Dharma Sangrah

डिबुक : फिल्म समीक्षा

डिबुक की कहानी में कोई पकड़ नहीं है। कुछ हॉरर दृश्यों के बदले 122 मिनट खराब करना बहुत ही महंगा सौदा है।

समय ताम्रकर
शनिवार, 30 अक्टूबर 2021 (14:06 IST)
डिबुक बनाने के पहले निर्देशक और लेखक जय के. ने इसी कहानी पर आधारित मलयालम फिल्म बनाई थी, अब हिंदी में फिल्म लेकर हाजिर हैं। यह एक हॉरर फिल्म है जिसमें 'डिबुक' का नया एंगल देकर रोमांच पैदा करने की कोशिश की है। ये डिबुक क्या है? इसके पीछे वर्षों पुरानी कहानी बताई गई है ताकि कहानी का आधार बनाया जा सके, लेकिन ये सब सतही तौर पर निपटा दिया गया है। आसान शब्दों में कहे तो डिबुक एक बॉक्स है जिसमें एक आत्मा कैद है। फिल्म की हीरोइन एक दुकान से इस बॉक्स को एंटिक पीस समझ कर खरीद लाती है और फिर उसके घर में अजीब और डरावनी घटनाएं शुरू हो जाती हैं। 
 
जब तक इस बॉक्स के रहस्य को कायम रखा जाता है तब तक फिल्म अच्छी लगती है। रूचि बनी रहती है। लेकिन जैसे ही राज से परदा हटाया जाता है फिल्म धड़ाम हो जाती है। तर्क देकर लेखक जय के. ने अपने आपको जस्टिफाई करने की पूरी कोशिश की है, लेकिन बात नहीं बन बाती है। 
 
बॉक्स में कैद आत्मा क्या चाहती है? क्यों इस तरह की घटनाएं घटती हैं? आत्मा का क्या अतीत था? जब इन सवालों के जवाब मिलते हैं तो बाल नोंचने की इच्छा होती है। कुछ भी जोड़-तोड़ कर दे मारा है। आत्मा के 'खतरनाक' मंसूबे जान कर तो आश्चर्य और हंसी आती है। 
 
हॉरर फिल्में जिन कमियों से जूझती हैं वो सब इस फिल्म में भी दिखाई देती हैं। बड़ी और शानदार हवेली है, जिसकी लाइट चली जाती है तो इन्वर्टर की व्यवस्था नहीं है। इतने बड़े घर के दरवाजे-खिड़की खुले ही रहते हैं। नौकरानी अजीब और डरावना मुंह लिए घूमती रहती है जिसकी ऐसी शक्ल देख सभी समझ जाते हैं कि इन हरकतों के पीछे ये तो नहीं है। 
 
जय के. लेखक के रूप में निराश करते हैं, निर्देशक के रूप में उनका काम थोड़ा बेहतर है। कुछ डरावने दृश्यों को उन्होंने अच्छे से पेश किया है। थोड़ा सस्पेंस क्रिएट करने में भी सफल रहे हैं, लेकिन जैसे ही लेखक हावी हुआ, बाजी उनके हाथ से निकल जाती है। 
 
इमरान हाशमी के अभिनय में कोई विविधता नजर नहीं आती है। बरसों से एक जैसा अभिनय कर रहे हैं। एक सीमा के बाद आगे नहीं जा पाते। निकिता दत्ता अपनी एक्टिंग स्किल्स से प्रभावित करती हैं। मानव कौल का न रोल ठीक से लिखा गया है और न ही वे एक्टिंग में उस स्तर तक पहुंच पाए हैं जितने की वे काबिल हैं। 
 
समय और पैसे की बरबादी का उदाहरण है डिबुक। 
 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

बॉलीवुड हलचल

प्राइम वीडियो का सबसे हिट अनस्क्रिप्टेड शो बना ‘टू मच विद काजोल एंड ट्विंकल’

जूटोपिया 2 का दमदार नया पोस्टर आउट, रिलीज के साथ ही शुरू हुआ रिकॉर्ड तोड़ धमाका

प्रत्युषा बनर्जी के निधन के 9 साल बाद एक्स-बॉयफ्रेंड ने खोला राज, बोले- एक्ट्रेस संग पिता करते थे बदतमीजी

तेरे इश्क में रिव्यू: कृति-धनुष की इंटेंस लव स्टोरी की चमक, कमजोर लेखन से पड़ी फीकी

'आज भी जी करदा है...'फिल्म 'इक्कीस' से धर्मेंद्र की आवाज में रिलीज हुई इमोशनल कविता

सभी देखें

जरूर पढ़ें

दिवाली पर लाल पटाखा बनीं शिल्पा शेट्टी, ग्लैमरस तस्वीरों से बढ़ाया इंटरनेट का पारा

दिवाली पर दीपिका पादुकोण-रणवीर सिंह ने फैंस को दिया गिफ्ट, बेटी दुआ का चेहरा किया रिवील, देखिए क्यूट तस्वीरें

ट्रेडिशनल लुक से पलक तिवारी ने जीता फैंस का दिल, दिवाली पर आप भी किजिए ट्राई

ईशा गुप्ता ने बोल्ड बिकिनी तस्वीरों से बढ़ाया इंटरनेट का तापमान, देखिए एक्ट्रेस का सिजलिंग लुक

जब फिल्म के लिए कंडोम चाटते नजर आए थे राजकुमार राव, सीन को CBFC ने करवाया था डिलीट!

अगला लेख