2020 की तरह 2021 भी बॉलीवुड के लिए बुरा ही साबित हुआ। दो वर्ष तक कोरोना की मार से फिल्म व्यवसाय बुरी तरह चरमरा गया। खासतौर पर सिनेमाघर के भविष्य पर सवालिया निशान लग गए हैं। 2021 में भी लगभग 6 से 7 महीने सिनेमाघरों पर ताले लटके रहे। जब खोलने की इजाजत तो मिली तो कई तरह की शर्तें लाद दी गई। कहीं रात के शो चलाने की इजाजत नहीं थी तो कहीं 50 प्रतिशत कैपेसिटी के साथ फिल्म दिखाने दी गई। कोरोना प्रोटोकॉल के कायदे-कानून अलग से। थिएटर खुले तो नई फिल्में ही रिलीज नहीं हुई। भारी घाटे के बावजूद सिनेमाघर चलाए गए और इक्का-दुक्का फिल्में ही ऐसी मिली जिन्होंने सिनेमाघर वालों को फायदा पहुंचाया। कई सिंगल स्क्रीन सिनेमाघर का तो यह हाल है कि दो साल से शटर नहीं खुले हैं। सरकार को भी कोरोना को लेकर जब-जब सख्ती बढ़ानी रहती है सिनेमाघर ही नजर आते हैं। इन्हें सबसे पहले बंद किया जाता है और सबसे आखिर में खोला जाता है। जबकि नेता खुद रैलियां निकालते रहते हैं जिनमें हजारों लोग बिना प्रोटोकॉल का पालन किए शामिल होते रहते हैं। कई सिनेमाघर के मालिक इस व्यवसाय को बंद कर देना चाहते हैं। बंद सिनेमाघर से भी सरकार टैक्स और बिजली के बिल वगैरह वसूलती रहती है और कोई राहत नहीं देती।
चुनौतियां ही चुनौतियां
इधर ओटीटी प्लेटफॉर्म से अलग चुनौती मिल रही है। दो साल में इस माध्यम ने अपने पैर जमा लिए हैं। शानदार सीरिज और फिल्में इस मौजूद हैं। कई बड़े सितारों की फिल्म सीधे यही दिखाई जाती है। दुनिया भर का कंटेंट यहां मौजूद है। घर में आराम से बैठ कर लोग इसका मजा ले रहे हैं तो भला सिनेमाघर जाना कौन पसंद करेगा। हिंदी फिल्म बनाने वाले प्रोड्यूसर्स की चुनौतियां भी कम नहीं हैं। हॉलीवुड और दक्षिण भारतीय फिल्मों का दबदबा बढ़ता जा रहा है। 2021 में सबसे ज्यादा कलेक्शन करने वाली फिल्म 'स्पाइडरमैन नो वे होम' रही। पैन इंडिया के नाम पर बड़े बजट की फिल्में दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माता बना रहे हैं। आज आरआरआर, केजीएफ चैप्टर 2, राधेश्याम, लाइगर जैसी फिल्में हिंदी फिल्मों के मार्केट को ध्वस्त करने के लिए तैयार हैं। हिंदी फिल्म बनाने वालों में इतना दम ही नहीं बचा कि वे ऐसी मसाला फिल्म बना सके जो पूरे भारत को पसंद आए। न आर्ट के नाम पर अच्छी फिल्में बन रही हैं। क्षेत्रीय भाषाओं में ज्यादा अच्छा काम हो रहा है और ओटीटी के जरिये दर्शकों को इन फिल्मों को देखने का अवसर मिल रहा है। चुनौतियां बहुत ज्यादा है, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री में न एकता है और न ही जुनून। सब अपने-अपने खेमों में ही खुश हैं।
फिल्म इंडस्ट्री और विवाद
