हमने मुश्किलों और चुनौतियों को अवसरों में बदला : जेटली

Webdunia
सोमवार, 29 फ़रवरी 2016 (15:31 IST)
नई दिल्ली। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था गंभीर संकट से गुजर रही है और वैश्विक स्तर पर विकास दर 2014 के 3.4 प्रतिशत से गिरकर 2015 में 3.1 प्रतिशत आ गई है, ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भारतीय अर्थव्यवस्था को एक ‘दैदीप्यमान प्रकाश स्तंभ’ का नाम दिया है। जेटली ने लोकसभा में 2016-17 का बजट पेश करते हुए यह बताया। 
 
वित्तमंत्री ने पिछली सरकार पर कटाक्ष करते कहा कि विरासत में मिली खराब अर्थव्यवस्था को नई सरकार ने पटरी पर लाने का काम किया है जिसे वैश्विक स्तर पर सराहा जा रहा है।
 
इस बात को उन्होंने एक कविता की इन पंक्तियों के माध्यम से पेश किया- 
 
‘कश्ती चलाने वालों ने जब हार के दी पतवार हमें/
लहर-लहर तूफान मिले और मौज-मौज मझधार हमें/
फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको/
इन हालात में आता है, दरिया पार करना हमें।' 
 
अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि मैं यह बजट ऐसे समय में प्रस्तुत कर रहा हूं, जब वैश्विक अर्थव्यवस्था गंभीर संकट से गुजर रही है। वैश्विक स्तर पर विकास 2014 के 3.4 प्रतिशत से कम होता हुआ 2015 में 3.1 प्रतिशत के स्तर पर आ गया है। वित्तीय बाजारों पर आघात हुए हैं और वैश्विक व्यापार कम हो गया। 
 
विश्वस्तर पर इन प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपना आधार मजबूत बनाए रखा है। हमारी अंतरनिहित ताकत और इस सरकार की नीतियों की मेहरबानी ने भारत को लेकर अपार विश्वास और आशा कायम है।
 
जेटली ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने भारत को मंद पड़ती वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच एक ‘दैदीप्यमान प्रकाश स्तंभ’ का नाम दिया है। विश्व आर्थिक मंच ने कहा है कि भारत का विकास ‘असाधारण रूप से उच्च’ रहा है। 
 
उन्होंने कहा कि हमने ये उपलब्धि प्रतिकूल स्थितियों के बावजूद और इस तथ्य के बावजूद हासिल की है कि हमें विरासत में एक ऐसी अर्थव्यवस्था मिली थी जिसमें विकास कम, महंगाई अधिक और सरकार के शासन करने के सामर्थ्य में निवेशक का विश्वास शून्य था। हमने इन मुश्किलों और चुनौतियों को अवसरों में बदल दिया है।
 
जेटली ने पिछली सरकार के अंतिम 3 वर्षों की तुलना करते हुए कहा कि तब विकास दर घटकर 6.3 प्रतिशत रह गई थी जबकि सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर अब बढ़कर 7.6 प्रतिशत हो गई है। ऐसा पिछली सरकार के अंतिम 3 वर्षों के दौरान वैश्विक निर्यातों में भारी गिरावट के बावजूद हुआ।
 
उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के अंतिम 3 वर्षों के दौरान उपभोक्ता मूल्य सूचकांक संबंधी मुद्रास्फीति 9.4 प्रतिशत के स्तर पर थी, जो हमारे कार्यकाल में कम होकर 5.4 प्रतिशत आ गई है और लोगों को बड़ी राहत मिली है और ऐसा लगातार 2 वर्षों में मानसून की वर्षा में 13 प्रतिशत की कमी के बावजूद हासिल किया गया है।
 
वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले 21 महीनों में हमारे द्वारा किए गए उपायों से अर्थव्यवस्था न केवल अधिक तीव्र विकास पथ पर स्थापित हुई है बल्कि इनके जरिए पिछली सरकार में विश्वास में आई कमी को भी इस सरकार ने पाट दिया।
 
उन्होंने साथ ही आगाह किया कि वैश्विक स्तर पर और अधिक मंदी तथा और खलबली मचने के जोखिम बढ़ते जा रहे हैं। इससे भारत के लिए आर्थिक प्रबंधन का कार्य पेचीदा हो रहा है। इस स्थिति में हम पर 3 गंभीर प्रभाव पड़ेंगे। इससे निपटने के लिए हमें वृहद आर्थिक स्थिरता और विवेकपूर्ण राजकोषीय प्रबंधन सुनिश्चित करके इन जोखिमों से अपनी बचाव व्यवस्था मजबूत करनी है। दूसरे, चूंकि विदेशी बाजार कमजोर है इसलिए हमें घरेलू मांग और भारतीय बाजारों पर निर्भर रहना होगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत का विकास धीमा न हो। तीसरे, हमें आर्थिक सुधारों और नीतिगत उपायों की रफ्तार भी बनानी होगी ताकि हमारी जनता का जीवन बेहतर हो सके। (भाषा)
 
Show comments

Lok Sabha Elections 2024 : मेरी इच्छा है नरेंद्र मोदी फिर से मुख्यमंत्री बनें, नीतीश कुमार की फिर फिसली जुबान

Rajasthan weather : राजस्थान में गर्मी का कहर, फलोदी में तापमान 50 डिग्री के पार

Lok Sabha Elections : राहुल गांधी का दावा, प्रधानमंत्री मोदी गिराना चाहते हैं हिमाचल की सरकार

मोदी, शाह और फडणवीस ने गडकरी की हार के लिए काम किया, संजय राउत का दावा

बेबी केयर सेंटर का मालिक नवीन गिरफ्तार, अस्पताल में आग लगने से हुई थी 7 नवजात की मौत

नहीं थम रहा गर्मी का कहर, देश के 37 शहरों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक

Cyclone Remal का खौफ, ट्रेनों को जंजीरों और तालों से बांधा

Lok Sabha Elections 2024 : मेरी इच्छा है नरेंद्र मोदी फिर से मुख्यमंत्री बनें, नीतीश कुमार की फिर फिसली जुबान

Rajasthan weather : राजस्थान में गर्मी का कहर, फलोदी में तापमान 50 डिग्री के पार

बंगाल के तट से टकराया Cyclone Remal, NDRF की 14 टीमों ने संभाला मोर्चा