इरफान खान के ऐसे 10 डायलॉग जो फैंस को आज भी दिलाते हैं उनकी याद

Webdunia
शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022 (15:34 IST)
प्रथमेश व्यास
आज से ठीक 2 बरस पहले हिंदी सिनेमा के एक ऐसे अदाकार ने फिल्म जगत को अलविदा कहा था, जो अल्फाजों से ज्यादा आंखों से अपनी बात कहने का हुनर रखता था। फिल्मी दुनिया का ऐसा नायाब सितारा जिसने अपनी एक्टिंग का परचम पूरी दुनिया में लहराया। बात हो रही है इरफान खान की, जिनका 29 अप्रैल 2020 को कैंसर के चलते निधन हो गया था।

 
इरफान ने कॉमेडी से लेकर थ्रिलर और सस्पेंस से भरी कई फिल्मों में ऐसी अदाकारी की, जिसने दर्शकों के मन पर उनकी अमिट छाप छोड़ दी। एक्शन और स्टारडम पर जोर देने वाली इंडस्ट्री में रहकर इरफान ने अपने सौम्य और प्रभावी अभिनय के दम पर दर्शकों के ह्रदय में अपनी एक अलग जगह बनाई। इसी वजह से उनकी काबिलियत को बॉलीवुड के साथ-साथ अमेरिकन और ब्रिटिश फिल्म इंडस्ट्रीज ने भी पहचाना, जिसकी बदौलत दुनिया ने द अमेजिंग स्पाइडर मैन, जुरासिक वर्ल्ड, लाइफ ऑफ पाई और इन्फर्नो जैसी फिल्मों में उनकी शानदार एक्टिंग देखी।
 
इरफान खान कई खूबियों के लिए दर्शकों की पसंद थे, उन सभी में से सबसे ज्यादा जादू अगर उनकी किसी खूबी ने बिखेरा तो वो थे उनके डायलॉग्स। इरफान इतने बढ़िया अंदाज में अपने संवादों को स्क्रीन पर पढ़ते थे कि सुनने वालों के जहन से कई दिनों तक वो ओझल नहीं होते थे। इसलिए उनकी द्वितीय पुण्यतिथि पर हम आपके लिए लेकर आए है, इरफान खान के टॉप-10 ऐसे डायलॉग्स, जिन्होंने उन्हें आज भी फैंस की यादों में जिंदा रखा हुआ है।
 
1. फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' में उनका कहा एक डायलॉग याद आता है। वो यूं है कि - 'जिंदगी में कुछ भी होने से पहले, ईमानदार होना बहुत ज़रूरी है।'
 
2. फिल्म जज़्बा में इरफान ने कई बेहतरीन डायलॉग्स बोले, उनमे से दर्शकों का सबसे पसंदीदा डायलॉग था - 'बेटे! मोहब्बत थी इसलिए जाने दिया, ज़िद्द होती बाहों में होती।
 
3. 'कारवां' फिल्म में इरफान खान एक डायलॉग था जिसकी बहुत सराहना हुई थी। वो डायलॉग था - 'चांद पर बाद में जाना जमाने वालों, पहले धरती पर रहना तो सीख लो।'
 
4. इरफान खान सुपरहिट फिल्म 'लंचबॉक्स' ने बहुत वाह-वाही बटोरी थी। इस फिल्म में इरफान का एक बड़ा प्रभावी डायलॉग था - 'इन दिनों जिंदगी बहुत व्यस्त है। दुनिया में कई सारे लोग है, और सबको वही चाहिए जो दूसरे के पास है।'

5. 2007 में इरफान की एक फिल्म आई थी, 'लाइफ इन ए मेट्रो', जिसमें उन्होंने मुंबई शहर के बारे में एक मन को छू लेने वाला संवाद कहा था- 'ये शहर जितना देता है, बदले में कहीं ज्यादा हमसे ले लेता है।'
 
6. किसी इंसान की जिंदगी में उसके सपनों की बहुत अहमियत होती है। इसी के मद्देनजर अपनी फिल्म 'अंग्रेजी मीडियम' में इरफान ने कहा था- 'आदमी का सपना टूट जाता है ना, तो आदमी खत्म हो जाता है।'

7. यूं तो अपनी फिल्मों में इरफान ज्यादा शोर शराबा नहीं करते थे, लेकिन उनमे भी बेशुमार एटिट्‌यूड्‌ था, जिसे उन्होंने अपनी फिल्म 'साहेब बीवी और गैंगस्टर' के इस डायलॉग के जरिए दर्शाया- 'हमारी तो गाली पर भी ताली पड़ती है।'

8. फिल्म 'कारवां' के इस डायलॉग में तो जैसे इरफान ने जिंदगी का सच ही कह दिया- 'लोगों को हक जताना आता है, रिश्ता निभाना नहीं आता।'

9. 2017 में इरफान की एक सुपरहिट फिल्म आई थी 'नो बेड ऑफ रोजेज', जिसमे उनका का एक बहुत ही प्रभावी डायलॉग था- 'लकीरें बहुत अजीब होती है - खाल पे खिच जाएं तो खून निकाल देती है और जमीन पे खिच जाएं तो सरहदें बना देती है।'
 
10. अपनी सबसे सर्वश्रेष्ठ फिल्मों में से एक 'लाइफ ऑफ पाई' में इरफान का एक डायलॉग था, जो उन्हें याद करने पर उनके फैंस को सबसे ज्यादा याद आता है। वो डायलॉग है- 'मै समझता हूं कि आखिर में सबकुछ जाने देने का नाम ही जिंदगी है, पर सबसे ज्यादा तकलीफ तब होती है जब आपको अलविदा कहने का मौका नहीं मिल पाता।'

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