Bihar Election: LJP के NDA से अलग होने से बने नए सियासी समीकरण, किसे मिलेगा वोटों का फायदा

Webdunia
सोमवार, 5 अक्टूबर 2020 (07:30 IST)
नई दिल्ली। Bihar Assembly Elections 2020: बिहार में राजग से बाहर होने के लोकजनशक्ति पार्टी (LJP) के फैसले ने राज्य में 28 अक्टूबर से 3 चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव में नई संभावनाएं खोल दी हैं।
 
चिराग पासवान की अध्यक्षता वाली पार्टी ने कहा कि वह बिहार में जद (यू) के खिलाफ उम्मीदवार उतारेगी, लेकिन भाजपा के खिलाफ नहीं। इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली जद (यू) की चुनावी संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने की कोशिश माना जा रहा है।

लोजपा को उम्मीद है कि अगर जद (यू) का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहता है तो राज्य में राजग का नेतृत्व नीतीश कुमार के हाथों में बने रहने पर भी सवाल खड़े होंगे। लोजपा के सूत्रों ने साफ कर दिया है कि वह किसी विपक्षी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेगी।
 
उन्होंने कहा कि लोजपा ने कई वजहों से राजग से अलग होने की घोषणा की है। इनमें 37 वर्षीय चिराग पासवान की अपनी क्षमता साबित करने की इच्छा भी शामिल है, जिन्होंने अपने पिता रामविलास पासवान से पार्टी की कमान अपने हाथ में ली है। इसके अलावा पार्टी जद (यू) से भी मुकाबले को तैयार है क्योंकि उसका मानना है कि नीतीश कुमार उसके राजनीतिक आधार को कमजोर करने के लिए काम करते रहे हैं।
ALSO READ: Bihar assembly elections : बिहार चुनाव को लेकर BJP केंद्रीय चुनाव समिति की हुई बैठक, PM मोदी रहे मौजूद
राजनीतिक पंडितों का मानना है कि लोजपा के इस कदम से लालूप्रसाद की राजद, कांग्रेस और वाम दलों का मुख्य विपक्षी गठजोड़ अपनी संभावनाएं बढ़ती देखेगा। विपक्षी गठबंधन को लगेगा कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी का यह फैसला राजग के वोट कम कर सकता है।
 
राष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य में नीतीश के नेतृत्व तथा राजग के व्यापक सामाजिक गठजोड़ के कारण सत्तारूढ़ गठबंधन को विपक्षी गठजोड़ के मुकाबले थोड़ा मजबूत माना जा रहा था, लेकिन लोजपा के फैसले ने अब नए समीकरणों को जन्म दे दिया है।
ALSO READ: सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ेगी VIP, मुकेश सहनी बोले- तेजस्वी से पार्टी नहीं संभलती बिहार क्या संभालेंगे
पासवान की पार्टी लगातार मोदी की सराहना कर रही है और राज्य में भी भाजपा से नेतृत्व की कमान संभालने का आह्वान करती आ रही है, वहीं उसके नए निर्णय से राजग के परंपरागत मतदाताओं के बीच भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है। उन क्षेत्रों में यह स्थिति ज्यादा प्रखर होगी जहां विपक्षी दलों के साथ-साथ जद (यू) और लोजपा दोनों ही अलग-अलग अपने उम्मीदवार उतारेंगे।
 
जद (यू) के एक वरिष्ठ नेता ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त के साथ कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत पार्टी के आला नेताओं ने राज्य में गठबंधन की अगुवाई के लिए नीतीश पर भरोसा जताया है, वहीं मोदी ने भी हाल में कुछ कार्यक्रमों में अनेक बार बिहार के मुख्यमंत्री की प्रशंसा की है।
ALSO READ: शूटर श्रेयसी सिंह BJP में शामिल, लड़ सकती हैं बिहार विधानसभा चुनाव
उन्होंने कहा कि लोजपा अपनी ताकत कुछ ज्यादा ही आंक रही है। एक बार मोदी और नीतीश कुमार चुनाव प्रचार के दौरान राज्य में कुछ संयुक्त जनसभाओं को संबोधित कर देंगे तो सारा संशय दूर हो जाएगा।
 
दूसरी तरफ लोजपा का मानना है कि राज्य में राजनीतिक शक्ति के रूप में नीतीश का असर फीका हो गया है और बड़ी संख्या में राजग के मतदाता चाहते हैं कि नए नेता को मौका मिले। लोजपा के परंपरागत समर्थन आधार में दलित वोटों की बड़ी संख्या गिनी जाती है और राज्य के विभिन्न हिस्सों में कुछ उच्च जाति के प्रभावशाली नेताओं में भी उसका प्रभाव है।
 
लोजपा ने राज्य में फरवरी 2005 में हुए चुनाव में भी इसी तरह की रणनीति अख्तियार की थी। तब वह केंद्र में कांग्रेस नीत संप्रग गठबंधन का हिस्सा थी लेकिन बिहार में संप्रग के प्रमुख घटक दल राजद के खिलाफ लड़ी थी।
 
शुरू में तो उसकी रणनीति काम आई और त्रिशंकु विधानसभा में लोजपा के 29 विधायक चुनकर आए। हालांकि, बाद में विधानसभा भंग हो गयी और नए सिरे से चुनाव हुए।
 
लोजपा एक बार फिर अलग होकर लड़ी, लेकिन वह केंद्र में संप्रग में शामिल रही। हालांकि इस बार जनता ने नीतीश कुमार की अगुवाई वाले राजग को स्पष्ट जनादेश दिया और 2005 में राज्य में लालूप्रसाद की राजद का 15 साल का शासन समाप्त हो गया। (इनपुट भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments

जरूर पढ़ें

Maharashtra : विनोद तावड़े के बचाव में उतरे भाजपा नेता, बताई पूरी कहानी

मैं वहां चाय पीने गया था, कैश बांटने के आरोप पर क्या बोले विनोद तावड़े, 2 FIR दर्ज

Honda Activa Electric को लेकर क्रेज, क्या होगा माइलेज और कितनी होगी कीमत

Vinod Tawde Cash For Vote से गर्माई महाराष्ट्र की सियासत, टेम्पो में किसने भेजे 5 करोड़ रुपए

अगले साल भारत की यात्रा पर आ सकते हैं रूस के राष्ट्रपति पुतिन, तारीख तय होना बाकी

सभी देखें

नवीनतम

यूपी में बुर्के पर बवाल, सपा ने लगाया वोटर्स को रोकने का आरोप, क्या बोली भाजपा?

UP by election: मीरापुर विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में 2 समूह भिड़े, पुलिस ने किया बल प्रयोग

संयुक्त राष्ट्र में भारत बोला, पाकिस्तान के साथ बातचीत में पहला मुद्दा आतंकवाद

मध्यप्रदेश के युवाओं को मिलेगी 2.50 लाख सरकारी नौकरियां, CM डॉ. मोहन यादव ने दिए निर्देश

Aircel-Maxis case: दिल्ली हाई कोर्ट ने लगाई चिदंबरम के खिलाफ निचली अदालती कार्यवाही पर रोक

अगला लेख