2021 में भले ही ज्यादा फिल्में रिलीज नहीं हुई हो, फिल्म जगत से जुड़े लोग विवाद में जरूर रहे। शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान का ड्रग्स केस में उलझ गए। फाइव स्टार जिंदगी जीने वाले आर्यन को जेल की कोठरी में कुछ दिन बिताने पड़े। शिल्पा शेट्टी के पति राज कुन्द्रा के राज खुलगए। अश्लील फिल्म मामले में उन्होंने अपने हाथ जला लिए और सामना शिल्पा को करना पड़ा। कंगना अपनी ढपली और अपना राग अलापती रही। आजादी तो भीख में मिली थी जैसे बयान देकर उन्होंने अपने दिवालिया दिमाग का सबूत दिया। लगातार जुबां चलाती रही और खामियाजा भी भुगता। ऐश्वर्या राय बच्चन का नाम पनामा पेपर्स लीक में आया। टैक्स की गड़बड़ी को लेकर तापसी पन्नू, अनुराग कश्यप और सोनू सूद के यहां इनकम टैक्स वाले पहुंच गए। जैकलीन फर्नांडिस को सुकेश चन्द्रशेखर नामक ठग से नजदीकियां भारी पड़ी। महंगे गिफ्ट्स लेते समय उन्होंने कुछ नहीं पूछा और बाद में मासूम होने की एक्टिंग करने लगी। ईडी वाले तलब कर रहे हैं। ड्रग्स मामले को लेकर भी कई सेलिब्रिटीज से पूछताछ की गई जिससे पता चलता है कि ये चमकीले सितारे अंदर से कितने खोखले हैं। राघव जुयाल, युविका चौधरी, मुनमुनदत्ता अपनी बदजुबानी के कारण निशाने पर आए और माफी मांग कर इन्होंने पीछा छुड़ाया। द फैमिली मैन 2 और तांडव के कंटेंट/संवादों को लेकर हो-हल्ला मचा। अब सेंसर बोर्ड हर चौराहे पर बन गया है। जो चाहे फिल्मवालों पर लंगर डाल देता है।
सितारों की चमक हुई फीकी
ज्यादातर फिल्मी सितारे आराम फरमाते नजर आए। रितिक रोशन, वरुण धवन, रणबीर कपूर, टाइगर श्रॉफ की कोई फिल्में रिलीज नहीं हुई। आमिर खान 'लाल सिंह चड्ढा' को पूरी करते दिखाई दिए। शाहरुख खान तो बड़े परदे से 2018 से ही गायब हैं। सलमान खान के नाम के अनुरूप उनकी फिल्मों को पसंद नहीं किया गया। अक्षय कुमार ही व्यस्त नजर आएं। तीन फिल्में रिलीज हुईं और सूर्यवंशी के रूप में साल की सबसे बड़ी कामयाबी भी उनके हाथ आई। रणवीर सिंह ने 83 के लिए मेहनत तो बहुत की लेकिन वैसा इनाम दर्शकों ने नहीं दिया। आयुष्मान खुराना, राजकुमार राव, अजय देवगन संघर्ष करते दिखाई दिए। सत्यमेव जयते 2 जैसी फिल्म कर जॉन अब्राहम दो पायदान नीचे उतर गए। विक्की की सरदार उधम में शानदार परफॉर्मेंस से ज्यादा चर्चा उनकी शादी को लेकर हुई। हीरोइनों के क्षेत्र में तो अकाल पड़ा हुआ है। कैटरीना कैफ ने शादी कर ली। करीना कपूर बच्चों की परवरिश में व्यस्त हैं। अनुष्का शर्मा अपने पति के साथ दौरों पर रहती हैं। प्रियंका चोपड़ा तो परदेसी हो गई हैं। जैकलीन फर्नांडिस में दम नहीं है। कृति सेनन, कंगना रनौट ही समय-समय पर फिल्मों में दम दिखाती रहती हैं। अतरंगी रे में सारा अली खान में सुधार नजर आया। सुष्मिता सेन और रवीना टंडन ने वेबसीरिज़ में अपनी चमक दिखाई।
2020 के बाद 2021 भी बॉलीवुड के लिए बहुत बुरा रहा। हिंदी फिल्म इतिहास में कभी इतने बुरे दिन नहीं देखे गए। शायद 2022 में अच्छे दिन आएं।