भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्यप्रदेश के हरदा जिले में ऑनलाइन संबोधन के दौरान देश के ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति का स्पष्ट तौर पर स्वामित्व देने वाली 'स्वामित्व योजना' का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इस योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ताकत को बढ़ाया है और अब इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में प्रायोगिक परियोजना के सफल रहने के बाद देश के ग्रामीण विकास को सुनिश्चित करने के लिए अब स्वामित्व योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह योजना देश में ग्राम स्वराज के लिए एक उदाहरण बनेगी तथा गांव के लोगों के विकास और प्रगति को सुनिश्चित करेगी। सामाजिक-आर्थिक रुप से सशक्त और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री ने 24 अप्रैल 2020 को स्वामित्व योजना शुरू की थी। इस योजना का उद्देश्य ड्रोन तकनीक का उपयोग करके मानचित्रों की मैंपिंग करके ग्रामीण इलाकों में संपत्ति के स्पष्ट स्वामित्व की स्थापना करना और पात्र परिवारों को कानूनी स्वामित्व कार्ड जारी करके उन्हें अधिकार प्रदान करना है।
मोदी ने कहा कि स्वामित्व योजना को मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा और कर्नाटक के कुछ जिलों में प्रायोगिक आधार पर शुरू किया गया। अब लोगों को संपत्ति कार्ड प्रदान करने के लिए इसे पूरे देश में शुरू किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर मध्यप्रदेश के 3 हजार गांवों के 1 लाख 71 हजार परिवारों को उनकी संपत्ति के ई-अधिकार पत्र वितरित किए।
उन्होंने कहा कि अब तक इन राज्यों में 22 लाख से अधिक परिवारों के लिए संपत्ति कार्ड तैयार किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना ग्रामीणों को किसी तीसरे पक्ष से ऊंचे ब्याज पर रुपए उधार लेने से बचाएगी और अब उनकी संपत्ति के कागजात के आधार पर उन्हें बैंकों से ऋण मिलेगा।
मोदी ने कहा कि स्वामित्व योजना ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ताकत बढ़ाई है और यह देश में गांवों के विकास का एक नया अध्याय लिखेगी। गांव की संपत्तियों की मैपिंग में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन का जिक्र करते हुए मोदी ने देश में ड्रोन तकनीक के विस्तार का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि ड्रोन, जिसे कुछ लोग छोटा हेलीकॉप्टर भी कहते हैं, यह गांवों के विकास का चेहरा पूरी तरह से बदल देगा। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित प्रदेश सरकार के अनेक मंत्री भी मौजूद थे।