मुझे लगता है मुझे फिल्म 'केसरी वीर' एकदम सही समय पर मिली है। इस रोल को निभाते समय मुझे विषय की गहराई के बारे में भी मालूम था। मुझे किस तरीके से महसूस करना है और उसे पर्दे पर लाना है यह भी मालूम था और कितने एक्सप्रेशन देने हैं, यह भी मुझे मालूम था। इसलिए एकदम सही समय पर आई हुई फिल्म के लिए मैं यह कह सकता हूं। इसके पहले कभी आई होती तो मेरे कैरेक्टर प्ले करने में वह गहराई और वह संजीदगी नहीं आती। यह कहना है सूरज पंचोली का, जो कि 'केसरी वीर' नाम की फिल्म के जरिए लोगों के सामने आ रहे हैं।
सूरज यूं तो फिल्मों में आने से पहले ही विवादों में घिर चुके थे। जिया खान मर्डर केस में वह जेल की हवा भी जा चुके हैं। हालांकि बाद में अदालत ने उन्हें इस केस से बरी कर दिया, लेकिन फिर भी जिंदगी को वापस पटरी पर लाने का जो एक प्रयास था उसमें वह आज तक लगे हुए हैं।
केसरी वीर के प्रमोशन इंटरव्यू के दौरान सूरज बताते हैं, मैं हमेशा से एक योद्धा का रोल निभाना चाहता था। मैंने बहुत सारी फिल्मों को देखकर अपने आप को छोड़ के लिए सोचा भी था। रणवीर सिंह ने जब बाजीराव मस्तानी किया था, मैंने उसी दिन ठान लिया था कि जब भी मौका मिलेगा कि एक वॉरियर का रोल कर सकूं तो मैं जरूर करूंगा। और मुझे लगता है मैं खुशकिस्मत हूं कि मेरा वह सपना साकार हो गया।
सुनील शेट्टी जैसे कलाकार के साथ काम करना कैसा लगा?
वह हमेशा से ही मेरे लिए बहुत बड़ी शख्सियत रहे हैं। मैं हमेशा से उनका प्रशंसक रहा हूं और मैं बहुत ज्यादा पसंद करता रहा हूं। मैं सुनील सर से पहली बार गैलेक्सी अपार्टमेंट सलमान सर के घर पर मिला था। सलमान सर ने कहा था कि मैं हीरोइन को बना रहा हूं और सूरज पंचोली उसमें मेन लीड है और उसी समय हमने नंबर एक दूसरे से आदान-प्रदान कर लिए थे। मैं सुनील सर के दोनों ही बच्चे यानी कि अहान और अथिया दोनों का ही अच्छा मित्र भी हूं।
सुनील सर हमेशा मेरे साथ खड़े रहे हैं। मेरा समय अच्छा हो या मैं किसी बुरे दौर से गुजर रहा हूं। वह हमेशा मेरे लिए वही बने रहे और मुझे बहुत अच्छा लगता है कि मैं सुनील शेट्टी सर हो या संजय दत्त सर हो या फिर जैकी श्रॉफ सर हों इन एक्टर्स के साथ कभी काम कर सकूं। सुनील सर के साथ फिर मौका मिलेगा मैं फिर काम करना चाहूंगा। वही साथ में कहता हूं जब मैं हीरो में काम कर रहा था तब मुझे जैकी श्रॉफ सर ने कहा था भिडू काम को लेकर बहुत सीरियस नहीं होना। एक फिल्म कर ली, हीरो कर ली है अब इसके बारे में नहीं सोचने का। आप अपना काम अच्छे से करो फिल्म का हिट होना फ्लॉप होना वह सोचना छोड़ दो अब अगली फिल्म के बारे में सोचो। मैं आज कह सकता हूं कि मैं अपनी जिंदगी से खुश हूं। बहुत संतुष्ट हूं।
आप की पहली फिल्म हीरो को लोगों के सामने आए 10 साल हो गए। इन 10 सालों ने आपको क्या सिखाया?
