कुछ फिल्मों में भी अभिनेत्रियों ने न्यूड सीन से परहेज नहीं किया। इनमें 'सिद्धार्थ' में सिमी ग्रेवाल और 'गहराई' में पद्मिनी कोल्हापुरे प्रमुख हैं। चूंकि ये कलात्मक फिल्में हैं, इसलिए कला के नाम पर यह काम हुआ और ज्यादा चर्चा नहीं मिली। हाल ही के दिनों में नील नितिन मुकेश, राजकुमार राव और जॉन अब्राहम जैसे कुछ अभिनेताओं ने फिल्मों में स्क्रिप्ट की डिमांड को ध्यान में रखते हुए फिल्मों में न्यूड सीन किए।
एक वक्त ऐसा भी था जब हीरो का शर्ट उतारना अशोभनीय कदम माना जाता था। 'फूल और पत्थर' में बॉलीवुड के ही-मैन धर्मेन्द्र ने अपनी कमीज उतार दी थी तो उनकी काफी आलोचना हुई थी और इसे कुछ लोगों ने शर्मनाक बताया था। बाद में हीरो के कमीज उतारने को मर्दानगी से जोड़ा जाने लगा।
सलमान खान तो अब लगभग हर फिल्म में अपनी कमीज उतार कर फाइट करते हैं और दर्शक उनकी 'मछलियां' देख सीट से उछल जाते हैं। अब तो महिलाएं भी पुरुष की खुली छाती देख 'आहें' भरने लगी हैं। महिलाओं में उत्तेजना भरने के लिए भी जॉन अब्राहम जैसे अभिनेता अपनी बॉडी दिखाते हैं। 'दोस्ताना' में समुंदर किनारे 'पीली शॉर्ट्स' पहने वाला जॉन का सीन महिलाओं में काफी लोकप्रिय हुआ था।
बहरहाल 'पीके' के पोस्टर में आमिर का न्यूड होना मात्र सनसनी फैलाना नहीं है। फिल्म का निर्देशन राजकुमार हिरानी ने किया है और वे अपनी फिल्म के प्रचार के लिए ऐसी हरकत कर भी नहीं सकते हैं। वे एक गंभीर फिल्मकार हैं। फिल्म में आमिर 'एलियन' बने हैं और वे धरती पर पहली बार नग्न रूप में आते हैं। ये फिल्म में उनका पहला सीन हो सकता है। बाद में उन्होंने दुसरे मनुष्यों को देख कपड़े धारण करे हो। बहुत ही चतुराई से यह पोस्टर बनाया गया है। आमिर का नग्न शरीर 'सनसनी' फैला रहा है, लेकिन टेपरिकॉर्डर इस सनसनी को 'स्क्रिप्ट की डिमांड' की आड़ में ढंक भी रहा है।