25 सितंबर: भाजपा के पितृपुरुष पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती, जानें 5 अनसुनी बातें

महान भारतीय विचारक तथा राजनेता थे पं. दीनदयाल उपाध्याय

WD Feature Desk
बुधवार, 25 सितम्बर 2024 (11:45 IST)
Highlights 
 
पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्म कब हुआ था।
पं. दीनदयाल उपाध्याय के बारे में जानें।
दीनदयाल उपाध्याय और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बारे में जानें।
 
1. Deen Dayal Upadhyay : देश के राष्ट्रवादी चिंतक, विचारक और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय की आज यानि 25 सितंबर, दिन बुधवार को जयंती मनाई जा रही है। आपको बता दें कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के दिन अंत्योदय दिवस मनाया जाता है, जो उन्हें समर्पित दिन है। जिसका उद्देश्य उनके विचारों से समाज को जागरूक करने हेतु अंत्योदय दिवस मनाया जाता है। उन्हें भाजपा के पितृपुरुष के रूप में जाना जाता है। 
 
2. दीनदयाल जी का जन्म सन् 1916 में 25 सितंबर को मथुरा जिले के नगला चंद्रभान गांव में हुआ था। उनके पिता भगवती प्रसाद उपाध्याय रेलवे में सहायक स्टेशन मास्टर तथा माता रामप्यारी धार्मिक प्रवृत्ति की थीं। उनके बचपन में ही एक ज्योतिषी ने जन्मकुंडली देख कर यह भविष्यवाणी कर दी थी कि यह बालक आगे चलकर एक महान विद्वान, विचारक, राजनेता और जनता की निस्वार्थ सेवा करने वाला होगा। दीनदयाल जी तीन वर्ष की उम्र से भी छोटे ही थे और उनके पिता का देहांत हो गया तथा उनके सात वर्ष की उम्र में मां रामप्यारी का निधन हो गया था।
 
3. दीनदयाल जी अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संपर्क में आएं और आजीवन संघ के प्रचारक रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान साप्ताहिक समाचार पत्र ‘पांचजन्य’ और दैनिक समाचार पत्र ‘स्वदेश’ शुरू किया था। 21 अक्टूबर 1951 को डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी की अध्यक्षता में 'भारतीय जनसंघ' की स्थापना हुई। तथा इसका प्रथम अधिवेशन 1952 में कानपुर में हुआ और दीनदयाल उपाध्याय इस दल के महामंत्री बने तथा 1967 तक वे इस पद पर बने रहे।
 
4. अपनी परंपराओं और जड़ों से जुड़े रहने के बावजूद उन्होंने हमेशा समाज और राष्ट्र के लिए उपयोगी नवीन विचारों का सदैव स्वागत किया। उन्होंने शक्तिशाली और संतुलित रूप में विकसित राष्ट्र की कल्पना की थी। वे मात्र राजनेता नहीं थे, वे लेखक, विचारक और उच्च कोटि के चिंतक भी थे। उन्होंने अंत्योदय का नारा भी दिया था और उनका कहना था कि अगर हम एकता चाहते हैं, तो हमें भारतीय राष्ट्रवाद को समझना होगा, जो हिंदू राष्ट्रवाद है और भारतीय संस्कृति हिंदू संस्कृति है।
 
5. सन् 1967 में पंडित दीनदयाल उपाध्याय कालीकट अधिवेशन में भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुए और 10/ 11 फरवरी 1968 को रात्रि में मुगलसराय स्टेशन पर उनकी हत्या कर दी गई थी, उस समय उन्हें भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष बने मात्र 43 दिन ही हुए थे। उनका कहना था कि हमें सही व्यक्ति को वोट देना चाहिए न की उसके बटुए को, पार्टी को वोट दे किसी व्यक्ति को भी नहीं, किसी पार्टी को वोट न दे बल्कि उसके सिद्धांतों को वोट देना चाहिए। वे कहते थे 'धर्म' के लिए अंग्रेजी शब्द 'रिलीजन' सही शब्द नहीं है।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष, इतिहास, पुराण आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं, जो विभिन्न सोर्स से लिए जाते हैं। इनसे संबंधित सत्यता की पुष्टि वेबदुनिया नहीं करता है। सेहत या ज्योतिष संबंधी किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इस कंटेंट को जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है जिसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

जरुर पढ़ें

विवाह के बाद गृह प्रवेश के दौरान नई दुल्हन पैर से क्यों गिराती है चावल से भरा कलश? जानिए क्या है इस रस्म के पीछे का कारण

सावधान! धीरे धीरे आपको मार रहे हैं ये 6 फूड्स, तुरंत जानें कैसे बचें

Easy Feetcare at Home : एल्युमिनियम फॉयल को पैरों पर लपेटने का ये नुस्खा आपको चौंका देगा

जानिए नवजोत सिद्धू के पत्नी के कैंसर फ्री होने वाले दावे पर क्या बोले डॉक्टर्स और एक्सपर्ट

Winter Fashion : सर्दियों में परफेक्ट लुक के लिए इस तरह करें ओवरसाइज्ड कपड़ों को स्टाइल

सभी देखें

नवीनतम

बॉडी पॉलिशिंग का है मन और सैलून जाने का नहीं है टाइम तो कम खर्च में घर पर ही पाएं पार्लर जैसे रिजल्ट

मजेदार बाल गीत : गुड़िया रानी क्या खाएगी

क्या बच्‍चों का माथा गर्म रहना है सामान्य बात या ये है चिंता का विषय?

आपकी ये फेवरेट चीज, बच्चों के लिए है जहर से भी ख़तरनाक , तुरंत संभल जाइए वरना बच्चों को हो सकते हैं ये नुकसान ...

कितना सच है महिलाओं को लेकर आचार्य चाणक्य का ये दावा, चाणक्य नीति में मिलता है विशेष उल्लेख

अगला लेख