Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

Exclusive Interview में रोहित शेट्टी ने बताया कि उन्होंने मां से क्या सीखा

रोहित शेट्टी ने मदर्स डे पर अपनी मां के बारे में बातें की। रोहित और अजय देवगन की मां ने उन्हें समान सीख दी जिसका पालन वे आज तक कर रहे हैं।

Advertiesment
हमें फॉलो करें Exclusive Interview में रोहित शेट्टी ने बताया कि उन्होंने मां से क्या सीखा

रूना आशीष

"मैं आज 45 साल का हूं, लेकिन आज भी जब माँ को देखता हूँ तो लगता है कि मैं कितना सुरक्षित हूँ। मुझे उनके आस-पास रहने से ही सिक्योरिटी का एहसास होने लगता है। मुझे लगता है कि अगर मैं कभी भी किसी वजह से परेशानी में घिरा तो माँ मेरे पास हैं और मुझे उनके रहते कोई बात परेशान नहीं कर सकती।"
 
ये बातें सुन कर लगता ही नहीं कि सिंघम जैसी फ़िल्में बनाने वाले रोहित शेट्टी दिल से इतने सॉफ्ट हैं। रोहित एक पिता हैं जिनका बेटा 13 साल का है, जो उनकी हर फिल्म पसंद करता है। 
 
अपने पिता फाइट मास्टर शेट्टी और अपनी माँ रत्ना शेट्टी के बारे में रोहित बताते हैं कि "वह बहुत मजबूत महिला हैं वो अपने ज़माने की स्टंट वुमैन रह चुकी हैं। मेरे माता-पिता ऐसे ही आपस में मिले।"
 
आपने अपनी माँ से किया सीखा? 
काम के प्रति ईमानदारी। अपने काम के लिए इज्जत। मैंने 16 साल की उम्र से फ़िल्मों में काम करना शुरू कर दिया था। माँ या पालक के तौर पर आप अपने बच्चों को अच्छी बातें सीखा सकते हैं या कर के दिखा सकते हैं, लेकिन एक उम्र के बाद उन बच्चों पर निर्भर है कि वे क्या करते हैं। मेरी माँ ने मुझे समय की पाबंदी सिखाई है। यही बात मेरे और अजय (देवगन) में समान है। हाँ, ये बात अलग है कि मैंने अब तक शायद 1-2 फ्लाइट मिस की हों, लेकिन अजय ने आज तक कोई फ्लाइट मिस नहीं की है। मैं तो शुक्रगुज़ार हूँ माँ और अजय के पालकों का जिन्होंने हम दोनों को समय की क़ीमत समझाई। 
 
आप माँ को किस बात के लिए धन्यवाद देना चाहेंगे? 
वे मेरे जीवन में हैं इस बात के लिए। फिर धन्यवाद कहूंगा इस सीख के लिए कि काम के लिए कैसी लगन होनी चाहिए। जब कोई काम करो तो उसमें अपना शत-प्रतिशत दो। काम से जी ना चुराओ और पूरी तरह से उस काम के लिए अपने को समर्पित कर दो। ये बातें मुझे अपने करियर में काम आती हैं। 
 
मैं आठ साल का था जब मेरे पिताजी की मौत हुई थी। तब से हमें माँ ने ही सिंगल वुमन के तौर पर हमें पाला। लोग आजकल वुमैन एंपॉवरमेंट की बातें करते हैं, लेकिन मेरे घर पर तो मैं अपनी माँ को पिछले 45 साल से इस रूप में देखता आया हूं। वे आज भी मेरे साथ ही रह रही हैं और अभी भी उतनी ही मज़बूत इरादों वाली हैं। माँ क्या मेरी तो बहनें भी वुमन एंपॉवरमेंट की मिसाल हैं। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

चाय और लड़की में चाहिए यह 6 गुण : यह चुटकुला पढ़कर हंसे बिना नहीं रहेंगे