राज़ी, मेघना और पिता के बारे में आलिया भट्ट

रूना आशीष
"मुझे तो मेरी हर फिल्म में निभाया किरदार चैलेंजिंग ही लगता है। पहले लगा था उड़ता पंजाब चैलेंजिंग है, फिर राज़ी लगा और अब कलंक।  जबसे शूट कर रही हूं तो लगता है कि वो सबसे चैलेंजिंग है।"
 
राज़ी में एक महिला जासूस का किरदार निभाने वाली आलिया भट्ट को उनके अभिनय के लिए तारीफ मिलती रही हैं। अपनी ज़िंदगी और फिल्मों के बारे में आलिया ने बात की वेबदुनिया संवाददाता रूना आशीष से। 
 
राज़ी फिल्म की तरह आप अपने देश के लिए आज क्या करना चाहती हैं? 
देखिए, मैं देशभक्त हूं ये कह कर छूट नहीं की जा सकती है। देश से प्यार है तो बताइये, देश के लिए काम कीजिए। मैं कई बार एनजीओ से जुड़ जाती हूं। हाल ही में मैंने आमिर के साथ श्रमदान किया था उनके पानी फाउंडेशन के लिए। मेरा मानना है कि आप छोटे-छोटे काम भी करते रहो तो भी अच्छा है। बस, कुछ करते रहो। ऐसा करने से मुझे संतुष्टि मिलती है। लगता है कि चलो मैं अपने देश, अपने लोगों और दुनिया को कुछ लौटा रही हूं। जो पाया वो बांट भी रही हूं। 
 
आपके पिता भी अपनी बातों को खुल कर व्यक्त करते रहे हैं। आप पिता-पुत्री क्या बातें करते हैं? 
हम फिल्मों को ले कर बात करते हैं, लेकिन फिल्म मुझे कौनसी चुननी है ये बात नहीं होती, बल्कि फिल्म पूरी हो जाने के बाद मेरे किरदार पर पूरी और बुरी तरह से कैंची चलती है। ये नहीं किया या वो कर लेना चाहिए था।  
 
और निजी जीवन की बातें? 
अभी-अभी तो मैं और पापा दोस्त बने हैं। इसके पहले तो वो अपने शूट्स में व्यस्त रहते थे और मैं अपने काम में, लेकिन अब तो पापा मुझे ले कर इतना ज़िद्दी हो जाते हैं कि सीधे सेट पर आ जाते हैं। फोन लगाएंगे कि मैं पास से गुज़र रहा हूं तो दस मिनट मिल लूं। फिर वो सेट पर आते हैं। बातें करते हैं। मिलने ज़रूर आते हैं। 


 
मेघना गुलज़ार से क्या सीखा? 
मैं बहुत शक्रगुज़ार हूं जो उनके साथ काम करने का मौका मिला। वह बहुत ही मंझी हुई निर्देशक हैं। वह अपना काम बहुत अच्छे से करती हैं और बारीकी से हर बात को परखती हैं। उनमें अपने कैमरा ऐंगल और फ्रेम को ले कर जुनून है। एक शॉट में उन्होंने एक कलाकार से कहा कि ज़रा आराम से चलो, तुम 70 साल के बूढ़े हो। कोई भी गलती उनकी नज़र से नहीं बचती। जब मैंने 'तलवार' देखी थी तो वो मुझे डॉक्यूमेंट्री की तरह लगी। कलाकारों की एक्टिंग देख लगा नहीं कि वे अभिनय कर रहे हैं। मेघना बहुत ही संवेदनशील हैं क्योंकि वह गुलजार जी और राखी जी की बेटी हैं। हम इसी बात पर एक दूसरे के साथ हो लिए क्योंकि उसी तरह की संवेदनशीलता के साथ मेरे माता पिता ने भी मुझे बड़ा किया है। 
 
आपने कई रियल लोकेशन पर शूट किया है। कैसा अनुभव रहा? 
बहुत अच्छा अनुभव था। कई बार मुझे पहले से ही बता दिया जाता था कि यहां कुछ परेशानी हो सकती है। शूट के समय मैंने सुना सब लोग आलिया-आलिया चिल्ला रहे थे। बतौर कलाकार हमें आदत हो जाती है कि हम नियंत्रित माहौल में काम करें, लेकिन इस फिल्म में ऐसा नहीं हुआ। मैं सबको दिखा रही थी कि सब ठीक है़, लेकिन अंदर से डरी हुई थी। 
 
कश्मीर की शूटिंग कैसी थी? क्या कश्मीर सुरक्षित था? 
कश्मीर एकदम सुरक्षित जगह है। वहां सभी लोग पर्यटकों का इंतज़ार करते हैं। बकिंग नहीं होती वे लोग चिंता में पड़ जाते हैं। आप सोच सकते हैं कि कश्मीर जैसी जगह पर अगर पर्यटन कम हो जाए तो लोगों का क्या होगा। परेशानी तो हमें पटियाला में हुई थी, जब बाबा राम रहीम की गिरफ्तारी की वजह से हंगामे हो रहे थे। कश्मीर तो बहुत ही अच्छा लगा मुझे। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

बॉलीवुड हलचल

ऐश्वर्या राय का फोन कॉल आते ही घबरा जाते हैं अभिषेक बच्चन! बताई वजह

उर्वशी रौटेला ने जीता था मिस यूनिवर्स इंडिया 2012 का ताज, लेकिन सुष्मिता सेन ने कर दिया बाहर!

जॉली एलएलबी 3 में दिखेगी अक्षय कुमार और अरशद वारसी की जोड़ी, इस दिन सिनेमाघरों में देगी दस्तक

बिहार दिवस पर जानें कैसे आमिर खान ने देशभर में लिट्टी चोखा को बनाया पॉपुलर!

सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव और द बकिंघम मर्डर्स की असफलता पर एकता कपूर ने जताई निराशा

सभी देखें

जरूर पढ़ें

Loveyapa review: मोबाइल की अदला-बदली से मचा स्यापा

देवा मूवी रिव्यू: शाहिद कपूर और टेक्नीशियन्स की मेहनत पर स्क्रीनप्ले लिखने वालों ने पानी फेरा

Sky Force review: एयर फोर्स के जांबाज योद्धाओं की कहानी

आज़ाद मूवी रिव्यू: अमन-साशा की बिगड़ी शुरुआत, क्यों की अजय देवगन ने यह फिल्म

इमरजेंसी मूवी रिव्यू: कंगना रनौट की एक्टिंग ही फिल्म का एकमात्र मजबूत पक्ष

अगला लेख