नीतीश कुमार : बिहार के चाणक्य बने चंद्रगुप्त

Webdunia
रविवार, 8 नवंबर 2015 (13:59 IST)
पटना। अक्सर बिहार की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले नीतीश कुमार ने फिर से अपनी रणनीति का लोहा मनवा दिया है और विधानसभा चुनाव में भारी जीत दर्ज कर वे एक बार फिर से प्रदेश के चंद्रगुप्त बनने जा रहे हैं।


‘बिहार के चाणक्य’ के अपने नाम को साबित करते हुए नीतीश ने वर्ष 2014 के लोकसभा सभा में भारी पराजय झेलने के बाद अपने चिर प्रतिद्वंद्वी राजद प्रमुख लालू प्रसाद के साथ हाथ मिलाकर राजनीतिक पंडितों को हैरत में डाल दिया था। विधानसभा चुनाव के रविवार को आ रहे परिणामों के अनुसार नीतीश की यह लगातार तीसरी जीत है।

‘दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है’ इस सदियों पुरानी कहावत का अनुसरण करते हुए लोकसभा चुनाव में राज्य की 40 सीटों में से मात्र 2 सीटों पर जीत हासिल करने के बाद जनता दल यू नेता नीतीश कुमार ने अपने कट्टर दुश्मन नरेन्द्र मोदी रूपी तूफान को रोकने के लिए लालू से गलबहियां डालीं। लोकसभा चुनाव की हार के बाद नीतीश ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हुए जीतनराम मांझी को सत्ता की कमान सौंप दी थी।

राज्य की राजनीति में दोस्त से दुश्मन बने लालू और नीतीश ने अपने-अपने मतभेदों को भुलाकर 40 साल पुराने छात्र आंदोलन के जमाने के गठबंधन को फिर से खड़ा किया। इसी छात्र आंदोलन को वरिष्ठ समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण ने हिन्दुस्तान की राजनीति में बड़े बदलावकारी आंदोलन का रूप दिया था।

उस आंदोलन की सीढ़ी पर चढ़कर 1977 के लोकसभा चुनाव में पहली बार कूदे लालू की किस्मत रंग लाई और वे चुनाव जीत गए। लेकिन उनके साथी नीतीश कुमार को 1985 में राज्य विधानसभा चुनाव में पहली बार जीत हासिल करने में 8 साल लग गए, जो उस समय तत्कालीन बिहार कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (आज के एनआईटी पटना) में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे। 1985 से पहले नीतीश 2 बार चुनाव हार गए थे।

नीतीश कुमार ने 1989 में बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता पद के लिए लालू का समर्थन किया। इसके बाद 1990 में बिहार में जनता दल के सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश ने फिर लालू के कंधे पर हाथ रखा जिन्होंने प्रधानमंत्री वीपी सिंह के नामित उम्मीदवारों राम सुंदर दास तथा रघुनाथ झा को चुनौती दी थी। (भाषा)
Show comments

जरूर पढ़ें

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

election results : अब उद्धव ठाकरे की राजनीति का क्या होगा, क्या है बड़ी चुनौती

एकनाथ शिंदे ने CM पद के लिए ठोंका दावा, लाडकी बहीण योजना को बताया जीत का मास्टर स्ट्रोक

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

सभी देखें

नवीनतम

Uttarakhand : जनता के लिए खुलेगा ऐतिहासिक राष्ट्रपति आशियाना, देहरादून में हुई उच्चस्तरीय बैठक

मायावती का बड़ा फैसला, बसपा नहीं लड़ेगी उपचुनाव

Uttarakhand : केदारनाथ में कांग्रेस को भारी पड़ा नकारात्मक प्रचार, जनता ने विकास पर लगाई मुहर

LIVE: संसद में अडाणी मामले में मचेगा घमासान, कांग्रेस ने सर्वदलीय बैठक से पहले की यह मांग

संभल में भारी तनाव, मस्जिद सर्वे के लिए आई टीम पर हमला, क्षेत्र छावनी में तब्दील