बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण इन दिनों अपनी प्रोफेशनल लाइफ को लेकर सुर्खियों में हैं। दीपिका को बैक टू बैक दो फिल्मों से हाथ धोना पड़ा है। एक्ट्रेस को पहले फिल्म 'स्पिरिट' से निकाल दिया गया, इसके बाद 'कल्कि 2898 एडी' के सीक्वल से भी बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।
बताया जा रहा है कि मां बनने के बाद 8 घंटे की शिफ्ट में काम करने की दीपिका की डिमांड की वजह से उन्हें इन फिल्मों से बाहर किया गया। इसके बाद दीपिका पर कई आरोप भी लगे। कई लोगों ने दीपिका की डिमांड्स को 'अनप्रोफेशनल' करार दिया था।
वहीं अब दीपिका ने अपने ऊपर लगे आरोपों पर चुप्पी तोड़ी है। वर्ल्ड मेंटल हेल्थ डे के मौके पर दीपिका पादुकोण ने मध्य प्रदेश का दौरा किया, जहाँ उन्होंने अपने फाउंडेशन लिव लव लाफ के 10 साल पूरे होने का खास जश्न मनाया। यह फाउंडेशन देशभर में मेंटल हेल्थ को लेकर जागरूकता और समर्थन देने में खास भूमिका निभा रहा है।
जब दीपिका से पूछा गया कि क्या उन्हें कभी लगा कि जो उन्हें सही लगता है, उसकी मांग करने के लिए उन्हें कीमत चुकानी पड़ेगी, तो दीपिका ने बहुत सोच-समझकर जवाब दिया, ऐसा जवाब जो उनकी सादगी और ईमानदारी दोनों को दर्शाता है।
दीपिका ने कहा, मैंने ये कई लेवल्स पर किया है, मेरे लिए ये नई बात नहीं है। मुझे लगता है कि पैमेंट जैसी चीज़ों के मामले में भी मुझे जो कुछ भी मिला, उससे निपटना पड़ा। मुझे नहीं पता इसे क्या कहूं, लेकिन मैं हमेशा अपनी लड़ाइयां चुपचाप लड़ती हूं।
एक्ट्रेस ने कहा, और किसी अजीब वजह से कभी-कभी ये सार्वजनिक हो जाती हैं, जो मेरे तरीके की बात नहीं है और न ही मैं ऐसे पली-बढ़ी हूं। लेकिन हां, अपनी लड़ाइयां लड़ना और इसे चुपचाप और गरिमा के साथ करना ही मेरा तरीका है।
उनके शब्दों ने न सिर्फ उनके सफर को बयान किया, बल्कि इंडस्ट्री में हो रही बातों पर भी रोशनी डाली, जहां बराबरी, इंसाफ और सम्मान की चर्चा होती है। अपनी पहचान के मुताबिक, दीपिका आज भी अपने हर मकसद को बेहद सादगी, हिम्मत और सच्चाई के साथ आगे बढ़ा रही हैं, भले ही वो पर्दे पर हो या उसके बाहर हो।
अपने काम और अपने शब्दों के ज़रिए दीपिका पादुकोण एक बार फिर सबको याद दिलाती हैं कि ताकत हमेशा ज़ोर से बोलने में नहीं होती, बल्कि कभी-कभी वो खामोशी, सादगी और आपके मकसद में भी झलकती है। दीपिका जल्द ही शाहरुख खान के साथ फिल्म 'किंग' में नजर आने वाली हैं।