इस समय ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है और मुझे लगता है कि मेरी अभी सीखने की प्रक्रिया जो है, खत्म नहीं हुई है। आपके ऊपर अच्छा समय बुरा समय दोनों आएगा। बेहतर है कि आप अपने घर वालों के बहुत करीब रहे उन्होंने अपने करीब रखें भी।बुरे वक्त में कोई आपके साथ हो या ना हो आपके घर वाले आपके साथ जरूर होते हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में देखा कि जब आपके हाथ में माइक में आए बोलने को तो आपके जुबान से एक शब्द नहीं निकला बल्कि आंखें भर आई।
जी मैं ऐसा ही हूं। मैं इस तरीके से इमोशनल हो जाता हूं। मैं अपनी बातों को बहुत ज्यादा लोगों के सामने रख नहीं पाता हूं क्योंकि मुझे आदत नहीं है। मैं अपने हर मनुष्य को अपने तक सीमित रखता हूं। अच्छे हो बुरे हो जिस भी तरीके की हो अपने दिल में दबा कर रखता हूं। कभी-कभी जब मौका आता है तो मैं इसी तरीके से इमोशनल हो जाता हूं और चुप हो जाता हूं।
लेकिन यकीन मानिए ऐसा मैं बहुत खुश होता हूं तभी कर पाता हूं। फिर भी कभी बात करने की इच्छा होती है। अपने रिश्तो के बारे में अपने करियर के बारे में अपने दिल के बारे में तो मैं अपनी बहन से कर लेता हूं कभी कभार। मुझे ऐसा लगता है कि अगर आप अपने आप के इमोशंस लोगों को दिखाते हैं। तो हो सकता है कि आने वाले समय में वह इससे आपके खिलाफ इस्तेमाल करने हैं। इसलिए मैं सारे इमोशंस अपने तक ही सीमित रखना पसंद करता हूं।
केसरी वीर में आप सोमनाथ मंदिर को बचाने वाले योद्धा है। आप कभी गए उस मंदिर में?
बिल्कुल मैं उस मंदिर में जा चुका हूं। मैं बहुत ज्यादा मानता हूं महादेव जी को। मेरी मां ने कहा था कि सूरज तुम सोमनाथ मंदिर जाकर आ जाओ। सुना है वहां पर बहुत मान्यताएं मान ली जाती हैं और बहुत ही शक्तिशाली मंदिर माना जाता है। मैं वहां गया था और 2 दिन पहले ही गया था। दर्शन किए थे। बहुत अद्भुत अनुभव था। महादेव जी का मंदिर है। बहुत अच्छा लगा था और दो दिन बाद ही मुझे केसरी वीर फिल्म मिल गई। दो महीने के बाद इस फिल्म की शूटिंग कर रहा था और अब देखिए आज आपके सामने हूं।
इसके अलावा में कैंची धाम भी गया था। बहुत ही अलग सा अनुभव आता है। वहां पर आप जाइए बैठ जाइए। 15 मिनट भी बैठ गए तो आपके मन में एकदम शांति आ जाती है और निर्मल हो जाते हैं। आप तरोताजा होकर लौटते हैं। इन दो जगहों को मैं बहुत ज्यादा मानता हूं। मैं मंदिर वगैरह नहीं जाता हूं ज्यादा मैं अपने आप में ही भगवान की पूजा कर लेता हूं। कभी कोई तकलीफ आती है तो महादेव जी को याद कर लेता हूं।
क्या है और आप के फिल्म दोस्ती में दोस्त कौन से हैं।
दोस्त तो मेरे दो ही हैं। अथिया और टाइगर मैंने भी बाबिल का वह वीडियो देखा और मुझे लगता है कि वह बहुत ही बुरे दौर से गुजर रहे हैं। जहां तक बात है फिल्म इंडस्ट्री की तो मुझे लगता है जब मैं बुरे दौर से गुजर रहा था तब मुझे फिल्म इंडस्ट्री से। साथ में ले उससे ज्यादा मुझे अपने घर वालों के साथ की जरूरत थी। मुझे लगता है इन दिनों न्यूकमर्स पर बहुत ज्यादा प्रेशर भी हो गए हैं। मेरे समय में इतना भी तनाव और चुनौती नहीं थी।
आजकल ज्यादा हो गया है चाहे फिर वह इब्राहिम पर हो या राशा पर हो या जाह्नवी पर हो। हर कोई आप पर नजरें गड़ाए बैठा रहता है और आपको हर समय प्रूव करते रहना पड़ता है। इसका जिम्मेदार मैं इंस्टाग्राम को मानता हूं क्योंकि वहां पर इतनी ज्यादा ट्रोलिंग शुरू हो जाती है आपके नाम की आपके पास हर बात का जवाब होना चाहिए। जवाब नहीं हुआ तो आप ट्रोल हो जाते हैं। मैं तो खुद बहुत ज्यादा सोशल मीडिया पर होता नहीं हूं दूरी ही बनाए रखता हूं। वह तो फिल्म रिलीज हो रही है, इसलिए इस समय इंस्टाग्राम पर या फिर सोशल मीडिया पर थोड़ा सा ज्यादा दिखाई देने लगा हूं।
वरना होता यह है कि आजकल तो इंस्टाग्राम की वजह से एक्टर्स को भी चुना जाने लगा है। किसी के 1 मिलियन फॉलोअर हैं या चार मिलियन फॉलोअर हैं, उसे अपनी फिल्म में कास्ट कर लेते हैं। एक्टिंग आए न आए ये बात अलग है सामने भले ही बहुत अच्छा एक्टर उनके खड़ा हो लेकिन फिर भी वह इंस्टाग्राम के फॉलोअर्स को चुनते हैं बजाए की एक्टिंग के।