फिल्मों से मिली समलैंगिकों को सफलता

Webdunia
- चंद्रकांत शिंदे

कुछ दिन पहले देश के समलैंगिकों ने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद खुशियाँ मनाईं और मिठाइयाँ बाँटीं क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने समलैंगिक संबधों को गैरकानूनी नहीं माना। हालाँकि इस पर बहस होनी और केंद्र सरकार से मंजूरी मिलनी बाकी है। विदेशों की तरह भारत में भी समलैंगिकों द्वारा मान्यता मिलने के लिए वैधानिक लड़ाई लड़ी जा रही थी। अगर समलैंगिक अपना हक पाने में सफल हो जाते हैं तो इसका कुछ श्रेय बॉलीवुड को भी दिया जाना चाहिए क्योंकि बॉलीवुड ने इस विषय को जनता तक पहुँचाने का काम किया है। पेश है बॉलीवुड में समलैंगिक संबंधों पर आधारित फिल्मों पर एक नजर :

सूत्रों के मुताबिक बॉलीवुड में गे लोगों की भरमार पिछले कई सालों से बढ़ी है और यही वजह है कि अब खुलेआम इस विषय पर बातें हो रही हैं और फिल्में भी बनाई जा रही हैं। गे लोगों में बॉलीवुड के कई बड़े लोगों के नाम लिए जाते हैं लेकिन उनमें से किसी ने भी खुलेआम अपने इस रूप को स्वीकार नहीं किया है। करण जौहर ने पिछले दिनों 'दोस्ताना' बनाकर अच्छा-खासा हंगामा खड़ा किया था। उनकी इस फिल्म में अभिषेक बच्चन और जॉन अब्राहम ने गे कपल का किरदार निभाया था। हालाँकि वह दोनों गे नहीं होकर बल्कि गे होने का नाटक करते हैं। 'दोस्ताना' के वक्त करण जौहर ने बताया था, 'मैं ऐसे दोस्तों की कहानी दिखाने जा रहा हूँ जो एक अलग रूप में दोस्ती निभाते हैं। दोस्ती पर आधारित आज तक कई फिल्में आई हैं लेकिन मैं कुछ नया करना चाहता हूँ। मुझे यह विषय बहुत अच्छा लगा इसलिए मैंने इसी को पर्दे पर उतारा है।'

अभिषेक बच्चन की करण ने जमकर तारीफ की थी। उन्होंने कहा था कि अभिषेक ने कमाल का किरदार निभाया है। करण की बात बिलकुल सच भी थी क्योंकि अभिषेक ने वाकई अच्छा काम किया था। फिल्म के प्रेस शो में कई गे युवा भी नजर आए थे। उनसे बात करने पर उन्होंने बताया था कि उन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। फिल्म खत्म होने के बाद प्रशांत नामक युवा ने बताया, 'हमें खुशी हो रही है कि हमारे बारे में इतनी अच्छी और मनोरंजक फिल्म बनाई गई है।' हालाँकि करण को भी हॉलीवुड फिल्म 'ब्रूकबैक माउंटेन' से ही प्रेरणा मिली थी।
अभिषेक बच्चन ने फिल्म के किरदार के बारे में जानकारी देते हुए कहा था, 'यह अलग तरह का किरदार है जिसे निभाते हुए मुझे बेहद खुशी हुई।' गे का किरदार होने की बात कहने पर उन्होंने कहा था, 'हाँ, दुनिया में इस तरह के लोग हैं और उनकी संख्या भी अच्छी-खासी है तो उस तरह का किरदार निभाने में मुझे कोई बुराई नजर नहीं आती।'

प्रियंका चोपड़ा ने भी उस समय कहा था, 'गे लोगों को नफरत से देखने की जरूरत नहीं है। यह पूरी तरह व्यक्ति पर निर्भर है कि उसे किस तरह रहना है। उसके निजी जीवन में दखल देने वाले हम कौन होते हैं? आज विश्व में इन लोगों की अपनी सोसाइटी है, उनकी अपनी एक अलग लाइफस्टाइल है जहाँ वह खुशी-खुशी रह रहे हैं।'

कुछ साल पहले बॉलीवुड में इस विषय पर आधारित फिल्म 'अधूरा' बनाई जा चुकी थी जिसे सेंसर बोर्ड ने पास नहीं किया था। आशीष बलराम नागपाल ने गे विषय पर आधारित यह फिल्म बनाई थी जिसमें इरफान खान और आशीष बलराम नागपाल ने काम किया था। हालाँकि बारह वर्ष पहले गे कम्युनिटी के बारे में कोई बात भी नहीं करना चाहता था क्योंकि उस वक्त यह बहुत कम लोगों को पता था।

