कभी भारत के एक भिक्षु ने चीन को बचाया था महामारी से लेकिन उसे दे दिया जहर

अनिरुद्ध जोशी
मंगलवार, 21 जुलाई 2020 (12:36 IST)
आज विश्वभर में कोविड-19 कोरोनावायरस फैला हुआ है। सभी जानते हैं कि यह वायरस चीन के वुहान प्रांत से निकलकर संपूर्ण दुनिया में फैल गया है और आज इस महामारी के कारण लाखों लोग मारे जा चुके हैं और लाखों लोग अभी भी इसकी चपेट में है। सभी जानते हैं कि चीन ने इस महामारी के संबंध में दुनिया से बहुत कुछ छुपाकर रखा और और वह दुनिया की मदद नहीं कर रहा है। खैर, आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की प्राचीनकाल में भारत के एक भिक्षु ने चीन को एक महामारी के प्रकोप से बचाया था, लेकिन ऐसा कहते हैं कि बदले में चीन के लोगों ने उसे खाने में जहर दे देकर मार दिया।
 
 
दरअसल, दक्षिण भारत में प्रचलित कथा के अनुसार बोधिधर्म का जन्म दक्षिण भारत में पल्लव राज्य के कांचीपुरम के राजा परिवार में हुआ था। छोटी आयु में ही उन्होंने राज्य छोड़ दिया और भिक्षुक बन गए। 22 साल की उम्र में उन्होंने संबोधि (मोक्ष की पहली अवस्था) को प्राप्त किया। प्रबुद्ध होने के बाद राजमाता के आदेश पर उन्हें सत्य और ध्यान के प्रचार-प्रसार के लिए चीन में भेजा गया।
 
महिनों के कठिन सफर के बाद बोधिधर्म चीन देश के नानयिन (नान-किंग) गांव पहुंचे। कहते हैं कि इस गांव के ज्योतिषियों की भविष्यवाणी के अनुसार यहां बहुत बड़ा संकट आने वाला था। बोधिधर्म के यहां पहुंचने पर गांव वालों ने उन्हें ही यह संकट समझ लिया। ऐसा जानकर उन्हें उस गांव से खदेड़ दिया गया। वे गांव के बाहर रहने लगे। उनके वहां से चले जाने पर गांव वालों को लगा की संकट चला गया।
 
दरअसरल, संकट तो एक जानलेवा महामारी के रूप में अभी आने वाला था और वह आ गया। लोग बीमार पड़ने लगे। गांव में अफरा-तफरी मच गई। गांव के लोग बीमारी से ग्रसित बच्चों या अन्य लोगों को गांव के बाहर छोड़ देते थे, ताकि किसी अन्य को यह रोग न लगे।
 
बोधी धर्मन चूंकि एक आयुर्वेदाचार्य थे, तो उन्होंने ऐसे लोगों की मदद की तथा उन्हें मौत के मुंह में जाने से बचा लिया। तब गांव के लोगों को समझ में आया कि यह व्यक्ति हमारे लिए संकट नहीं बल्कि संकटहर्ता के रूप में सामने आया है। गांव के लोगों ने तब ससम्मान उन्हें गांव में शरण दी। बोधी धर्मन ने गांव के समझदार लोगों को जड़ी-बूटी कुटने और पीसने के काम पर लगा दिया और इस तरह पूरे गांव को उन्होंने चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराकर गांव को महामारी से बचा लिया।
 
एक संकट खत्म होने के बाद गांव पर दूसरा संकट आ गया। हैवानों, लुटेरों की एक टोली ने गांव पर हमला कर दिया और वे क्रूर लोगों को मारने लगे। चारों और कत्लेआम मच गया। गांव वाले समझते थे कि बोधी धर्मन सिर्फ चिकित्सा पद्धत्ति में ही माहिर है लेकिन उन्होंने क्या मालूम था कि बोधी धर्मन एक प्रबुद्ध, सम्मोहनविद् और चमत्कारिक व्यक्ति थे। वे प्राचीन भारत की कालारिपट्टू विद्या में भी पारंगत थे। कालारिपट्टू को आजकल मार्शल आर्ट कहा जाता है।
 
