Special Story:बिहार चुनाव प्रचार में भोजपुरी गानों की धूम,ट्रैंड में ‘बिहार में का बा’

‘बिहार में का बा’ की थीम पर सोशल मीडिया कंटेट की बयार बा

विकास सिंह
मंगलवार, 6 अक्टूबर 2020 (16:38 IST)
कोरोना के चलते पहली बार जमीन से अधिक वर्चुअल प्लेटफार्म पर लड़े जाने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार शुरु होते ही भोजपुरी गाने लोगों की जुबां पर चढ़ गए है। चुनाव प्रचार का आगाज होने के साथ ही ‘बिहार में का बा’ गाना सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है।

 
<

नेहा के ‘बिहार में का बा’ के गाने की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर अब सियासी पार्टियां और उम्मीदवार उनको अपने मंच तक लाने की कोशिश में जुट गए है। वहीं ‘बिहार में का बा’ की थीम पर चुनावी सॉन्ग और सोशल मीडिया पर डिजिटल कंटेट जोर शोर से तैयार कराए जा रहे है।

ALSO READ: Ground Report : जातिगत राजनीति की पहचान वाले बिहार में अबकी बार बेरोजगारी और रोजगार के सहारे बनेगी सरकार?
अपने गानों से सरकार की व्यवस्था पर कटाक्ष करने वाली नेहा कहती हैं कि वह अपने गानों से सिर्फ जनता की आवाज और उसके दुख दर्द को रखने की कोशिश करती है। बिहार चुनाव को लेकर नेहा कहती हैं वह बिहार के नेताओं से सवाल पूछती है कि किसान और बेरोजगारी को लेकर चुनाव में कौन बात करेगा?   
ALSO READ: बिहार चुनाव: मेरे नेता नीतीश जी तय करेंगे कि चुनाव लड़ूंगा या नहीं,JDU नेता बनने के बाद पूर्व DGP गुप्तेश्वर पांडेय का पहला Exclusive Interview
वर्चुअल चुनाव प्रचार के इस दौर में जब बड़ी-बड़ी रैलियां और रोड शो नहीं होंगे तब वोटरों के बीच नेताओं की इमेज गढ़ने का काम भी भोजपुरी गाने कर रहे है। खाकी छोड़ खादी पहनने वाले गुप्तेश्वर पांडे को लेकर भोजपुरी गायक और कलाकार दीपक ठाकुर का वीडियो सांग ‘रॉबिनहुड बिहार के’ भी खूब सुर्खियों में रहा जिसको पुलिस फेडरेशन ने अपनी आपत्ति भी जताई थी। 
 
 
भोजपुरी गायक रवि सिंह कहते हैं कि चुनाव का एलान होते ही राजनीतिक दलों के तरफ से भोजपुरी गानों की काफी डिमांड आ रही है। अब तक खुद उनकी कई राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं से मुलाकात भी हो चुकी है और वह पार्टियों के लिए चुनावी सॉन्ग तैयार भी कर चुके है।
 
रवि कहते हैं कि आने वाले दिनों में जैसे–जैसे पार्टियां अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान करती जाएगी और जैसे चुनाव नजदीक आता जाएगा वैसे-वैसे बड़ी संख्या में प्रत्याशियों की तरफ से भोजपुरी गानों की डिमांड आने लगेगी। रवि कहते हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव भी उन्होंने कई पार्टियों के लिए चुनावी गीत गाए थे।
 
पटना में डिजिटल म्यूजिक स्टूडियो के संचालक आकाश गुप्ता कहते हैं कि पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन शुरु होने के साथ ही काम गिरना स्टार्ट हो गया है। पार्टी के साथ-साथ उम्मीदवार भी वोटरों को रिझाने के लिए चुनावी गीत तैयार करवा रहे है। अब तक कई मंत्री और ऐसे सीनियर नेता जिनके टिकट करीब तय है उनके लिए कई गाने बना चुके।
 
चुनाव प्रचार के लिए भोजुपरी सॉन्ग तैयार कराने के रेट भी अलग-अलग है। पांच हजार से शुरु होकर पचास हजार तक का खर्चा एक चुनावी सॉन्ग को तैयार करने में आता है। कोरोना और लॉकडाउन के चलते पहले से नुकसान झेल रहे म्यूजिक स्टूडियों के संचालकों को इस बार वर्चुअल चुनाव प्रचार के चलते अच्छा बिजनेस होने की उम्मीद है।  
 
कोरोना के चलते इस बार बिहार में बड़ी चुनावी रैली और जनसभाओं पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दी है। आयोग ने राजनीतिक दलों को सिर्फ वर्चुअल चुनाव प्रचार करने की इजाजत दी है। ऐसे में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने सोशल मीडिया पर अपना फोकस कर किया है।
चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ पार्टी जेडीयू ने जो अपना थीम सॉन्ग लॉन्च वह भी भोजुपरी में ही है। जेडीयू के इस गाने में नीतीश की उपलब्धियों को बताया गया है।
 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

EC से सवाल, 190 सीटों का वोटिंग पर्सेंट आने में इतना समय क्यों लगा?

KCR पर चुनाव आयोग का एक्शन, 48 घंटे तक प्रचार पर लगाया बैन, कांग्रेस के खिलाफ की थी टिप्पणी

उज्जैन के दंडी आश्रम में आचार्य और सेवादार ने 19 बच्चों से किया यौन कुकर्म, FIR दर्ज

2500 वीडियो क्लिप, 17 साल पुराना ड्राइवर, कर्नाटक के इस कांड को क्‍यों कहा जा रहा भारत का सबसे बड़ा sex scandal?

प्रज्वल रेवन्ना sex scandal को लेकर राहुल ने बोला पीएम मोदी पर तीखा हमला

19 साल बाद संजय निरुपम की घर वापसी, शिंदे की शिवसेना में होंगे शामिल

Lok Sabha Elections 2024 : बनासकांठा में बोले PM मोदी, कांग्रेस लिखकर दे धर्म के आधार पर नहीं देगी आरक्षण

KCR पर चुनाव आयोग का एक्शन, 48 घंटे तक प्रचार पर लगाया बैन, कांग्रेस के खिलाफ की थी टिप्पणी

UP : राजगुरु, बिस्मिल, भगत सिंह, देश के शहीदों से मुख्तार की तुलना, अफजाल अंसारी का वीडियो वायरल

Supreme Court Updates : सुप्रीम कोर्ट के जज जब सुनाने लगे अपना दर्द - संडे-मंडे तो छोड़िए त्योहारों पर भी चैन नहीं

अगला लेख