उम्र पचास की, त्वचा इक्कीस की

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- दीप्ति त्रिपाठी

हर महिला को चालीस के बाद अपनी त्वचा व बालों पर ध्यान देना अत्यंत जरूरी हो जाता है, वरना त्वचा पर उम्र का असर दिखने लगता है। उम्र से होने वाले परिवर्तन को हम रोक तो नहीं सकते हैं पर किसी हद तक इस प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकते हैं।

अपनी जीवन शैली में नियमितता बनाए रखें। समय पर भोजन, थोड़ा व्यायाम व अच्छी नींद त्वचा व बालों के लिए बहुत जरूरी है। तनाव को कम करने की कोशिश कीजिए। हमारे जीवन में होने वाले तनावों से हम भाग तो नहीं सकते हैं, लेकिन अपने शरीर पर होने वाले उन दुष्प्रभावों को हम रोक सकते हैं, जो तनाव के कारण होते हैं। नियमित व्यायाम कीजिए व तनाव को दूर करने के लिए रोज कम से कम पंद्रह बीस मिनट तक यौगिक क्रियाएँ कीजिए। योग करने से पहले किसी योग प्रशिक्षक के प्रशिक्षण अवश्य ले लें।

कम से कम एक नींबू व आधा लीटर मलाई निकला दूध अपने भोजन में अवश्य शामिल करें। नींबू से आपको विटामिन-सी मिलेगा व दूध से कैल्शियम आदि जरूरी तत्व मिलेंगे। यह उम्र रजोनिवृत्ति की होती है अतः इस उम्र में अक्सर महिलाओं को घुटने में दर्द, पैरों में दर्द व हॉट फ्लॅश आदि समस्याएँ होती हैं। अतः अपने खानपान पर विशेष ध्यान रखना चाहिए। डॉक्टर की सलाह लेकर आप रोज अतिरिक्त विटामिन सी व कैल्शियम की गोलियाँ भी खा सकती हैं।

इस उम्र में हमारी त्वचा में डीहाइड्रेशन भी अधिक होता है व त्वचा अपनी नमी खो देती है। अतः आप जब भी नहाएँ तो एक-डेढ़ घंटे पहले बादाम या जैतून का तेल शरीर पर हल्की-सी मालिश करते हुए लगाएँ। नहाते समय साबुन या बाथ जैल जो भी आप उपयोग करती हैं, उसे सीधे अपनी त्वचा पर न लगाते हुए एक छोटी टर्किश टॉवेल को गीला करके उसमें साबुन या बाथ जैल लगाएँ व उसे अच्छी तरह से रगड़ते हुए त्वचा पर लगाएँ। इससे आपकी त्वचा अच्छी तरह से साफ होगी, डैड सेल्स निकल जाएँगे व घर्षण से रक्त का बहाव भी अच्छा होगा।

चेहरे व शरीर की त्वचा तरोताजा होगी। यदि नहाते समय शॉवर या बाथ टब का उपयोग करती हैं तो बहुत अच्छा है। टब या शॉवर में कम से कम दस मिनट तक रहिए ताकि आपकी त्वचा पानी को एब्जॉर्ब कर सके व रीहाइड्रेट हो जाए। नहाकर निकलने के बाद हार्ड टॉवेल से अपना शरीर न पोंछें। हमेशा कॉटन की टर्किश टॉवेल का ही उपयोग करें। पानी को रगड़कर न पोंछें। एकदम हल्के हाथों से त्वचा को थपकाएँ ताकि पूरा पानी न सूखे। फिर नम, हल्की गीली त्वचा पर ही कोई अच्छा-सा बॉडी लोशन लगा लें, ताकि आपकी त्वचा की नमी बरकरार रहे।

सिंथेटिक वस्त्रों का प्रयोग कम से कम करें। ये भी हमारी त्वचा की नमी सोखते हैं। वूलन कपड़े भी सीधे आपनी त्वचा पर न हों, इस बात का ध्यान रखें। सप्ताह में एक बार पेडीक्योर व मेनीक्योर अवश्य करें। इससे हाथ व पैरों की अच्छी सफाई होकर मसाज होगी तो आपके हाथ-पैरों पर उम्र का असर कम दिखेगा।

याद रखिए किसी भी महिला की उम्र का अंदाजा उसके हाथ व उसकी गर्दन से लगाया जा सकता है। अतः इनकी अच्छी तरह से देखभाल करके आप कैलेंडर को झुठला सकती हैं। चेहरे पर कुछ लोशन या क्रीम लगाती हैं तो उसे अपनी गर्दन व हाथों पर लगाना न भूलें। सप्ताह में एक बार आप मिल्क बाथ भी ले सकती हैं।

