कुणाल कपूर लव का चिकन पकाने में जुटे

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इस छः फुटिए... गबरू जवान को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वो कितनी बार पर्दे पर दिखाई देते हैं। उनके लिए काम की गुणवत्ता, स्क्रिप्ट और अपने दिल की 'हाँ' ज्यादा मायने रखती है। फिर उन्हें इस बात से भी कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कैसा प्रदर्शन किया।

' रंग दे बसंती' से रातों-रात लड़कियों के ख्वाबों की तस्वीर बन जाने वाले कुणाल कपूर, ब्रेक के बाद 'समीर अली' बनकर फिर बड़े पर्दे पर दिखाई दिए। इस बीच उन्होंने कुछ विज्ञापन भी किए और थिएटर तो था ही। फिलहाल और कुछ प्रोजेक्ट्‌स में व्यस्त कुणाल मजे में जिंदगी जी रहे हैं।

डॉन-2 में कुणाल ने 'समीर अली' नामक एक कम्प्यूटर हैकर की भूमिका की है, जो पैसों की जरूरत के चलते डॉन के लिए काम करता है। कुणाल अपने काम से बेहद खुश हैं और इस बात से भी उन्हें किंग खान और बाकी सारे प्रोफेशनल्स के साथ काम करने का मौका मिला।

कुणाल ने अभिनय का ककहरा थिएटर जगत की ख्यात हस्ती 'बेरी जॉन' से सिखा और आज भी थिएटर उनको सुकून देता है। फिल्म 'अक्स' से बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर अपने करियर की शुरुआत करने वाले कुणाल को नहीं पता था कि वे अभिनय की दुनिया में आ जाएँगे।

वे मानते हैं कि यह सब सहज ही होता चला गया। वैसे भी उनके क्यूट से डिंपल और शानदार पर्सनालिटी के चलते उनके कई दोस्त उन्हें हीरो बनने की सलाह तो दे ही चुके थे। फिलहाल वे अनुराग कश्यप द्वारा निर्मित तथा अमित त्रिवेदी द्वारा निर्देशित 'लव शव ते चिकन खुराना' और 'डोगा ' की तैयारी में लगे हुए हैं।

लव शव... जहाँ एक हल्की-फुल्की कॉमेडी होगी, वहीं डोगा कॉमिक बुक का एक सुपरहीरो कैरेक्टर है। पहले कुणाल इस फिल्म के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन स्क्रिप्ट सुनने के बाद उन्हें यह आइडिया क्लिक कर गया और उन्होंने हाँ कर दी। वे इसे 'एम्बीशियस' प्रोजेक्ट बताते हैं। इस रोल के लिए उन्होंने बकायदा जिम ज्वॉइन कर बॉडी बनानी शुरू कर दी है, क्योंकि उन्हें हैवी बॉडी वाला दिखना है।

यूँ भी कुणाल को क्रेश डायटिंग करके फिटनेस हासिल करने में विश्वास नहीं है। वे मानते हैं कि अगर आपको अपने शरीर को मनचाहा शेप देना है तो न केवल सही लक्ष्य निर्धारित करने की जरूरत है, बल्कि इसके लिए समय देना पड़ेगा। शॉर्टकर्ट के चक्कर में तो आप शरीर को नुकसान ही पहुँचा सकते हो बस। वे कहते हैं कि सही बॉडी टाइप संतुलित भोजन और सही वर्कआउट से मिलता है न कि क्रेश डायटिंग से।

कुणाल.. रंग दे बसंती, लागा चुनरी में दाग, आजा नच ले और डॉन-2 जैसी बड़े बैनर की फिल्मों में अपने अभिनय से अलग पहचान बना चुके हैं। साथ ही लीक से हटकर बनने वाली फिल्मों में भी वे जगह पा रहे हैं। वैसे भी उन्हें न तो बैनर से फर्क पड़ता है न ही बड़े नामों से, वे तो बस दिल की सुनते हैं।

- सलिल पुरी


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