पड़ोस के अन्य लोगों को जब साइबरसेक्स के जरिए पैसा कमाने के बारे में पता चला तो वे भी अपने बच्चों को लेकर यहां आने लगे। पड़ोस के एक घर में दीवार पर पारिवारिक तस्वीरें लगी थी, डोर पर कपड़े सूख रहे थे लेकिन घर पूरी तरह खाली था।
इस घर पर पुलिस ने रेड की थी और दो साल के एक बच्चे को छुड़ाया था। यहां रहने वाले सभी लोगों ने कहा कि वे साइबरसेक्स व्यापार के बारे में जानकर हैरान हैं।
एक महिला ने कहा, 'घर बंद रहता है, मैं अंदर जाए बिना या देखे बिना यह कैसे जान सकती हूं कि वहां क्या चल रहा है।' एक हालिया सर्वे में पता चला है कि इस इलाक़े के 80 घर साइबरसेक्स व्यापार में लिप्त थे।
लघु उद्योग : पीड़ित बच्चों को कानूनी सहायता उपलब्ध करवा रहे विभाग में कार्यरत नोएमी एबारिंतोस कहती हैं कि यह एक लघु उद्योग बन गया है। वे गरीबी और नैतिकता में आई गिरावट को इस व्यापार के बढ़ने के लिए जिम्मेदार मानती हैं।
वे बताती हैं कि स्थानीय व्यापारी इंटरनेट कनेक्शन और लैपटॉप किराए पर देते हैं जिससे परिवारों के लिए यह धंधा शुरू करना आसान हो जाता है। परिजन इंटरनेट चैटरूम के जरिए ग्राहक खोजते हैं कि विदेशी पीडोफाइल असल में बच्चों को छू नहीं पाते हैं।
नोएमी कहती हैं कि यह भी मिथक ही है क्योंकि ग्राहक बच्चों को बदन के अंग छूने के लिए निर्देशित करते हैं। वे इन बच्चों को सेक्स टॉएज तक भेजते हैं।
देश के उत्तरी इलाके में बसे एंजेलेस शहर के दो घरों में 2012 में ब्रितानी, ऑस्ट्रेलियाई, अमेरिकी और फिलीपींस की पुलिस छापा मारकर यह दर्शाया था कि दुनियाभर में इस धंधे के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
एक पड़ोसी ने बताया, 'धंधा करा रहे व्यक्ति को पुलिस गिरफ्तार करके ले गई थी और बच्चों को आजाद करा लिया था।' इस छापे में पांच साल से पंद्रह साल की उम्र के 12 बच्चों को रिहा कराया गया था और उनके रिश्तेदारों को गिरफ्तार कर लिया गया था।
उसी साल ब्रिटेन के नॉर्थेंप्टनशायर में रहने वाले टिमोथी फोर्ड को गिरफ्तार किया गया था। वे इस समय एक ब्रितानी जेल में साढ़े आठ साल की सजा काट रहे हैं। उसके लैपटॉप से बच्चों की अश्लील तस्वीरों और उनके परिजनों को भेजे गए पैसों की जानकारी मिली। जांचकर्ताओं को पता चला कि उसने पांच बच्चों का शोषण होते हुए देखा था।
उन्होंने बच्चों का शोषण देखने के लिए 13 पाउंड तक की रकम भी चुकाई। अधिकारियों को जांच में पता चला कि टिमोथी फोर्ड इलाके में संपत्ति खरीदकर इंटरनेट कैफे खोलने की योजना बना रहा था।
नजदीकी शहर ओलोंगापो में पीड़ित बच्चों की मदद करने के लिए एक संस्था चलाने वाले फादर शेय कल्लेन कहते हैं कि अधिक परिवार अपने बच्चों को इस धंधे में धकेल रहे हैं। यहां बहुत पैसा आ रहा है। वे कहते हैं कि इस धंधे की मांग बढ़ रही है जिस कारण अधिक बच्चों को इसमें धकेला जा रहा है।
फिलीपींस की सरकार मानती हैं कि देश में 60 हजार से एक लाख तक बच्चे यौन शोषण का शिकार हैं जिनमें से बहुत से साइबर सेक्स धंधे में लिप्त हैं। कुछ बच्चों को उनके परिजन ही इस धंधे में ले जाते हैं तो अन्य को दलाल ऐसा करने के लिए मजबूर करते हैं।
गंभीर परिणाम : लानी जब पंद्रह साल की थी तब उन्हें भी साइबरसेक्स के लिए मजबूर होना पड़ा। वे कहती हैं कि यह एक बहुत बुरा व्यापार है। उनकी एक रिश्तेदार ने उसे आया की नौकरी का भरोसा दिया था लेकिन जब वह घर पहुंची तो उससे विदेशियों से चैट करने के लिए कहा गया।
चैटिंग जल्द ही वेबकैम के जरिए उसे देख रहे विदेशियों की मांगे पूरी करने में बदल गई और उसे उनके सामने यौन क्रियाएं करने के लिए मजबूर किया गया। लानी कहती हैं कि जब लोग साइबरसेक्स के बारे में सुनते हैं तो उन्हें लगता है कि इसके कुछ शारीरिक परिणाम नहीं होते हैं।
वे कहती हैं, 'लेकिन इसके बहुत गहरे प्रभाव होते हैं। यह पीड़ितों से उनका स्वाभिमान और पवित्रता छीन लेता है।' फादर कल्लेन चेताते हैं कि गरीब बच्चों का साइबर शोषण करने वाले विदेशी अन्य अपराधों में भी लिप्त हो सकते हैं। वे कहते हैं कि यह किसी बच्चे पर यौन हमले को प्रेरित कर सकता है।