एक बीस लीटर की बाल्टी में एक कप दूध या एक टेबल स्पून मिल्क पाउडर डालें। उसमें कुछ बूँदें चंदन के तेल की व कुछ बूँदें अपनी पसंद के परफ्यूम की डाल दें। इस पानी को धीरे-धीरे अपनी त्वचा पर डालते हुए नहाएँ।

ताजे व रसीले फलों का नियमित सेवन करें। फलों का रस पीने के बदले पूरे फल खाएँ। जैसे संतरा, मौसंबी, पाइनेपल, सेव, अंगूर आदि का रस पीने के बजाए फल खाएँ। इससे आपको रफेज भी मिलेगा और पाचन तंत्र अच्छा रहेगा।

सप्ताह में दो बार दो चम्मच शहद, पंद्रह से बीस बूँद नींबू का रस, आधा चम्मच मलाई या घी व एक चम्मच ओट मील डालकर पेस्ट की तरह चेहरे पर लगाएँ। आधे घंटे बाद कुनकुने पानी से चेहरा साफ करके अच्छी विटामिन क्रीम लगाएँ। यदि आपकी ऑइली स्किन है तो मलाई का प्रयोग न करें व क्रीम के बदले मॉइश्चराइजर या लेक्टो केलेमाइन का प्रयोग करें।

सौंदर्य विज्ञान के क्षेत्र में बहुत उन्नति हुई है। अपनी त्वचा के अनुरूप सौंदर्य प्रसाधनों का उपयोग करें। किसी सौंदर्य विशेषज्ञा से सलाह लेकर इनका उपयोग करें। आजकल पार्लर में मैच्योर स्किन के कई तरह के उपचार होते हैं। जैसे आयोनाइजेशन, डर्मापील, वेजिटेबल पील, केमिकल्स पील, फेस लिफ्ट (नॉन सर्जिकल), थर्मोहर्ब, वैक्स बाथ, ऑक्सीजन बाथ, फेशियल, आहा फेशियल, एरोमा फेशियल, स्किन पॉलिशिंग आदि कई उपचार हैं, जो हर त्वचा की जरूरत के हिसाब से किए जाते हैं।

हर त्वचा पर हर ट्रीटमेंट नहीं किया जा सकता है अतः कोई भी उपचार करवाने के पहले किसी सौंदर्य विशेषज्ञा से सलाह अवश्य ले लें। बालों की भी देखभाल कीजिए। समय पर हेयर कलर व हेयर ट्रीटमेंट कीजिए। सप्ताह में दो बार हेयर मसाज किसी अच्छे ऑइल से कीजिए। सप्ताह में एक बार अपनी दिनचर्या को छोड़कर कुछ नया करें। या तो कहीं बाहर चली जाएँ या घर में ही रहकर वे कार्य आज न करें, जो रोज करती हैं। अपने शरीर व दिमाग को इस दिन पूरा आराम दें। यदि रोज आप अधिक मेहनत या भागदौड़ का काम करती हैं तो इस दिन आप पूर्ण आराम करें। और यदि आप और दिन में ज्यादा मेहनत का काम नहीं करती हैं तो सप्ताह में एक बार अधिक मेहनत का काम कीजिए।

आप यकीन मानिए आपको बहुत मानसिक आराम मिलेगा। इस उम्र में थोड़ा आध्यात्मिक भी होने का प्रयास कीजिए। अध्यात्म से संबंधित साहित्य यदि दस मिनट भी रोज पढ़ेंगी तो आपको बहुत मानसिक शांति मिलेगी, जिसका सीधा प्रभाव आपकी त्वचा व बालों पर दिखाई देगा।

अच्छे साहित्य का भी अध्ययन कीजिए। यह हमारी सोच व मानसिकता को बदलता है। यदि हमारे विचार व हमारी मानसिकता अच्छी होगी, तो उसका सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ेगा। हमारा स्वास्थ्य अच्छा होगा तो हमारी त्वचा अपने आप कोमल व साफ दिखेगी।

इस उम्र में महिलाएँ कुछ हार्मोनल परिवर्तनों के कारण चिड़चिड़ी हो जाती हैं। इससे बचना चाहिए। यदि आप खुद ये न कर पाएँ तो किसी डॉक्टर से सलाह लीजिए। शरीर में हार्मोन्स की कमी व परिवर्तन के कारण यह चिड़चिड़ापन आ जाता है। डॉक्टर से परामर्श लीजिए। वे आपको उचित सलाह देंगे। यदि आप नियमित देखभाल करेंगी तो शायद आधा घंटा भी आपको नहीं लगेगा।

उम्र के परिवर्तन को अपने ऊपर हावी मत होने दीजिए, बल्कि उम्र के परिवर्तन को पूरी गरिमा से आत्मसात कीजिए। दिनभर में कुछ समय अपने लिए भी निकालिए और अधिक उम्र में भी अपनी कमनीयता व लावण्य सहेजकर रखिए।

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