पोर्ट मैनेजमेंट में अवसर

Webdunia
- जयंतीलाल भंडारी

ND
आयात-निर्यात व यात्रियों के आवागमन व व्यापार के लिए जो राष्ट्र जहाजों पर निर्भर हैं, उनके लिए पोर्ट (बंदरगाह) अतिमहत्वपूर्ण होता है। पोर्ट आज अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित होने लगे हैं ताकि विश्वस्तरीय व्यापार से खुद को जोड़ सकें। कुछ वर्षों में पोर्ट में कई बड़े एवं महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं तथा पोर्टों के प्रबंधन की विशेष जरूरत महसूस की गई है।

पोर्ट मैनेजमेंट बंदरगाहों से जुड़े ट्रांसपोर्ट का आधार स्तंभ है। पोर्ट से संबंधित हर तरह के कार्य से यह प्रबंधन जुड़ा हुआ है। पोर्ट प्रबंधन जटिल व्यापार और कई कार्यों जिसमें मटीरियल हैंडलिंग, ट्रांसपोर्ट, स्टोरेज, सुरक्षित जहाज व्यापार और संचालन, स्वास्थ्य और सुरक्षा से संबंधित है। स्थानीय वातावरण की सुरक्षा व संरक्षण की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी पोर्ट मैनेजमेंट के अंतर्गत आती है।

शिपिंग सेवाओं के अंतर्गत पोर्ट प्रशासन की देखरेख, फ्लीट ऑपरेशन, आर्थिक प्रबंधन, बेहतर दर्जे के टग्स, बारजेज, पायलट वैसल्स का इस्तेमाल व मरम्मत के अलावा मुरिंग, टोंइग व लोडिंग- डिस्चार्जिंग जैसे कार्यों को पोर्ट मैनेजमेंट के तहत अंजाम दिया जाता है। पिछले दो दशक में कंटेनर ट्रैफिक पोर्ट ट्रैफिक में सबसे तेजी से बढ़ा है।

विश्वभर के मुख्य पोर्ट रोजगार के असीमित अवसर उपलब्ध करवाते हैं। कई निजी व पब्लिक पोर्ट अथॉरिटी द्वारा पोर्ट मैनेजर्स की नियुक्तियाँ की जाती हैं। पोर्ट मैनेजमेंट में पोर्ट के स्थान और आकार के आधार पर प्रबंधक के कार्यों और जिम्मेदारियों में परिवर्तन आता है। इसकी कार्यप्रणाली में सामान्यतः अतिरिक्त घंटे और शिफ्ट में काम करना, यहाँ तक कि कई बार सप्ताहांत की छुट्टियों में भी काम करना पड़ता है। इसमें कार्य व काम के समय की कोई सीमा नहीं होती है।

पोर्ट मैनेजमेंट में दो वर्षीय एम.बी.ए. पाठ्यक्रम उपलब्ध है। इस पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 50 प्रतिशत अंकों के साथ विज्ञान (गणित)/कॉमर्स/कंप्यूटर साइंस /इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी/मरीन इंजीनियरिंग एवं नॉटिकल साइंस में स्नातक डिग्री आवश्यक है।

पोर्ट मैनेजमेंट के कोर्स में पोर्ट इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का प्रबंधन, उपभोक्ता, पर्यावरण मुद्दे, योजना विश्लेषण,पोर्ट सुरक्षा और आकस्मिक सुरक्षा व्यवस्था, केस स्टडी, पोर्ट इंडस्ट्री में मार्केटिंग, पोर्ट पर जहाजों के आवागमन की व्यवस्था व प्रबंधन, पोर्ट पर कार्गो से संबंधित प्रबंधन शामिल है। ये प्रबंधक ऐसे हों जो इस क्षेत्र से संबंधित चुनौतियों का सामना करते हुए पोर्ट मैनेजमेंट के कार्य क्षेत्र में विस्तार कर सकें और मार्केटिंग में अपनी साख बना सकें।

पोर्ट मैनेजमेंट का कोर्स करने के बाद आपके लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है। आपके लिए बतौर मैंनेजर शिपिंग कंपनियों, एजेंसी हाउस, क्लियरिंग एंड फारवडिंग फर्म्स, एक्सपोर्ट- इम्पोर्ट हाउस में भारी माँग रहती है।

Show comments

जरूर पढ़ें

बागपत DM के सामने रखा नकली ब्रांड का पानी, JCB से नष्ट कराईं सारी बोतलें

SBI करेगा 10000 कर्मचारियों की नियुक्ति, देशभर में खोलेगा 600 नई शाखाएं

Chennai Air Show : भारतीय वायुसेना का शानदार हवाई प्रदर्शन, आसमान में दिखा मनमोहक नजारा

अरविंद केजरीवाल ने बताया, कब करेंगे भाजपा के लिए प्रचार

भोपाल की फैक्टरी से 1,814 करोड़ का एमडी मादक ड्रग्स और कच्चा माल जब्त

सभी देखें

नवीनतम

जानें डिग्री से ज्यादा स्किल क्यों है जरूरी और एम्प्लॉयर कैसे बदल रहे भर्ती रुझान!

QS Global MBA Ranking : दुनिया के टॉप 100 संस्थानों की सूची जारी, भारत के ये Institute हैं शीर्ष पर

LLB अंतिम वर्ष के छात्र भी दे सकेंगे AIBE की परीक्षा, Supreme Court ने BCI को दिए आदेश

12वीं कॉमर्स के बाद शीर्ष अकाउंट्स और फाइनेंस कोर्सेस

रिटायर्ड मेजर जनरल से ठगे 2 करोड़ रुपए, साइबर अपराधियों ने इस तरह फैलाया जाल