नेपाल के आकाशवाणी पर लोक संगीत गाते थे उदित नारायण, बॉलीवुड इंडस्ट्री में किया कड़ा संघर्ष

WD Entertainment Desk
रविवार, 1 दिसंबर 2024 (10:05 IST)
Udit Narayan Birthday: बॉलीवुड के जानेमाने सिंगर उदित नारायण 1 दिसंबर को 69 साल के हो गए हैं। उदित नारायण का जन्म नेपाल में एक मध्यम वर्गीय ब्राह्मण परिवार में हुआ था। बचपन के दिनों से ही उनका रुझान संगीत की ओर था और वह पार्श्वगायक बनना चाहते थे। इस दिशा में शुरुआत करते हुए उन्होंने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा पंडित दिनकर कैकिनी से हासिल की। 
 
उदित नारायण ने गायक के रूप में अपने करियर की शुरुआत नेपाल में आकाशवाणी से की जहां वह लोक संगीत का कार्यक्रम पेश किया करते थे। लगभग आठ वर्ष तक नेपाल के आकाशवाणी मंच से जुड़े रहने के बाद वह 1978 में मुंबई चले गए और भारतीय विद्या मंदिर में स्कॉलरशिप हासिल कर शास्त्रीय संगीत की शिक्षा लेने लगे।
 
साल 1980 में उदित नारायण की मुलाकात मशहूर संगीतकार राजेश रोशन से हुई जिन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचान करके अपनी फिल्म 'उन्नीस बीस' में पार्श्वगायक के रूप में उन्हें काम करने का मौका दिया, लेकिन दुर्भाग्य से यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह नकार दी गई। दिलचस्प बात है कि इस फिल्म में उन्हें अपने आदर्श मोहम्मद रफी के साथ पार्श्वगायन का मौका मिला। 
 
लगभग दो वर्ष तक मुंबई में रहने के बाद उदित नारायण पार्श्वगायक बनने के लिए संघर्ष करने लगे। आश्वासन तो सभी देते लेकिन उन्हें काम करने का अवसर कोई नहीं देता था। इस बीच उदित नारायण ने गहरा जख्म, बड़े दिल वाला, तन बदन, अपना भी कोई होता और पत्तों की बाजी जैसी बी और सी ग्रेड वाली फिल्मों में पार्श्वगायन किया लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास फायदा नहीं पहुंचा।
 
लगभग दस वर्ष तक मायानगरी मुंबई में संघर्ष करने के बाद 1988 में नासिर हुसैन की आमिर खान अभिनीत फिल्म कयामत से कयामत तक में अपने गीत 'पापा कहते हैं बड़ा नाम करेगा' की सफलता के बाद उदित नारायण गायक के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल हो गए। कयामत से कयामत तक की सफलता के बाद उदित नारायण को कई अच्छी फिल्मों के प्रस्ताव मिलने शुरू हो गए जिनमें राम अवतार, त्रिदेव, महासंग्राम, दिल, सौगंध, फूल और कांटे जैसी बड़े बजट की फिल्में शामिल थीं। 
 
उदित नारायण अब तक पांच बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किए जा चुके हैं। हिन्दी सिनेमा जगत में उदित नारायण के महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2009 में पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया। वर्ष 2002 में फिल्म लगान के गीत सुन मितवा और 2003 में फिल्म जिंदगी खूबसूरत है के गीत छोटे छोटे सपने के लिए वह सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक के राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किये गए।
 
आमिर खान, शाहरुख खान जैसे नामचीन नायकों की आवाज कहे जाने वाले उदित नारायण ने तीन दशक से भी ज्यादा लंबे करियर में लगभग 15,000 फिल्मी और गैर फिल्मी गाने गाए हैं। उन्होंने हिन्दी के अलावा उर्दू, तमिल, बंगला, गुजराती, मराठी, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, उड़िया और नेपाली फिल्मों के गीतों के लिए भी अपना स्वर दिया है। 
 
उदित नारायण ने कई गैर फिल्मी गीतों के गायन से भी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया है। उनके गाए प्राइवेट अलबम में कुछ है भजन संगम, भजन वाटिका, आई लव यू, दिल दीवाना, यह दोस्ती, लव इज लाइफ, झुमका दे झुमका, मां तारिणी, धुली गंगा प्रमुख है।
 
बहुमुखी प्रतिभा के धनी उदित नारायण ने नेपाली फिल्मों में अभिनय भी किया है। इनमें कुसुमे रूमाल और पिराती प्रमुख हैं। इसके अलावा उन्होंने भोजपुरी सुपरहिट हिट फिल्म कब होइ गवनवां हमार का निर्माण भी किया है। उदित नारायण भारत के अलावा अमेरिका, कनाडा, वेस्टइंडीज और दक्षिण अफ्रीका में कई स्टेज कार्यक्रम भी पेश कर चुके हैं। उदित नारायण आज भी अपनी मधुर आवाज से संगीत जगत को सुशोभित कर रहे हैं।

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