'वध' की सफलता और उसे मिली खूब तारीफ़ों के बाद अब उसका सबसे ज्यादा इंतज़ार किया गया स्पिरिचुअल सीक्वल 'वध 2', जिसे जसपाल सिंह संधू ने डायरेक्ट और लिखा है, वह गोवा में होने वाले 56वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ इंडिया (IFFI) के खास गाला प्रीमियर सेक्शन में अपनी शानदार शुरुआत करने जा रहा है।
संजय मिश्रा और नीना गुप्ता जैसे मजबूत कलाकारों वाली यह दिलचस्प सीक्वल एक बिल्कुल नई कहानी लेकर आ रही है, जिसमें नए किरदार और मुश्किल हालात हैं, लेकिन वही भावनात्मक गहराई भी है जिसने वध को खास और याद रखने लायक बनाया था।
2023 में वध को IFFI गोवा के इंडियन पैनोरमा में दिखाया गया था, जहां मेकर्स ने आधिकारिक रूप से वध 2 का ऐलान किया था। अब 2025 में वध 2 IFFI गोवा में गाला प्रीमियर सेक्शन के तहत रिलीज़ होने जा रही है, तो यह सफर पूरा हो गया जैसा लगता है, क्योंकि वही जगह है जहां इसकी अगली कहानी पहली बार सामने आई थी।
संजय मिश्रा, जसपाल सिंह संधू और प्रोड्यूसर अंकुर गर्ग 56वें IFFI के रेड कार्पेट पर बेहद शानदार अंदाज़ में पहुंचे, जहां वे अपनी बहुप्रतीक्षित फिल्म वध 2 के गाला प्रीमियर के लिए आए थे। वध (2022) में अपनी बेहतरीन एक्टिंग के लिए पहचाने जाने वाले ये सभी कैमरों के सामने मुस्कुराते हुए पोज़ देते दिखे, और उनकी यही खुशी सीक्वल को लेकर दर्शकों के बीच बने उत्साह को साफ दिखा रही थी।
रेड कार्पेट पर जब संजय मिश्रा से पूछा गया कि आप धामाल, गोलमाल जैसी कई फिल्मों के सीक्वल का हिस्सा रह चुके हैं, लेकिन वध 2 पहली ऐसी फिल्म है जिसमें आप लीड रोल में हैं और उसका सीक्वल बन रहा है, इस पर आपको कैसा लग रहा है? इस पर उन्होंने जवाब दिया, यह एक बहुत खूबसूरत सीक्वल है। मेरा मानना है कि यह बहुत संवेदनशील और अलग तरह की फिल्म है। अच्छा लगता है जब दूसरे लोग भी आपके काम को देखना चाहते हैं।
लव रंजन और अंकुर गर्ग द्वारा बनाई गई वध 2 एक तरह से अपने उसी सफर पर वापस लौट रही है, क्योंकि वध की पहली घोषणा भी IFFI में ही 2023 में हुई थी। रेड कार्पेट पर मिश्रा, गुप्ता, संधू और गर्ग ने अपने फैंस और सपोर्टर्स का दिल से शुक्रिया अदा किया और पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि कैसे पहली फिल्म से लेकर इस बड़े प्रीमियर तक का सफर उनके लिए खास रहा है।
जसपाल सिंह संधू द्वारा लिखी और निर्देशित वध 2 अगले साल 6 फरवरी को थियेटरों में रिलीज होने जा रही है। यह एक ऐसा सीक्वल है जो पहली फिल्म की आत्मा को आगे बढ़ाता है। फिल्म में नए किरदारों और एक नई कहानी के ज़रिए मुश्किल भावनाओं और हालात को दिखाया गया है, जबकि वही तीखापन, सच्चाई और भावनाओं की गहराई बरकरार रखी गई है जिसने वध को भारतीय सिनेमा में अलग पहचान दी थी।