पहले गांव की निषाद पंचायत ने पीड़िता पर 3051 रुपए का जुर्माना लगाया और फिर पांच गांवों की पंचायत ने 4051 रुपए का जुर्माना और लगा दिया।
पंचायत के निर्णय पर हस्ताक्षर करने वाले सोमनाथ निषाद इसे सही ठहराते हैं, 'मामला पुलिस में जाता तो लड़की का जीवन बर्बाद हो जाता।'
मामले की जांच कर रहे थाना प्रभारी अजय शंकर त्रिपाठी ने बीबीसी को बताया, 'हम पंचायत में शामिल लोगों की भूमिका की जांच कर रहे हैं।'