थरूर ने बढ़ाई महागठबंधन की मुश्किल, वंशवाद को बताया लोकतंत्र के लिए खतरा
बिहार में पहले चरण की वोटिंग से 3 दिन पहले थरूर ने वंशवाद की राजनीति पर लिखा लेख
Shashi Tharoor news in hindi : बिहार में 241 विधानसभा सीटों चुनाव प्रचार खत्म होने से ठीक पहले वंशवाद की राजनीति पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर के बयान से कांग्रेस और महांगठबंधन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उन्होंने 'प्रोजेक्ट सिंडिकेट' पर पब्लिश हुए आर्टिकल में वंशवादी राजनीति को भारतीय लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा बताया है।
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तिरुवनंतपुरम के कांग्रेस ससांसद ने एक अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थान के लिए लिखे लेख में कहा, जब नेतृत्व योग्यता या समर्पण के बजाय वंश से तय होता है, तो शासन की गुणवत्ता प्रभावित होती है। नेहरू-गांधी परिवार ने यह सिद्ध किया कि राजनीतिक नेतृत्व जन्मसिद्ध अधिकार हो सकता है। थरूर ने कहा कि अब वक्त आ गया कि भारत वंशवाद की जगह योग्यतावाद अपनाए।
लेख में कहा गया है कि ऐसी वंशवादी राजनीति पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में प्रचलित है। उन्होंने पाकिस्तान में भुट्टो और शरीफ, बांग्लादेश में शेख हसीना और जिया परिवार, तथा श्रीलंका में भंडारनायके और राजपक्षे परिवार का उदाहरण दिया।
थरूर ने कहा, दशकों से एक परिवार भारतीय राजनीति पर हावी रहा है। नेहरू-गांधी परिवार भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास से जुड़ा हुआ है। लेकिन इसने इस विचार को भी पुख्ता किया है कि राजनीतिक नेतृत्व जन्मसिद्ध अधिकार हो सकता है। यह विचार भारतीय राजनीति में हर पार्टी, हर क्षेत्र और हर स्तर पर व्याप्त है।
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उन्होंने कहा कि बीजू पटनायक के निधन के बाद उनके बेटे नवीन ने अपने पिता की खाली लोकसभा सीट जीती। महाराष्ट्र में शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने यह पद अपने बेटे उद्धव को सौंप दिया। अब उनके अपने बेटे आदित्य स्पष्ट रूप से कतार में इंतजार कर रहे हैं। यही बात समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर भी लागू हुई, मुलायम यूपी के पूर्व सीएम रहे फिर उनके बेटे अखिलेश यादव भी मुख्यमंत्री बने। थरूर ने कहा कि अब भारत को वंशवाद छोड़कर योग्यतावाद अपनाना चाहिए।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने थरूर के लेख पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता ने यह लेख अपने अनुभव के आधार पर लिखा है। मैं शशि थरूर के बयान का स्वागत करता हूं। उनकी टिप्पणी से कांग्रेस और राजद को निश्चित रूप से ठेस पहुंचेगी।
गौरतलब है कि बिहार में आज 241 विधानसभा सीटों पर चुनाव प्रचार समाप्त हो जाएगा। 6 नवंबर को यहां मतदान होगा। 11 नवंबर को राज्य की 142 सीटों पर दूसरे चरण के तहत वोटिंग होना है। मतगणना के बाद 14 नवंबर को वोटो की गिनती होगी।
edited by : Nrapendra Gupta