बजाते रहो कहानी है सभरवाल नाम क सफल व्यवसायी क ी जो व्यवसाय की आड़ में धोखाधड़ी और सभी गोरखधंधे करता है। परंतु उसे नहीं पता की उसके इन गोरखधंधों ने, 4 गरीबों की जिंदगियों पर कितना बड़ा प्रभाव पैदा किया है। वो चार लोग हैं मिसेस बावेजा, सुखी, मिंटू हासन और बल्लू जो सभरवाल से बदला लेने के लिए तड़प रहे हैं।
सभरवाल ने मिस्टर बावेजा और उनकी सहायक सायरा पर बैंक में धोखाधड़ी का झूठा आरोप लगवा दिया था, जिससे बावेजा को अटैक आया और उनकी मृत्यु हो गई। मिस्टर बावेजा की मौत के बाद मिसेज बावेजा ने सभरवाल से बदला लेने का निर्णय लिया।
जब सुशासन खत्म हो जाए और शासन करने की जिम्मेदारी बुरे लोगों को दे दी जाए, तब किसी अच्छे इंसान को बुराई से लड़ने के लिए कदम उठाना ही पड़ता है। लेकिन क्या इतना काफी है? फिल्म कहानी है अच्छाई और बुराई के बीच लड़ाई की। यह लड़ाई है सम्मान, अखंडता और प्रतिष्ठा की। अच्छाई और बुराई की इस लड़ाई में जीतने के लिए अच्छे को भी थोड़ा बुरा बनना पड़ता है।