बॉलीवुड एक्ट्रेस सेलिना जेटली भले ही लंबे समय से फिल्मी पर्दे से दूर हैं, लेकिन वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती हैं। वर्ल्ड प्रीमैच्योर डे के मौके पर सेलिना जेटली ने एक भावुक पोस्ट शेयर करते हुए अपनी आपबीती सुनाई है।
सेलिना ने बताया कि कैसे उन्होंने अपने बच्चे के प्रीमैच्योर जन्म के दौरान मौत का गम झेला था। दरअसल, साल 2017 में सेलिना जेटली ने दूसरी बार दो जुड़वा बेटों को जन्म दिया था। लेकिन प्रीमेच्योर होने की वजह से उन्होंने अपने एक बेटे को जन्म के बाद ही खो दिया था और दूसरा दो महीनों तक एनआईसीयू में जिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रहा था।
सेलिना ने लिखा, वर्ल्ड प्रीमेच्योर डे 17 नवंबर 2011 को शुरू किया गया था। इस दिन का अर्थ है कि उन लाखों बच्चों की जिंदगियों के बारे में लोगों को जानकारी दी जाए जो समय से पहले जन्म ले लेते हैं। हमने अपने एक बच्चे को एनआईसीयू में दिल के दर्द से जूझते हुए देखा है और दूसरे का अंतिम संस्कार किया है। लेकिन हम एक उम्मीद पर जिंदा रहते हैं।
उन्होंने लिखा, एनआईसीयू के डॉक्टर और नर्सों ने दुबई में बिना थके बेहतरीन काम किया। उन्होंने पूरी कोशिश की है कि हमारा बच्चा आर्थर हमारे साथ घर आए। बहुत से बच्चे अब भी चिकित्सा को चुनौती देते हैं। कुछ बच्चे उनमें से बड़े होकर स्वस्थ हो जाते हैं, कुछ बच्चे उन्हीं में से विंस्टन चर्चिल और अल्बर्ट आइंस्टाइन जैसे मशहूर होते हैं। हमारा बच्चा आर्थर जेटली हाग भी उनमें से एक है। दुआ करिए कि हमारा बच्चा हमेशा हमारे साथ रहे और जल्दी जन्म लेने वाले बच्चों का खास ख्याल रखें।
बता दें कि सेलिना ने 23 जुलाई, 2011 को पीटर हेग से शादी की थी। 2012 में उन्होंने विंस्टन और विराज नाम के दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। इसके बाद 10 सितंबर, 2017 को सेलिना ने फिर से ट्विंस को जन्म दिया। इस बार उनके घर आर्थर हेग और शमशेर हेग ने जन्म लिया लेकिन हार्ट प्रॉब्लम के कारण शमशेर इस दुनिया को अलविदा कह गया।