बोधी धर्मन ने मार्शल आर्ट और सम्मोहन के बल पर उन हथियारबद्ध लुटेरों को हरा दिया और उन्हें भागने पर मजबूर कर दिया। गांव वालों ने बोधी धर्मन को लुटेरों की उन टोली से अकेले लड़ते हुए देखा और वे इसे देखकर चौंक गए। चीन के लोगों ने युद्ध की आज तक ऐसी आश्चर्यजनक कला नहीं देखी थी। वे समझ गए कि यह व्यक्ति कोई साधारण व्यक्ति नहीं है। इसके बाद तो बोधी धर्मन का सम्मान और भी बढ़ गया। 
 
बोधी धर्मन ने गांव के लोगों को आत्म रक्षा के लिए इस विद्या को सिखाया। गांव के लोग उनसे प्यार करने लगे और प्यार से उन्हें धापू बलाने लगे। कई वर्षों बाद जब उन्होंने उस वहां से भारत जाने की इच्छा जतायी तब ज्योतिषियों ने गांव पर फिर से संकट आने की भविष्यवाणी की।
 
गांव वालों ने एक जगह एकत्र होकर यह निर्णय लिया कि अगर इस संकट से बचना है तो बोधी धर्मन को यहीं रोकना होगा किसी भी हाल में। यदि वह नहीं रुकते हैं तो उन्हें जबरदस्ती रोकना है। किसी भी किमत पर उन्हें जिंदा या मुर्दा रोकना ही होगा। गांव वाले यह जानते थे कि वे बोधी धर्मन से लड़ नहीं सकते तो उन्होंने बोधी धर्मन को रोकने के लिए उनके खाने में जहर मिला दिया, लेकिन बोधी धर्मन यह बात भलिभांति जान गए। 
 
उन्होंने गांव वालों से कहा कि तुमने ऐसा क्यों किया? तुम मुझे मारना क्यों चाहते हो? गांव वालों के कहा कि हमारे ज्योतिषियों अनुसार आपके शरीर को यहीं दफना दिया जाए तो हमारा गांव हमेशा के लिए संकट से मुक्त हो जाएगा। बोधी धर्मन ने कहा, बस इतनी सी इच्छा। बोधी धर्मन ने गांव वालों की इस बात को स्वीकार कर लिया और उन्होंने जहर मिला वह भोजन बड़े ही चाव से ग्रहण कर लिया।... हालांकि इस कथा पर अभी शोध किए जाने की आवश्यकता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

किस पेड़ के नीचे से गुजरने के बाद कावड़िये नहीं चढ़ा सकते शिवलिंग पर जल, जानिए नियम

मंगल का कन्या राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल, किसके लिए शुभ और किसके लिए अशुभ

क्यों बजाते है शिवलिंग के सामने 3 बार ताली, जानिए हर ताली के पीछे का अर्थ

जीवन में ये घटनाएं देती हैं कालसर्प दोष के संकेत, जानिए कारण और अचूक उपाय

भगवान शिव के परिवार से हुई है सभी धर्मों की उत्पत्ति, कैसे जानिए

सभी देखें

धर्म संसार

राहु, शनि और गुरु का गोचर 3 राशियों के लिए है बहुत शानदार, साल के अंत तक मिलेगा शुभ समाचार

01 अगस्त 2025 : आपका जन्मदिन

01 अगस्त 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

इस बार रक्षाबंधन पर भाई की कलाई पर बांधें इन 4 में से कोई एक परंपरागत राखी, होगा बहुत शुभ

रक्षा बंधन पर इस बार बाजार में आई है ये 5 ट्रेंडी राखियां, जरूर करें ट्राई

अगला लेख