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एमी विर्क ने बिना स्क्रिप्ट पढ़े ही साइन कर दी थी फिल्म बैड न्यूज

हमें फॉलो करें एमी विर्क ने बिना स्क्रिप्ट पढ़े ही साइन कर दी थी फिल्म बैड न्यूज

रूना आशीष

, गुरुवार, 18 जुलाई 2024 (17:43 IST)
Ammy Virk Interview : पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अंतर मुझे जो नजर आता है, वह है पैसों का। मैं बतौर हीरो अपनी फीस की बात और उसके पैसे की बात नहीं कर रहा हूं। लेकिन यहां फिल्म के टोटल बजट की बात कर रहा हूं। वह फिल्म बनेगी तीन या चार करोड़ लोगों के लिए और यहां 140 करोड लोगों के लिए बनेगी तो बजट का अंतर निश्चित ही सामने आएगा।
 
अधिकतर दक्षिण की फिल्मों का कैसे हो गया है फिल्में बनती हैं डब होकर आती है और फिर देखने वाले बढ़ जाते हैं, दर्शक बढ़ जाते हैं। अब जब ऐसा होगा कि पंजाब में ऐसी फिल्में बनेंगी जो महाराजा रंजीत सिंह पर बनेगी या वहां के सच्चे जो योद्धा रहे हैं उन पर फिल्म बनेगी डब होकर यहां आएंगी तो दर्शक भी बढ़ जाएंगे हम लोगों के।
 
यह कहना है एमी विर्क का, जो कि बैड न्यूज़ के साथ लोगों के सामने आ रहे हैं। एमी यूं तो नया चेहरा नहीं है। पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के लिए अच्छा खासा नाम है। हिंदी फिल्मों में भी अभी तक उन्हें कई बार देखा जा चुका है। बैड न्यूज के साथ वह एक पूरे हीरो के तौर पर लोगों के सामने आ रहे हैं। 
 
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अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए और मीडिया से बातचीत करते हुए एमी ने बताया कि अभी तक दक्षिण से जैसी फिल्में आती हैं, उसमें सायफाय फिल्म आई है या फिर फंतासी फिल्म आई है या वह फिल्में आई हैं जो सच्ची घटनाओं पर आधारित नहीं है लेकिन अगर कभी पंजाबी फिल्में बनती हैं तो उसमें इतिहास बहुत तगड़ा रहा है। योद्धाओं का इतिहास खासतौर पर से इतनी सारी लड़ाइयां लड़ी गई है। इतने सारे बहादुरी के किस्से हैं। इतिहास की किताब से उठाकर अगर उन्हें भी फिल्म बना दिया जाए तब भी फिल्मों का प्रभाव वह छोड़ सकती हैं। 
 
अब सोचिए पंजाब में फिल्म बन रही है, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से कोई चला गया साउथ का कोई एक्शन मास्टर चला गया। तो कितनी मजेदार फिल्म बनेगी। वैसे भी हिंदी या पंजाबी या तमिल फिल्म तो है नहीं यह तो एक भारतीय फिल्म बन रही हैं। पूरे भारत के लिए फिल्म बन रही हैं। मुझे ऐसा लगता है कि आने वाले समय में पंजाब में जब ऐसी फिल्में बनना शुरू हो जाएंगी तो बड़ा मजा आएगा। 
 
मुझे याद है महाराजा रंजीत सिंह पर भी जब फिल्म बन रही थी तब ऐसे ही बात हुई थी। उन्हें पूर्व का नेपोलियन कहा जाता है। वह फिल्म बनना भी शुरू हो गई हालांकि मुझे नहीं मालूम कि उसका आगे क्या हुआ? लेकिन जब सच्ची घटनाओं पर फिर मैं बनना पंजाब में शुरू हो जाएंगे और वह यहां यानी हिंदी फिल्मों में डब होकर आ जाएंगे तो उसका अपना प्रभाव रहेगा। 
 
दलजीत दोसांझ ने कहा था कि कभी किसी फिल्म के लिए वह अपने केश नहीं कटवाएंगे। लेकिन चमकीला में उन्होंने ऐसा रोल किया।
क्या आप भी यही सोचते हैं, आप मुझे 1 रुपए दे या तीन चार ट्रिलियन डॉलर देते हैं मैं कभी भी अपने केश नहीं कटवाने वाला हूं। ऐसा हो ही नहीं सकता। चाहे कोई कितना भी दमदार रोल क्यों ना हो? जहां तक दलजीत भाई की बात है वहां पर भी उन्होंने केश नहीं कटवाए हैं उन्होंने बाल इस तरीके से जमा है कि उसके ऊपर विग लगाई जाए और फिर उन्हें चमकीला का किरदार किया है। 
 
