पूर्व पत्रकार अरशद सुलाहरी पाकिस्तान के समलैगिकों के अधिकारों के लिए काम कर रहे हैं। अजरा की मदद के लिए आगे आए पूर्व पत्रकार अरशद सुलाहरी कहते हैं कि उन्हें इसके लिए धमकियां दी गईं।
हालांकि इंटरनेट पर चली मुहिम से अजरा की उम्मीदें बंधी थी लेकिन जल्द ही उन्हें लगा कि इससे उनकी जिंदगी खतरे में पड़ गई है। दरअसल इंटरनेट पर उनके नाम से जारी की गई अपील में उनका पूरा नाम दिया हुआ था लेकिन पते वगैरह की कोई तफसील न थी।
वे कहती हैं, 'शायद इसी ने हमें बचा लिया।' अजरा अपने गांव की एकलौती बेटी हैं जिन्होंने कॉलेज देखा, ग्रेजुएशन किया। वह कहती हैं कि बचपन में ही उन्हें लगा कि वह एक ऐसा लड़का हैं जो किसी लड़की के शरीर में कैद है और जो छूटने के लिए छटपटा रहा है।
वह जैसे-जैसे बड़ी होती गईं, दूसरी लड़कियों के लिए आकर्षित होती गईं। स्कूल और कॉलेज में अजरा कई लड़कियों के साथ रिश्ते में रहीं।
सेक्स चेंज अगले पन्ने पर...
सेक्स चेंज : लुबना जमाल के आने से पहले अजरा की जिंदगी में अम्मारा ताहिर नाम की लड़की थी। वे सात बरस साथ रहे और एक रोज अम्मारा की किसी और से शादी हो गई। लेकिन अजरा के सामने अब लुबना के साथ घर बसाने का सवाल है।
उनके सामने दो विकल्प हैं, अजरा के शब्दों में 'या तो हमें किसी और देश में शरण मिल जाए या फिर मेरा सेक्स चेंज हो जाए ताकि मैं लुबना से निकाह कर सकूं।'
लेकिन दोनों ही विकल्पों के साथ अलग परेशानियां हैं। डॉक्टर फिदा मलिक मनोचिकित्सक हैं। वे बताती हैं, 'इसमें कई साल लग जाते हैं। अलग अलग डॉक्टरों की मदद लेनी होती है और पाकिस्तान जैसे देश में इसका एक मजहबी ऐंगल भी है।'
अजरा सेक्स चेंज के लिए डॉक्टरी प्रक्रिया से गुजर रही हैं और मुमकिन है कि उन्हें इसके लिए भारत या किसी और देश को जाना पड़े और ये हो भी जाता है तो भी उन्हें शायद अपनी गर्लफ्रेंड के साथ एक गुमनाम सी जिंदगी ही जीनी पड़े।
(
पहचान छुपाने के लिए रिपोर्ट में नाम बदल दिए गए हैं।)