड़े हिस्से पर कब्जा करने वाले इस्लामिक स्टेट के चर्चा में आने से पहले ही आयशा चरमपंथ की ओर आकर्षित हुई थीं। उनका शुरुआती रुझान अल-कायदा और अल शबाब की ओर था।
 
वो कहती हैं, 'कुछ धार्मिक उपदेशों में हमें प्रोत्साहित किया जाता था कि हमें खुद को ब्रिटिश नहीं मानना चाहिए।'
 
आयशा कहती हैं कि उन्हें बताया जाता था कि ब्रिटेन 'काफिरों का देश' है जिसने मुसलमानों को मारा है और वो हमारा दुश्मन है।
 
उन्होंने कहा कि दो मुख्य बातों ने उन्हें इस विचारधारा से दूर किया।
 
जिहादी जॉन : आयशा कहती हैं- पहली वजह ये थी कि इसमें महिलाओं के लिए इंसाफ की जगह नहीं थी और दूसरा ये कि वे अपने अनुयायियों से गैर मुस्लिमों को मारने के लिए कहते थे।
 
आयशा कहती हैं कि उनके पुराने साथी जिहादी जॉन के नाम से मशहूर ब्रितानी आईएस चरमपंथी मोहम्मद एमवाजी को आदर्श मानती हैं जो कई पश्चिमी बंधकों के सिर कलम करने वाले वीडियो में दिखाई देते हैं।
Show comments

कौन थे रजाकार, कैसे सरदार पटेल ने भैरनपल्ली नरसंहार के बाद Operation polo से किया हैदराबाद को भारत में शामिल?

कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ में बंजारुमाले गांव में हुआ 100 प्रतिशत मतदान

धीरेंद्र शास्‍त्री के भाई ने फिर किया हंगामा, टोल कर्मचारियों को पीटा

प्रवेश द्वार पर बम है, जयपुर हवाई अड्‍डे को उड़ाने की धमकी

दिल्ली में देशी Spider Man और उसकी Girlfriend का पुलिस ने काटा चालान, बाइक पर झाड़ रहा था होशियारी

AI स्मार्टफोन हुआ लॉन्च, इलेक्ट्रिक कार को कर सकेंगे कंट्रोल, जानिए क्या हैं फीचर्स

Infinix Note 40 Pro 5G : मैग्नेटिक चार्जिंग सपोर्ट वाला इंफीनिक्स का पहला Android फोन, जानिए कितनी है कीमत

27999 की कीमत में कितना फायदेमंद Motorola Edge 20 Pro 5G

Realme 12X 5G : अब तक का सबसे सस्ता 5G स्मार्टफोन भारत में हुआ लॉन्च

क्या iPhone SE4 होगा अब तक सबसे सस्ता आईफोन, फीचर्स को लेकर बड़े खुलासे