'विजय' नाम के सहारे 'विजयी पताका' फहराना चाहते हैं राजनेता

Webdunia
शुक्रवार, 2 अक्टूबर 2015 (18:44 IST)
पटना। एक कहावत है ‘नाम में क्या रखा है, काम देखिए’। लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार विभिन्न दल नाम के सहारे सत्ता के संग्राम में विजयी बनना चाहते हैं।

इस बार के चुनाव में विजय नाम के सहारे विभिन्न दलों की पार्टियां विजयी पताका फहराना चाहती हैं। इनमें सबसे आगे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) है। भाजपा की ओर से विजय कुमार सिन्हा लखीसराय से बख्तियारपुर से रणविजय सिंह उर्फ लल्लू मुखिया सिकटी से विजय मंडल पूर्णिया से विजय खेमका और मधेपुरा से विजय शंकर यादव शामिल हैं।

भाजपा की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) भी विजय नाम के सहारे चुनावी वैतरणी पार करने में जुटी है। लोजपा ने त्रिवेणीगंज से विजय पासवान और चकाई से विजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है।

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन के फिल्मी नाम की तरह ही इस बार के चुनाव में विजय नाम के सहारे विभिन्न दलों की पार्टियां अपना परचम फहराना चाहती हैं। अमिताभ ने दीवार, त्रिशूल, शक्ति, डॉन, काला पत्थर, द ग्रेट गैम्बलर, अकेला, अग्निपथ, रोटी कपड़ा और मकान, हेराफेरी, आंखें, एक रिश्ता द बांड ऑफ लव, आखिरी रास्ता और रण में विजय नाम का सहारा लेकर अपनी फिल्मों को सुपरहिट बनाया
है।

महागठबंधन में शामिल जनता दल (यूनाइटेड) भी विजय नाम के सहारे अपनी चुनावी नैया पार लगाना चाहती है। जद (यू) के विजय नाम के उम्मीदवारों में कटिहार से विजय सिंह, लालगंज से विजय शुक्ला, सरायरजंन से विजय कुमार चौधरी और गोह से रणविजय कुमार शामिल हैं।

महागठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को भी विजय नाम पर पूरा भरोसा है। राजद के टिकट पर मुंगेर से विजय कुमार ‘विजय’ और जमुई से पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश यादव के भाई विजय प्रकाश चुनावी समर जीतना चाहते हैं।

इसी तरह जन अधिकार पाटी (जअप) ने शेखपुरा से विजय कुमार उर्फ विजय सम्राट को अपना प्रत्याशी बनाया है। कांग्रेस ने मांझी से विजय शंकर दुबे को अपना प्रत्याशी बनाया है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की ओर से दीघा विधानसभा क्षेत्र से रणविजय कुमार चुनाव लड़ रहे हैं।

विजय के अलावा अजय नाम के सहारे भी राजनीतिक दल चुनावी दंगल जीतना चाहते हैं। भाजपा की ओर से पूर्व मंत्री नरेन्द्र सिंह के पुत्र अजय प्रताप सिंह जमई से मीनापुर से अजय कुशवाहा और रक्सौल से डॉ. अजय कुमार सिंह मैदान में उतरे हैं।

जद (यू) के टिकट पर अजय कुमार मंडल नाथनगर से चुनाव लड़ रहे हैं। जअप के टिकट पर निवर्तमान विधायक अजय कुमार बुल्गानिन मोहिउदीननगर से चुनावी समर में ताल ठोंक रहे हैं।

हिन्दी फिल्मों में भले ही विजय और अजय नाम का परचम लहराता रहा हो लेकिन पाटलीपुत्र की ऐतिहासिक धरती अशोक के नाम से ही जानी जाती है। बिहार विधानसभा के चुनाव में इस ऐतिहासिक नाम के सहारे भी कई उम्मीदवार चुनावी समर में विजय हासिल करना चाह रहे हैं।

भाजपा की ओर से रामगढ़ क्षेत्र से अशोक सिंह ‘पारू’ से अशोक कुमार सिंह केवटी से अशोक यादव शामिल हैं। इसी तरह जद (यू) से वारिसनगर से अशोक कुमार, रफीगंज से अशोक कुमार सिंह और टिकारी से अशोक कुशवाहा शामिल हैं।

राजद से सासाराम से अशोक कुमार, रोसडा से कांग्रेस के टिकट पर डॉ. अशोक कुमार, रालोसपा के कुर्था से अशोक वर्मा और जअप की ओर से वारिसनगर से अशोक कुमार वर्मा चुनावी मैदान में उतरे हैं। इसी तरह कई अन्य उम्मीदवार भी नाम के सहारे चुनावी नैया पार कराने में लगे हैं।

नीरज, मनोज और अरुण नाम के सहारे भी विभिन्न दलों की पार्टियां चुनाव जीतना चाहती हैं। इनमें भाजपा की ओर से छातापुर से नीरज सिंह ‘बबलू’, गोपालपुर से जद (यू) के टिकट पर नरेन्द्र कुमार ‘नीरज’, मोकामा से नीरज कुमार, बरारी से राजद के टिकट पर नीरज कुमार, कहलगांव से लोजपा के टिकट पर नीरज मंडल चुनाव लड़ रहे हैं।

भाजपा के टिकट पर मनोज यादव बेलहर, मनोज शर्मा गोह से और मनोज सिंह रघुनाथपुर से चुनाव लड़ रहे हैं। जद (यू) के टिकट पर मनोज कुशवाहा, कुढनी से मनोज कुमार सिंह बाढ़ और मनोज कुमार यादव विस्फी से रालोसपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

भाकपा के टिकट पर अलौली से मनोज सदा, भाकपा माले के टिकट पर मनोज मंजिल अगियांव से, मोहउदीन नगर से मनोज कुमार सुनील और कमहरार से मनोज कुमार चंद्रवंशी मैदान में हैं।

भाजपा की ओर से अरुण कुमार कुमहरार से, अरुण कुमार सिंह बरुराज से और अरुण शंकर सिंह खजौली से जबकि राजद के टिकट पर अरुण कुमार सहरसा से और अरुण कुमार संदेश से तथा लोजपा के टिकट पर अरुण बिंद हरनौत से और भाकपा माले के टिकट पर अरुण सिंह काराकाट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। (वार्ता)
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