क्योंकि चमकीला का किरदार इस तरीके से रहा है जिसमें उनका शॉर्ट हेयरकट दिखाया गया है। आप यह मेरी बात गारंटी से ले लीजिए। पंजाब में जितने भी सिख हैं वह कभी भी केश नहीं कटाएंगे। वैसे मैं थोड़ा सा पापी हो गया हूं कि मैंने दाढ़ी को ट्रिम करवाया है। कभी इतना अच्छा रोल मिला जहां पर मुझे पगड़ी उतार के अपने बालों को दिखाना पड़ा तो मैं वह रोल भी निभा लूंगा। लेकिन कभी भी केश किसी भी रोल के लिए नहीं कटवाऊंगा।
 
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कभी कोई बैड न्यूज सुनी है आपने? 
बैड न्यूज का ऐसा तो कुछ नहीं कह सकता। लेकिन हां जब सुबह सोकर उठता हूं मोबाइल देखता हूं तो भगवान को मनाता रहता हूं। सुबह की शुरुआत भगवान के नाम से होनी चाहिए लेकिन मोबाइल पर कभी कोई बुरी घटना चाहे मेरे साथ में या किसी भी के साथ हो दुनिया में किसी भी जगह पर हो रही हो। बस यह मनाता रहता हूं कि कोई बैड न्यूज़ सुबह सुबह पढ़ने को ना मिल जाए। 
 
कोई किसी परेशानी में फंसा हुआ ना हो। जहां तक मेरी बैड न्यूज़ की बात है निजी तौर पर तो ऐसे कोई बहुत बड़ी बैड न्यूज़ हुई नहीं है। मेरे साथ एक दो बार गलतफहमी का शिकार हो गया था तो धीरे-धीरे उसको भी साफ करके लोगों के सामने बता दिया। जहां तक इस फिल्म बैड न्यूज़ की बात है तो वह बाढ़ न्यूज़ भी मेरे लिए गुड न्यूज़ है। देखिए लोगों के सामने आ रहा हूं। 
 
जिंदगी में कभी मुश्किल भरा दौर आता है तो कैसे संभालते हैं अपने आपको?
लेकिन जिंदगी में यह सब चीजें तो लगी रहती है। अच्छा समय बुरा समय आता ही रहेगा और आना भी चाहिए। तभी तो जिंदगी के मजे हैं। बुरा समय जब आता है तो आपको बहुत सारी चीजें समझना और अपनाना मिलती है। वैसे भी बुरे समय में आप कुछ कर नहीं सकते हैं। आप सब उसे शांति के साथ समय काट सकते हैं। ऐसे समय में घर वालों की बहुत ज्यादा जरूरत होती है। दोस्तों की जरूरत होती है जो साथ में रहे। अब देखे जब कृषक आंदोलन हुआ था तब मेरे बारे में बहुत सारी चीजें कह दी गई थी और मेरे घर के सामने पुतले वगैरह भी फूंके गए थे। बहुत जोर शोर से मेरा विरोध भी किया गया था। 
 
हालांकि दिल में मैं यह जानता था कि मैं सच कह रहा हूं और मैं सही हूं। फिर धीरे-धीरे मैंने अपनी बातों को लोगों के सामने रखा। सामने वाले लोगों ने भी इन बातों को समझा और फिर वह मामला वहीं सुलझ गया। वो कहते हैं ना कि आपकी जिंदगी में यह समय कुछ सिखाने के लिए आता है। अगर आप बहुत सफल हैं तो आपके घर में एक न एक बार तो इनकम टैक्स की रेड पड़नी है। हो सकता है यह रेड आपको सतर्क रहना सिखाएं और अगर आप दो नंबर ही हो तो आप इसके चपेट में आ जाएंगे। लेकिन अगर आप सही हैं तो फिर यही बुरा समय आप को और मजबूत इरादों वाला व्यक्ति भी बनाता है। 
 
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आपका और धर्मा का यह जोड़ कैसे हुआ? 
मुझे फिल्म का ऑफर आया और उसमें मुझे बताया गया कि यह धर्मा की फिल्म है तो मैंने कहा ना तो निर्देशक देखना है ना किसने कहानी लिखी है, यह देखना है। मुझे तो यह फिल्म करनी है। फिर बाद में मालूम पड़ा कि इसमें विक्की भी है। मैंने कहा रे बाप रे इतना बड़ा नाम मेरे साथ जुड़ रहा है, बिल्कुल करनी है। फिर बाद में तृप्ति भी हमसे जुड़ी और यह तब की बात है जब वह इतनी बड़ी कलाकार नहीं थी, लेकिन अब तो वह नेशनल क्रश हो गई है तो वह भी एक बड़ा नाम है। 
 
मैंने कहा इतना बड़े नाम जब मेरे साथ जुड़ रहा हो तो क्या फर्क पड़ता है कि निर्देशक कौन है, रोल किया है। लिखा किसने है, धर्मा है, अच्छी फिल्म बनाएगा। अच्छे से प्रस्तुत करेगा। लोगों के दिल की बात कहेगा। इसलिए मैंने बिना ज्यादा कुछ सोचे समझे लाग लपेट के हां बोल दिया। 

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