स्पाइडर मैन: फार फ्रॉम होम : मूवी रिव्यू

समय ताम्रकर
अवेंजर्स सीरिज की फिल्मों और किरदारों के प्रति लोगों की दीवानगी मार्वल वाले अच्छी तरह समझते हैं इसलिए उन्होंने 'एंडगेम' को जहां खत्म किया है, वहीं से 'स्पाइडर मैन: फार फ्रॉम होम' को आगे बढ़ाया है। ताकि दर्शकों को इस फिल्म में भी अवेंजर्स सीरिज का सुरूर मिलता रहे। 
 
लगभग ढाई महीने पहले ही 'अवेंजर्स एंडगेम' रिलीज हुई थी जिसमें टोनी स्टार्क ने अलविदा कह दिया था। स्पाइडरमैन की इस नई फिल्म में टोनी की लगातार चर्चा होती रहती है और दर्शकों के दिमाग में 'एंडगेम' की याद ताजा होती रहती है।
 
अवेंजर्स के रूप में पीटर पार्कर यानी कि स्पाडरमैन (टॉम हॉलैंड) अभी भी मौजूद है। वह स्कूल में पढ़ रहा है। टीनएज को लेकर उसके अपने संघर्ष हैं। वह स्पाइडरमैन के रूप में अपनी पहचान छिपाना चाहता है और हमउम्र एमजे (जेनडाया) को पसंद भी करता है। पीटर को ब्रेक की जरूरत है और उसी दौरान स्कूल ट्रिप के जरिये वह इटली की यात्रा पर जाता है। 
 
वेनिस पहुंचते ही पीटर को निक फ्यूरी (सैमुएल जैकसन) के फोन आने लगते हैं। पार्कर को फ्यूरी, टोनी स्टार्क का वो चश्मा देता है जो आर्टिफिशियल इंटैलीजेंस से लैस है। टोनी का मानना था कि इस चश्मे का सही हकदार पार्कर ही है। 
 
एक नया खतरा दुनिया पर मंडराने लगता है और निक चाहता है कि पीटर पार्कर इससे लड़े। उसके इस काम में मिस्टिरियो बहुत मदद करता है और पार्कर उससे प्रभावित होकर अपना टोनी वाला चश्मा मिस्टिरियो को दे देता है। और यही आता है ऐसा ट्विस्ट की पार्कर की दुनिया ऊपर-नीचे हो जाती है। 
 
फिल्म की कहानी बहुत ज्यादा अपील नहीं करती है। यह दो ट्रैक पर चलती है। टीनएज पार्कर और एमजे के प्रति उसका आकर्षण, कम उम्र में सुपरहीरो की भारी-भरकम जवाबदारी, इसको लेकर वह कन्फ्यूज है और गलतियां भी करता है। फिल्म का यह वाला हिस्सा मनोरंजक है। कई हल्के-फुल्के दृश्य हैं जो फिल्म को ताजगी प्रदान करते हैं। पार्कर की मासूमियत और भोलापन दर्शकों के दिल को छूता है। 
 
दूसरा ट्रैक टोनी के चश्मे के इर्दगिर्द घूमता है। हालांकि यह दमदार नहीं है, लेकिन इसका ट्विस्ट जोरदार है और फिल्म देखते समय इस तरह के घुमाव की उम्मीद नहीं रहती। 
 
एक्शन भी जबरदस्त है और पीटर के सामने जो 'छलावा' या 'भ्रम' पैदा किया गया है वो शानदार है। कुछ स्टंट्स और स्पेशल इफेक्टस जोरदार हैं और नयापन लिए हुए हैं। 
 
निर्देशक के रूप में निर्देशक जॉन वाट्स ने कहानी का संतुलन बनाए रखा है। कॉमेडी, रोमांस और एक्शन का कहीं उन्होंने अतिरेक नहीं किया। अच्छी बात यह है कि एक्शन को कहानी पर हावी नहीं होने दिया। 
 
फिल्म को इंग्लैंड, इटली, नीदरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, चेक जैसे देशों में फिल्माया गया है और बेहतरीन तरीके से शूट किया गया है। तकनीकी रूप से फिल्म बेहद मजबूत है। एक्शन दृश्य सफाई के साथ पेश किए गए हैं। बैकग्राउंड म्युजिक शानदार है। 
 
टॉम हॉलैंड एक असाधारण अभिनेता हैं और अपने कंधों पर इतनी बड़ी फिल्म का भार उठा लेते हैं। इमोशनल दृश्यों में उनका अभिनय देखने लायक है। जेनडाया, सैमुएल जैकसन सहित सारे अभिनेताओं ने अपना-अपना रोल उम्दा तरीके से अदा किया है। 
 
किशोर रोमांस और सुपरहीरो का एक्शन, स्पाइडर-मैन को कुछ अलग बनाता है। यह फिल्म मार्वल सीरिज की आने वाली फिल्मों के लिए एक प्लेटफॉर्म सेट करती है। 
 
बैनर : कोलंबिया पिक्चर्स, मार्वल स्टूडियोज़, सोनी पिक्चर्स 
निर्माता : केविन फीगे, एमी पास्कल
निर्देशक : जॉन वाट्स
कलाकार : टॉप हॉलैंड, जेनडाया, सैमुएल जैकसन, जेक गिलेनहाल
रेटिंग : 3/5  

सम्बंधित जानकारी

Show comments

बॉलीवुड हलचल

12 सितंबर को थिएटर में रिलीज होंगी 7 फिल्में: कॉमेडी से रोमांस और एनिमेशन तक, चेक करें डिटेल्स

AI जेनरेटेड अश्लील तस्वीरों से परेशान ऐश्वर्या राय ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया

सचिन- अंजली की लव स्टोरी में छिपी है शेफ हरपाल सिंह सोखी की खास रेसिपी

Bigg Boss 19 के Zeishan Qadri पर शालिनी चौधरी का बड़ा आरोप, Audi चोरी और हमला करने का केस

अक्षय कुमार के अनसुने किस्से: एक खिलाड़ी से सुपरस्टार बनने तक का सफर

सभी देखें

जरूर पढ़ें

War 2 रिव्यू: लचर स्क्रिप्ट और निर्देशन के कारण रितिक और एनटीआर हारे युद्ध, पढ़ें पूरी समीक्षा

कुली: द पावर हाउस रिव्यू– रजनीकांत का जलवा बरकरार, लेकिन कहानी में लगा ब्रेक

शोले के 50 साल पर जानिए 50 अनसुने किस्से: गब्बर के डर से लेकर जय-वीरू की दोस्ती तक

वॉर 2 हिट है या फ्लॉप? क्या कहता है बॉक्स ऑफिस? रितिक रोशन की फिल्म का क्या है हाल?

शोले की दीवानगी 50 साल बाद भी बरकरार, क्यों यह फिल्म आज भी है भारतीय सिनेमा की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर

अगला लेख