मदरसा छात्रों की कथित पिटाई पर उन्नाव में तनाव

Webdunia
शनिवार, 13 जुलाई 2019 (14:17 IST)
- समीरात्मज मिश्र (उन्नाव से)
 
उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले में कथित तौर पर 'जय श्रीराम' नहीं बोलने पर कुछ मदरसा छात्रों की पिटाई का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। पुलिस ने इस मामले में चार लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज करके दो लोगों को हिरासत में लिया है लेकिन कुछ हिन्दू संगठनों ने मामले को ग़लत बताते हुए पुलिस पर एकतरफ़ा कार्रवाई के आरोप लगाए हैं।
 
मदरसा छात्रों की कथित पिटाई के बाद मुस्लिम समुदाय के लोगों की कथित धमकी और फिर हिन्दू संगठनों के विरोध प्रदर्शन के कारण शुक्रवार को पूरा उन्नाव शहर छावनी में तब्दील रहा। हिन्दू संगठनों के लोगों ने इस मामले में इकतरफ़ा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए कोतवाली का घेराव और प्रदर्शन किया।
 
प्रदर्शन में शामिल हिन्दू युवा वाहिनी के एक पदाधिकारी रघुवंश का कहना था, "मामूली सी झड़प को जानबूझकर कुछ लोग धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं। जिन छात्रों से वीडियो पर मारपीट और 'जय श्रीराम' बोलने का दबाव बनाने का आरोप लगाया जा रहा है, उस वीडियो की जांच कराई जाए क्योंकि वह वीडियो किसी के कहने पर बना है। जिन हिन्दू युवकों के ख़िलाफ़ पुलिस ने एकतरफ़ा कार्रवाई करके केस दर्ज किया है, उसे वापस लिया जाए।"
 
दरअसल, गुरुवार को उन्नाव के जीआईसी मैदान में क्रिकेट मैच खेल रहे मदरसा दारुल उलूम के छात्रों और कुछ युवकों में झड़प हो गई। बताया जा रहा है कि मदरसा छात्रों की कथित पिटाई के बाद दोनों ओर से पत्थरबाज़ी की गई। हिन्दू संगठन पिटाई और झड़प की बातों को बेबुनियाद बता रहे हैं तो मदरसे के लोग पीड़ित छात्रों के बयान के वीडियो सोशल मीडिया के ज़रिए लोगों तक पहुंचा रहे हैं।
क्या हैं आरोप
मदरसा संचालक नईम का कहना था कि इन छात्रों से कुछ लोगों ने ज़बरन 'जय श्रीराम' के नारे लगाने को कहा और ऐसा न करने पर बैट से पीटा गया, "मदरसे के 12-14 साल के बच्चे जीआईसी ग्राउंड में क्रिकेट खेल रहे थे। वहां कुछ बड़े बच्चे पहुंचे और बैट छीनकर बच्चों से 'जय श्रीराम' बोलने को कहा। बच्चों ने कहा कि हम नहीं बोलेंगे क्योंकि हमारे यहां ऐसा नहीं होता है तो उन्हीं के बैट से और स्टंप से बच्चों को पीटा गया। कुछ बच्चों का तो सिर भी फट गया है।"
 
वहीं, पुलिस ने मदरसा संचालक नईम की शिकायत पर चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
 
उन्नाव के सीओ सिटी उमेश चंद्र त्यागी का कहना था कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी, "चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जिन बच्चों को पीटने की बात कही गई है, उनका मेडिकल परीक्षण कराया जा रहा है। जो भी दोषी पाए गए, उनके ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई होगी।"
 
लेकिन शुक्रवार को हिन्दू संगठनों ने पुलिस की इस कार्रवाई का विरोध करते हुए बड़ी संख्या में जुटकर थाने का घेराव कर दिया जिससे शहर में तनाव का माहौल बन गया। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए कई थानों की पुलिस के साथ ही पीएसी को भी तैनात कर दिया गया है।
 
शासन का कहना है कि स्थिति नियंत्रण में है लेकिन स्थानीय लोगों के मुताबिक, मामला पूरी तरह शांत हो गया हो, ऐसा भी नहीं है। वहीं इस मामले में उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने भी पुलिस पर इकतरफ़ा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

महाराष्ट्र में कौनसी पार्टी असली और कौनसी नकली, भ्रमित हुआ मतदाता

Prajwal Revanna : यौन उत्पीड़न मामले में JDS सांसद प्रज्वल रेवन्ना पर एक्शन, पार्टी से कर दिए गए सस्पेंड

क्या इस्लाम न मानने वालों पर शरिया कानून लागू होगा, महिला की याचिका पर केंद्र व केरल सरकार को SC का नोटिस

MP कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी और MLA विक्रांत भूरिया पर पास्को एक्ट में FIR दर्ज

टूड्रो के सामने लगे खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, भारत ने राजदूत को किया तलब

Realme के 2 सस्ते स्मार्टफोन, मचाने आए तहलका

AI स्मार्टफोन हुआ लॉन्च, इलेक्ट्रिक कार को कर सकेंगे कंट्रोल, जानिए क्या हैं फीचर्स

Infinix Note 40 Pro 5G : मैग्नेटिक चार्जिंग सपोर्ट वाला इंफीनिक्स का पहला Android फोन, जानिए कितनी है कीमत

27999 की कीमत में कितना फायदेमंद Motorola Edge 20 Pro 5G

Realme 12X 5G : अब तक का सबसे सस्ता 5G स्मार्टफोन भारत में हुआ लॉन्च

अगला लेख