उसके बाद रियाद विंची वाडिया ने 'बॉमगे' नाम से एक छोटी फिल्म बनाई थी जो इसी विषय पर आधारित थी। वाडिया खुद को गे घोषित कर चुके थे। इन दो फिल्मों के बाद वैसे तो फिल्म में गे किरदार नजर नहीं आया था, लेकिन 'फेमिनाइन' पुरुषों के कुछ किरदार अवश्य नजर आए थे।

मधुर भंडारकर ने 'फैशन', 'पेज थ्री' में गे किरदारों को अच्छी तरह पर्दे पर उतारा था लेकिन उन्होंने भी हँसाने का काम किया था। 'दोस्ताना' के बाद गे ने मुख्यधारा का रूप ले लिया जिससे और भी कई निर्माता इस विषय पर फिल्म बनाने की योजना बना रहे हैं।

पिछले दिनों ही आईड्रीम प्रोडक्शन की 'स्ट्रेट- पीनू पटेल की टेढ़ी-मेढ़ी लव स्टोरी' प्रदर्शित हुई थी। वहीं 27 वर्षीय करण गोयल ने एक फिल्म बनाई है जिसका नाम है 'द अदर साइड'। करण गोयल नेत्रहीन हैं और उनकी फिल्म समलैंगिकता पर आधारित है।

फिल्म के बारे में उन्होंने बताया, 'सैनफ्रांसिस्को में गे कम्युनिटी है और लोग खुलेआम एक-दूसरे के साथ रहते हैं ऐ। मेरे कुछ दोस्त भी थे। उनसे बातचीत में मुझे लगा कि फिल्म के लिए यह अच्छा विषय है क्योंकि यह कुदरती है। कोई जान-बुझ कर गे नहीं बनता। फिल्म में मैंने गोवा में रहने वाले 15 वर्ष के एक किशोर की कहानी दिखाई है जो मुंबई से आए एक दोस्त से प्यार करने लगता है। मैंने फिल्म में न तो गे का समर्थन किया है और न ही विरोध किया है। मैंने सिर्फ इतना दिखाया है कि यह प्राकृतिक है और माँ-बाप को अपने बच्चों को समझ लेना चाहिए।' यह फिल्म जल्द ही प्रदर्शित होने वाली है।

इसके अलावा संजय गुप्ता ने 'पंख' नाम से एक फिल्म बनाई है जिसमें एक ऐसे बाल कलाकार की कहानी दिखाई है जो लड़का होने के बावजूद लड़कियों के किरदार निभाता है। युवा होने पर उसे नायक के रूप में लांच करने की योजना बनाई जाती है लेकिन वह खुद को लड़की ही समझता है। बिपाशा बसु फिल्म में नायक के सपनों की रानी का किरदार निभा रही हैं। यह कहानी सच्ची घटना पर आधारित है।

गे की तरह लेस्बियन युवतियों पर भी बॉलीवुड में कुछ फिल्में बनी हैं । दीपा मेहता ने 'फायर' में इस विषय को हाथ में लेने का साहस दिखाया था जिसके लिए उन्हें काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा था। शबाना आजमी और नंदिता दास के अंतरंग दृश्यों की वजह से फिल्म चर्चित हुई और।

इसके बाद बॉलीवुड के निर्माताओं ने इस विषय को हॉट विषय के रूप में पेश किया । ईशा कोप्पिकर-अमृता अरोरा की फिल्म 'गर्लफ्रेंड' में ईशा ने लेस्बियन लड़की का किरदार निभाया था। फिल्म में अमृता और ईशा के गरमागरम दृश्य भी दिखाए गए थे। इसके बाद पायल रोहतगी की 'मेन्स नॉट अलाउड' फिल्म आई थी जिसमें पायल ने लेस्बियन का किरदार निभाया था ।

बॉलीवुड के इस विषय को छूने से आम जनता तक यह विषय पहुँचा और समलैंगिक जीवन के बारे में चोरी-छुपे मिली जानकारी खुलेआम मिल गई। समलैंगिकों को मिली सफलता को भुनाने के लिए अब और भी निर्माता आगे आएँगे इसमें कोई शंका नहीं है।

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